चाईबासा : एसीसी प्रबंधन और रैयतों के बीच एक अरसे से चल रहे विवाद का पटाक्षेप चाईबासा के विधायक दीपक बिरुवा की सक्रियता से हो गया। शनिवार को समाहरणालय सभागार में उपायुक्त के निर्देश पर प्रभारी एडीसी एजाज अनवर की अध्यक्षता में तथा विधायक दीपक बिरुवा की मौजूदगी में एसीसी प्रबंधन -मानकी मुंडा और रैयतों की संयुक्त वार्ता हुई। इसमें एसीसी कंपनी द्वारा 45 रैयतों को नौकरी देने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। वार्ता सफल होने के बाद विधायक दीपक बिरुवा ने कहा एसीसी प्रबंधन और रैयतों के विवाद सुलझाने हेतु कई चरणों में बैठक हुई। अंततः आज की बैठक सफल रही, जिसमें एकरारनामा करते हुए 45 रैयतों को एसीसी प्रबंधन ने नौकरी देने की सहमति दी। विधायक श्री बिरुवा ने कहा कि रैयतों को नियुक्ति पत्र मुख्यमंत्री द्वारा दिया जाएगा। जल्द ही इसकी तिथि तय की जाएगी। विधायक ने एसीसी प्रबंधन के समक्ष युवाओं को जाॅब ओरिएंटेड ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव रखा, जिस प्रबंधन ने सहमति भी जताई। (नीचे भी पढ़ें)
प्रभारी एडीसी एजाज अनवर ने कहा कि विधायक दीपक बिरुवा की पहल पर एसीसी प्रबंधन और रैयतों के बीच का विवाद खत्म हुआ। उन्होंने प्रबंधन और रैयतों को एक दूसरे का पूरक बताया। एसीसी प्लांट डायरेक्टर राज गुरंग ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है। जिन 45 रैयतो को नौकरी मिलेगी, वे नया खदान F-3 में जुड़ेंगे। डायरेक्टर ने कहा कि बेरोजगारी बचाने के लिए F-3 नया खुदान बचाना जरुरी था। विधायक जी और प्रशासन और मानकी मुंडा के सहयोग से विवाद आज खत्म हुआ। वार्ता में एसीसी प्रबंधन की ओर से प्लांट डायरेक्टर राज गुरंग, डीजीएम एचआर विल्सन डेविड, डीजीएम माइंस संजीव त्रिपाठी, चीफ मैनेजर बासुदेव मुंडा के अलावा नीमडीह मुंडा मानकींद्र सिंह बालमुचू, दोकट्टा ग्रामीण मुंडा रसिका होनहागा, पीढ़ इलाका मानकी सिकंदर बिरुली, ग्रामीण मुंडा मुकेश हेस्सा समेत रैयतों में तुराम बिरुली, ब्रजमोहन गोडसोरा, बिरसा हेस्सा, मानकी हेस्सा, रोबिन हेस्सा, सिद्धार्थ हेस्सा, बालमुकुंद बारी, दामू सिंह हेस्सा, जयसिंह होनहागा, बीरबल होनहागा, शशिभूषण हेस्सा, वीरसिंह गोडसोरा, कृष्ण चंद्र कालुंडिया, जारगी हेस्सा, सिद्धार्थ हेस्सा, दुलबू हेस्सा व अन्य शामिल थे।