कंपनी एंड ट्रेड यूनियनcii-jharkhand-सीआइआइ झारखंड का आयोजित हुआ सेफ्टी पर परिचर्चा, झारखंड के चीफ फैक्ट्री...
spot_img

cii-jharkhand-सीआइआइ झारखंड का आयोजित हुआ सेफ्टी पर परिचर्चा, झारखंड के चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर का सम्मेलन में खुलासा-एक साल में कंपनियों में हो चुकी है 1000 से ज्यादा दुर्घटनाएं, जिसको रोकना चुनौती, तकनीक का इस्तेमाल कर रोकी जा सकती है दुर्घटनाएं, टाटा स्टील के वीपी चाणक्य बोले-देखिये-video

राशिफल

टाटा स्टील के वीपी कारपोरेट सर्विसेज चाणक्य चौधरी का बयान-वीडियो-video.

जमशेदपुर : जमशेदपुर के बेल्डीह क्लब प्रेक्षागृह में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की ओर से तीसरा झारखंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. इसके तहत सेफ्टी के विभिन्न उपकरणों के साथ-साथ हाल के दिनों में डिजिटिलाइजेशन की दुनिया में किस तरह का अलर्ट रहना है, उसके बारे में विस्तार से चर्चा की गयी. इस दौरान टटा स्टील के वीपी कारपोरेट सर्विसेज सह झारखंड सीआइआइ के अध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने स्वागत भाषण दिया जबकि चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर गोपाल कुमार मौजूद थे. इस मौके पर अपने संबोधन में चीफ फैक्ट्री इंस्पेक्टर गोपाल कुमार ने कहा कि सेफ्टी कई तरह के मायने से महत्वपूर्ण होता है और इसके कई तरह के आयाम होते है. फैक्ट्री और माइंस एक्ट आने के बाद से सेफ्टी की दिशा में काफी काम हुआ है. गोपाल कुमार ने बताया कि अगर दुनिया की बात की जाये तो विश्व की आबादी का 7 फीसदी आबादी शॉप फ्लोर में बतौर मजदूर या इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे है. श्री गोपाल ने कहा कि झारखंड में अकेले एक हजार से अधिक गंभीर घटनाएं कंपनियों में हुआ है, जिसमें कई मौतें भी हुई है. सेफ्टी में तकनीक का इस्तेमाल करना अभी समय की मांग है और सेफ्टी ऑफिसर और सेफ्टी से जुड़े लोगों को इसके जरिये जरूर जोड़ने की जरूरत है. डिजिटल उपयोग से हम लोग इसको रोक सकते है और दुर्घटनाओं पर भी काबू पाया जा सकता है. (नीचे देखे पूरी खबर)

सीआइआइ के कार्यक्रम में मौजूद सारे अतिथिगण.

इस मौके पर सीआइआइ झारखंड के चेयरमैन चाणक्य चौधरी ने कहा कि टाटा स्टील की ओर से अभी इस प्रोसेस का इस्तेमाल किया जा रहा है कि मानव, मशीन के बीच कोई मुलाकात ही नहीं हो और ज्यादा से ज्यादा दूरी से ही काम हो जाये ताकि किसी तरह की दुर्घटनाओं को रोका जा सके. किसी भी संस्थान को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है कि सेफ्टी को तकनीक से जोड़कर काम किया जाये और व्यवहार में सेफ्टी को लाया जा सके. मशीन से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी है कि टॉप मैनेजमेंट हो या फिर कर्मचारी, हर कोई सेफ्टी को अपनी जिंदगी मे आत्मसात करें और सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम का पालन किया जाये. उन्होंने टाटा स्टील में सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम को और दुरुस्त करने पर जोर दिया गया है ताकि कर्मचारियों को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित काम का स्थान उपलब्ध कराया जा सके. इस मौके पर सीआइआइ झारखंड के पूर्व अध्यक्ष सह इंडियन स्टील वायर प्रोडक्ट के एमडी नीरजकांत ने भी अपने संबोधन में कहा कि सेफ्टी प्रोग्राम को और बेहतर और इसको अपने व्यवहार के जरिये दुर्घटनाओं को कम किया जाना चाहिए. इस मौके पर टाटा स्टील के चीफ सेफ्टी नीरज कुमार सिन्हा ने कहा कि सेफ्टी निरंतर चलने वाली यात्रा है, जो हर दिन और हर समय जरूरी है और इसको अपनी जिंदगी में आत्मसात करना होगा. उन्होंने कहा कि डिजिटिल और तकनीक के जरिये टाटा स्टील में लगातार काम किया जा रहा है और ड्रोन, रोबोटिक्स का इस्तेमाल, डाटा एनालिटिक्स समेत तमाम चीजों को लेकर टाटा स्टील में जो सतत प्रक्रिया चली है, जिसके कारण दुर्घटनाओं को रोकने में हम लोग कामयाब हुआ है. सीआइआइ झारखंड के वाइस चेयरमैन सह हाइको इंजीनियरर्स के एमडी तापस साहू, सीआइआइ के वाइस चेयरमैन सह इमडेट जमशेदपुर के एमडी रंजोत सिंह ने भी लोगों को संबोधित किया. इस मौके पर अडानी इंटरप्राइजेज के सीनियर वीपी मुकेश सक्सेना, टाटा कम्यूनिकेशंस के सेल्स व सोल्यूशन के हेड स्ट्रैटेजिक इंगेजमेंट राजीव देसाई, टाटा स्टील के चीफ बिजनेस ट्रांस्फोरमेशन सराजीत झा, हिंडालको इंडस्ट्रीज के हेड कारपोरेट सेफ्टी सह ज्याइंट प्रेसिडेंट सुनील बाइलवार, टाटा मोटर्स के डिफेंस फैक्ट्री के डीजीएम बीबी शरण, टाटा मोटर्स के जीएम कारपोरेट सेफ्टी डॉ अरुण एस काले, नुवोको विस्टास कार्प के एवीपी सेफ्टी बिमल घोष, एलएंडटी कंस्ट्रक्शन के देवाशीष सिन्हा, चीफ सेफ्टी टाटा पावर सुरेश खेतवानी समेत अन्य लोगों ने भी सेफ्टी पर प्रकाश डाला. इस दौरान कई सारी दुर्घटनाओं के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गयी.

Must Read

Related Articles

Floating Button Get News On WhatsApp
Don`t copy text!

Discover more from Sharp Bharat

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading