जमशेदपुर : सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विजय आनंद मुनका ने भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अवगत कराते हुए नये प्रावधानों पर विरोध जताया है। उल्लेखनीय है कि नए प्रावधान 1 जनवरी 2022 से लागू होने की सूचना है, जिसके अंतर्गत जीएसटी के पदाधिकारी व्यवसायिक प्रतिष्ठानों, उद्योगों में स्वयं जाकर कर वसूली करेंगे। श्री मुनका ने कहा है कि सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज इस निर्देश का पुरजोर विरोध करता है तथा वित्त मंत्री से आग्रह करता है कि इस निर्देश को वह वापस लें। उन्होंने कहा है कि सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज यह सुझाव देता है कि जिससे कर वसूलना है पहले उसके यहां एक नोटिस दी जाए एक समय सीमा निर्धारित की जाए अगर उस समय सीमा के अंदर कर भुगतान नहीं होता है तत्पश्चात आगे की कार्रवाई की जानी चाहिए। इस तरह की कार्रवाई करने से जीएसटी के पदाधिकारीगण उद्योगों में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में पहुंचकर सीधे कर वसूली की कार्रवाई करेंगे तो कहीं न कहीं सीधे तौर पर इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार बढ़ेगा। वहीं दूसरी ओर व्यापारियों और उद्यमियों में हतोत्साहित का माहौल बनेगा।
उन्होंने कहा है कि पिछले ढाई वर्षो से कोरोना काल के कारण कई उद्यमी, व्यापारी कई कारणों से त्रस्त है, किसी ने व्यापार खोया है, किसी ने अपना जनों को खोया है, किसी ने परिवार खोया है, किसी ने अपने मित्र को खोया है। अभी अर्थव्यवस्था संभालने को आई है। इस तरह के रूढ़िवादी कानून कहीं ना कहीं राजस्व हित में, राष्ट्रहित में और जनहित में नहीं है। अगर यह कानून वापस नहीं लिया गया तो सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स कड़े कदम उठाने पर एवं सड़क पर उतरने पर मजबूर हो जाएगा। इसकी एक प्रतिलिपि प्रधानमंत्री को भी प्रेषित की गई है और चैम्बर आशा करता है कि वित्त मंत्री राष्ट्रहित में, राजस्व हित में और जनहित में सकारात्मक निर्णय लेंगे जिसके चलते व्यापार और उद्योग और भी फलीभूत होगा और जीएसटी जिस तरह से प्रतिमाह कलेक्शन के नए रिकॉर्ड को छू रहा है उसी तरह आगे बढ़ते रहेगा। यह तभी संभव है जब की व्यापारियों को सम्मान मिलेगा और व्यापारी अपना व्यापार सम्मान से कर सकेंगे।