जमशेदपुर : कोरोना के मामले देश भर में तेजी होने तथा विभिन्न राज्यों द्वारा अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाए जाने का सीधा असर झारखण्ड सहित देश भर में व्यापार एवं आर्थिक गतिविधियों पर पड़ा है. जिसके चलते देश भर में विभिन्न स्थानों का व्यापार पिछले 15 दिनों में औसतन 50 फीसदी से अधिक कम हुआ है. देश में कुल रिटेल व्यापार लगभग 150 लाख करोड़ रुपये का होता है -यह बताते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार एवं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा है कि कोरोना से बचाव के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं, इस पर कोई दो राय नहीं हो सकती है किन्तु प्रतिबंधों के साथ व्यापारिक एवं आर्थिक गतिविधियां भी सुचारू रूप से चलते रहें, इसको ध्यान में रख कर तथा देश भर के व्यापारी संगठनों के साथ राय मशवरा करते हुए ही यदि कोरोना से संबंधित कदम उठाये जाएँ तो ज्यादा ठीक होगा. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने कहा कि दिल्ली में ऑड-ईवन जैसे कदम एक निरर्थक प्रयास साबित हुए है जिसने सुचारू व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को प्रतिबंधित कर दिया है. (नीचे भी पढ़ें)
इस प्रकार के प्रतिबंधों के साथ साप्ताहिक लॉकडाउन ने व्यावसायिक गतिविधियों को या तो केवल दो दिन या एक सप्ताह में तीन दिनों के लिए के लिए ही व्यापार करने के लिए छोड़ा है जिससे व्यावसायिक गतिविधियां भी काफी हद तक कम हो गई हैं. खंडेलवाल और सोंथालिया ने बताया की कोरोना के विभिन्न प्रकार के प्रतिबंधों के चलते देश भर में पिछले दस दिनों के व्यापार में औसतन 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. शहर से बाहर का आने वाला खरीदार अपने शहर से बाहर नहीं निकल रहा है जबकि रिटेल की खरीदारी करने के लिए उपभोक्ता भी जरूरत पड़ने पर ही सामान खरीदने के लिए बाजार जा रहे हैं. इस दोहरी मार से देश का व्यापार बुरी तरह से अस्त व्यस्त होना शुरू हो गया है, जिस पर केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों को ध्यान देने की जरूरत है. कैट ने यह भी बताया की शादियों के सीजन का व्यापार जो मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी से शुरू हो गया हैं तथा जिसमें आगामी ढाई महीने में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के व्यापार होने का अनुमान था ,उसमें विभिन्न सरकारों द्वारा शामिल होने वाले लोगों पर लगाए गए प्रतिबंधों से इस व्यापार में काफी गिरावट आई है ! अब यह अनुमान है कि व्यापार के इस वर्टिकल में आगामी ढाई महीने में लगभग 1 .25 लाख करोड़ रुपये का व्यापार ही होने की सम्भावना है जिसका अर्थ ये हुआ।कि अकेले इसी सेक्टर में 2.5 लाख करोड़ के नुकसान का अनुमान है.