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lockdown-lock-on-the-film : लॉकडाउन में सबसे ज्यादा फिल्म इंडस्ट्री प्रभावित, इस वर्ष 43 फिल्में रिलीज, लॉकडाउन से पहले इरफान की मूवी अंग्रेजी मीडियम आखिरी बड़ी फिल्म

राशिफल

मुंबई : लॉकडाउन में सबसे ज्यादा अगर किसी को नुकसान हुआ है तो वह फिल्म इंडस्ट्री है. फिल्म इंडस्ट्री की बात करें तो भारत वर्ष में लोग घूमने के अलावा फिल्म देखना भी पसंद करते हैं, जहां लोग मनोरंजन के लिए फिल्म देखने जाते हैं. इसी के साथ लॉकडाउन में फिल्म इंडस्टीज को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. फिल्म इंडस्ट्री की बात करें तो लॉकडाउन से पहले यानी मार्च 2020 से पहले 40 फिल्में रिलीज हुई थीं. जिसमें से सिर्फ अजय देवगन की फिल्म ‘तान्हाजी : द अनसंग वॉरियर’ ने 250 करोड़ कमाए थे. वहीं बाकी फिल्में ऊपर- नीचे रहीं. सिमामा घरों में इरफान खान की फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ आखिरी बड़ी फिल्म रही. वहीं भारत वर्ष में लॉकडाउन 24 मार्च से लग गया था, प्रधानमंत्री मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 मार्च की रात कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए भारत वर्ष में 21 दिन के पहले लॉकडाउन की घोषणा की थी. लॉकडाउन भले ही भारत वर्ष में 24 मार्च से लगाया गया, परन्तु सिनेमा घरों को 13 मार्च से ही केंद्र द्वारा बंद करने की अनुमति मिल गई थी. इस वजह से सिनेमा घरों को पहले ही बंद कर दिया गया था. वहीं लॉकडाउन खत्म होने के बावजूद भी सिनेमाघरों को काफी दिनों तक बंद ही रखा गया. वहीं एक माह पूर्व ही सिनेमा घरों को खोला गया है. सिनेमा घरों को खोलने के बाद लोगों की उपस्थिति बहुत कम देखी जा रही है. भारत वर्ष में कुल 9600 स्क्रीन है, जिसमें 3500 मल्टीप्लेक्स स्क्रीन हैं. इस वर्ष अब तक 43 फिल्में रिलीज की जा चुकी हैं, जिसे अब सिनेमा घरों में भी देखा जा सकता है. इन फिल्मों में नेल पॉलिश, राम प्रसाद की तेरवी, कागज, 12 ओ क्लॉक, द पावर, बोलो हौ, त्रिभंगा, जामुन, मैडम चीफ मिनिस्टर, मसाब, सत्य साई बाबा, लॉहोर कॉन्फिडेंशियल, आधार, सक्सी, बावरी छोरू, टयूज डे एण्ड फ्राईडे, टेंक क्लिनर, द गर्ल आन द ट्रेन, बॉम्बे रोज, रूही, मेरा फौजी कॉलिंग, टाइम टू डास, संदीप और पिकीं फरार, मुबंई सेज, द वाइफ, पगलैट, साइलेस : कैन यू हेअर मी जैसी फिल्में जनवरी से लेकर मार्च तक सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी हैं. वहीं सिनेमा घरों में कार्य कर रहे 30 से 50 स्टॉफ मेंमबर्स की पूरी देखरेख के लिए करीब 1 करोड़ रुपय खर्च होते हैं. एक माह में सिनेमा घरों का कुल खर्च 1 करोड़ रुपये तक आता है. इस महामारी में सबसे ज्यादा सिनेमा घरों के मालिक व फिल्म इंडस्ट्रीज को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं लॉकडाउन के एक साल के बाद सिनेमा घरों की रौनक वापस आ गई है. सिनेमा घरों को उम्मीद है अच्छी फिल्मों के साथ फिर से एक नई शुरूआत की जाएगी. वहीं लॉकडाउन के समय ओटीटी के माध्यम से भी कई फिल्में प्रकाशित की गयी, जिससें प्रोड्यूसर्स को लॉकडाउन के समय में कुछ सहायता प्राप्त हुई. बता दे कि प्रति फिल्म की लागत 5 से 6 करोड़ रुपये होती है. वहीं सिनेमा घरों से फिल्म की कमाई एक फिल्म पर दो सौ से तीन सौ करोड़ रुपये पहुंच जाती है.

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