कंपनी एंड ट्रेड यूनियनव्यापारीहित में CAIT ने एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के ख़िलाफ़ की युद्ध की...
spot_img

व्यापारीहित में CAIT ने एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के ख़िलाफ़ की युद्ध की घोषणा, अब आर या पार की लड़ाई, एमेजॉन-फ्लिपकार्ट भारत छोड़ो का लगा नारा

राशिफल

जमशेदपुर : कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया (कैट-CAIT) ने एमेजॉन और फ्लिपकार्ट सहित उन सभी इ-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी युद्ध की घोषणा की है. इसके तहत भारत सरकार की एफडीआइ पालिसी का उल्लंघन करते हुए देश के रिटेल व्यापार को तहस-नहस करने में लगे है और देश के 7 करोड़ व्यापारियों के व्यापार को तबाह करने में जुटे हैं. कैट ने इस मुद्दे को देश के व्यापारियों के व्यापार के लिए बेहद घातक बताते हुए अब सड़क का मोर्चा भी खोल दिया है. कैट ने कहा है की यह लड़ाई देश के 7 करोड़ व्यापारियों के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई है और देश के व्यापारी किसी भी कीमत पर देश में दूसरी इस्ट इंडिया कंपनी को नहीं उभरने देंगे. हालांकि इस मुद्दे पर कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को पहले ही इन कंपनियों के खिलाफ शिकायतों का पुलिंदा दे रखा है जिसको लेकर वाणिज्य मंत्रालय ने एमेजॉन एवं फ्लिपकार्ट से जवाब-तलब किया हुआ है. वहीँ कैट ने राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच में भी इस मुद्दे पर एक याचिका डाल रखी है क्योंकि एमेज़ॉन एवं फ्लिपकार्ट फिर भी पहले की तरह अपने पोर्टल पर लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, उत्पादों पर भारी छूट देना, पोर्टल पर होने वाली बिक्री को नियंत्रित करना, अपनी पसंद के विक्रेताओं को अपने पोर्टल पर ज्यादा आर्डर देना और बाज़ार में कीमतों को प्रभावित करने से पीछे नहीं हटी है, इसलिए यह मुद्दा देश के रिटेल व्यापार के लिए बेहद बड़ा और गम्भीर होता जा रहा है जिसने देश के व्यापारी समुदाय को बड़ी चिंता में डाल दिया है. कैट ने कहा की ऐसा प्रतीत होता है कि इन कम्पनियों को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री द्वारा समय-समय पर दी गई चेतावनी और भारतीय क़ानून और नीतियों की कोई परवाह नहीं है. इसलिए वो अपने पोर्टल पर अपने बिज़्नेस मॉडल को जारी रखे हुए हैं जिसमें स्पष्ट रूप से नीतियों का उल्लंघन है. कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थलिया ने एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के रवैए की कड़ी आलोचना करते हुए कहा की कैट इस मुद्दे पर शीघ्र ही एक राष्ट्रीय आंदोलन शुरू कर रहा है जिसकी रूपरेखा तय करने के लिए कैट ने आगामी 10 नवम्बर को नई दिल्ली में अपनी राष्ट्रीय गवर्निंग काउन्सिल की आपात बैठक बुलाई है जिसमें देश के सभी राज्यों के व्यापारी नेता शामिल होंगे. आंदोलन के विभिन्न चरणों की जानकारी देते हुए बताया की 13 नवम्बर को कैट के व्यापारी प्रतिनिधिमंडल देश भर में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों को ज्ञापन देंगे. 20 नवम्बर को देश के सभी राज्यों में लगभग 200 शहरों में धरने आयोजित किए जाएँगे. 25 नवम्बर को देश के 500 से अधिक ज़िलों में व्यापारी मार्च निकाले जाएँगे और ज़िला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम के ज्ञापन दिए जाएँगे. इन कम्पनियों के अनैतिक व्यापार के ख़िलाफ़ देश के लगभग 1 हज़ार से अधिक शहरों में विरोध मार्च निकाले जाएँगे. 2 दिसम्बर को देश के सभी राज्यों की राजधानियों में व्यापारी रैली आयोजित होंगी जिसमें राज्य भर के हज़ारों व्यापारी शामिल होंगे. उसी दिन कैट प्रतिनिधिमंडल सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन देगा. यह भी बताया की इस मुद्दे पर देश भर के प्रमुख व्यापारी नेताओं की एक रैली 10 दिसम्बर तक दिल्ली में होगी जिसमें देश भर से हज़ारों व्यापारी शामिल होंगे. वहीं जनवरी में दिल्ली में एक तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन होगा जिसमें देश भर के 10 हज़ार से ज़्यादा व्यापारी शामिल होंगे. श्री खंडेलवाल और श्री सोन्थलिया ने बताया की इस आंदोलन में व्यापारियों के अलावा ट्रांसपोर्ट, लघु उद्योग, किसान, हाकर्स, उपभोक्ता एवं स्वयं उध्यमियों सहित स्वदेशी जागरण मंच को भी जोड़ा जाएगा और रिटेल के इन सभी वर्गों के राष्ट्रीय संगठनों के नेताओं को 10 नवम्बर को दिल्ली में होने वाली बैठक में आमंत्रित किया गया है.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading