जमशेदपुर : बैंकों के विलय के खिलाफ समेत अन्य मांगों को लेकर मंगलवार को बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे. कोल्हान के करीब 500 बैंकों के करीब 1 लाख कर्मचारी हड़ताल पर रहे. इस दौरान बैंकों के आगे कर्मचारी आंदोलन करते नजर आये. इस दौरान बैंकों के कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखा गया. देश भर के बैंकों के हड़ताल के आह्वान पर यह बंद रहा. इस दौरान सिर्फ कोल्हान में करीब 400 करोड़ का लेन-देन प्रभावित रहा. ये सारे बैंकों के कर्मचारी 6 बैंकों का विलय अन्य चार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में करने का विरोध कर रहे है. सरकार के मुताबिक, एक अप्रैल से छह बैंक पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक, कैनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक, इलाहाबाद बैंक में इंडियन बैंक का विलय किया गया है.
ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज यूनियन और बैंक इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंको के विलय का विरोध करते हुए यह आंदोलन शुरू किया है. बैंक मर्जर, लोन का बकाया का भुगतान नहीं करने वालों से रिकवरी, विलफुल डिफॉल्टर का विरोध एवम सरकार के द्वारा श्रम विरोधी कानून के विरोध में यह हड़ताल चल रही है. इन लोगों ने कहा है कि अगर सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो वे लोग आंदोलन को और उग्र करेंगे और जरूरत पड़ी तो अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर जा सकते है. ये सारे कर्मचारी लगभग सारे बैंकों में हंगामा करते रहे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
सीटू ने किया समर्थन
सीटू की कोल्हान जिला कमिटी ने बैंक कर्मचारियों की 22 अक्तूबर की देशव्यापी हड़ताल को समर्थन दिया है. सनद रहें यह हड़ताल वेतन बढ़ाने के लिए नही बल्कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ सार्वजनिक बैंकिंग उद्योग को बचाने, बैकों द्वारा सेवा और जुर्माना शुल्क के नाम पर उपभोक्ताओं पर बोझ बढाने, बैंकों का बिलय कर बैंकिंग क्षेत्र में रोजगार के अवसर बंद करने, कार्पोरेट घरानों द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का दश लाख करोड़ रुपये एनपीए के नाम पर हड़पे जाने तथा बैंक कर्मियों के नौकरी की सुरक्षा पर हमला एवं बैंकिंग सेवाओं को आउटसोर्स करने के खिलाफ आयोजित किया गया है. इसके अलावा, अनर्जक परिसंपत्ति की स्थिति की सुधार की दिशा में, बुरे ऋणों की वसूली सुनिश्चित करना, सामान्य खाता धारकों के लिए जमा दरों पर ब्याज में वृद्धि करना और सभी रिक्त पदों को सीधे प्रत्यक्ष नियुक्ति के माध्यम से भरने जैसा बैंक कर्मचारियों की मांगों का भी सीटू समर्थन करता है. सीटू के आह्वान पर, इसके सम्बंधित यूनियनों जैसे, आइएमयू-टीकेयू, बीएसएसआर यूनियन आदि ने भी बैंक कर्मचारियों के संघर्ष के प्रति एकजुटता व्यक्त किया है.