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dr-jj-irani-condolence-टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ जेजे ईरानी के देहांत होने पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने यह बातें कहीं, टाटा स्टील के एमडी ने कहीं उनकी याद में यह बातें, पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा-डॉ ईरानी के कारण ही बस्तियों में मिलने लगा था पानी-बिजली, पढ़े पूरी रिपोर्ट

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टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन.

जमशेदपुर : टाटा स्टील के पूर्व एमडी सह टाटा संस के निदेशक रह चुके डॉ जेजे ईरानी के निधन पर हर कोई शोक संतप्त है. खास तौर पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त किया है. एन चंद्रशेखरन ने कहा कि डॉ जेजे ईरानी एक सर्वोत्कृष्ट टाटा के ही व्यक्ति थे. उनका इस्पात उद्योग में बहुत बड़ा योगदान है. वह एक विशाल कारपोरेट व्यक्तित्व थे. टाटा समूह में हम सभी को डॉ जेजे ईरानी की याद बहुत आयेगी और हम उनकी दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते है. (नीचे देखे पूरी खबर)

टाटा स्टील के एमडी ने जताया शोक (नीचे देखे पूरी खबर)

टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन.

टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने उनके देहांत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि डॉ ईरानी ने नब्बे के दशक में टाटा स्टील को बदल दिया और हमें दुनिया में सबसे कम लागत वाले स्टील उत्पादकों में से एक बना दिया. उन्होंने एक मजबूत नींव बनाने में मदद की, जिस पर हम बाद के दशकों में विकसित हुए. वह देश में टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट (टीक्यूएम) आंदोलन के अग्रदूतों में से एक थे. उन्होंने साहस और दृढ़ विश्वास के साथ नेतृत्व किया और टाटा स्टील में तब और अब के कई लोगों के लिए एक आदर्श और सलाहकार रहे है. टाटा स्टील के अतीत और वर्तमान के कर्मचारी अशांत समय के दौरान उनके नेतृत्व के ऋणी हैं. (नीचे देखे पूरी खबर)

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास.

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने डॉ ईरानी को किया याद
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने डॉ जेजे ईरानी को अपने तरीके से याद किया. उन्होंने कहा कि टिस्को (अब टाटा स्टील) के पूर्व प्रबंध निदेशक पद्मभूषण डॉ जमशेद जे ईरानी का जमशेदपुर की धरती से गहरा लगाव था. उन्होंने टाटा स्टील से सेवानिवृत होने के बाद भी जमशेदपुर में ही रहना उचित समझा. लौहनगरी की इसी धरती पर उन्होंने अंतिम सांस ली. श्री दास ने कहा कि वे टाटा स्टील के पूर्व एमडी डॉ. ईरानी के उद्योगहित, मजदूर हित और जनहित में किये गये कार्यों को सलाम करते हैं. उनकी कर्मनिष्ठा उनको प्रभावित करती रही है और समझता हूं कि उद्योग जगत के लिए एक माइल स्टोन का कार्य करेगा. डॉ ईरानी ने टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक की हैसियत से जमशेदपुर वासियों के लिए जो किया उसे भुलाया नहीं जा सकता है. उनके इसी जन कल्याण की भावनाओं की वजह से मैं उन्हें पसंद करता था. उन्होंने जमशेदपुर के लोगों के लिए जो किया उसकी जितनी भी सराहना की जाय कम है. (नीचे देखे पूरी खबर)

मैंने जब भी जमशेदपुर पूर्वी के विधायक की हैसियत से उनके समक्ष जमशेदपुरवासियों के हित में कोई प्रस्ताव रखा उन्होंने सहर्ष कहा- ‘होयेगा रघुबीर होयेगा. श्री दास ने कहा कि वे उनको ‘रघुबीर नाम से संबोधित करते थे. मैं जब 1995 में जमशेदपुर पूर्व क्षेत्र से विधायक चुना गया था तो जमशेदपुर के गैर कंपनी क्षेत्र में टिस्को (अब टाटा स्टील) पानी, बिजली एवं सड़क आदि नागरिक सुविधायें नहीं देती थी. डॅा. ईरानी के समक्ष मैंने गैर कंपनी क्षेत्र की 86 बस्तियों में नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा तो उन्होंने इसे चरणवद्ध लागू करने पर सहमति प्रदान की. अंतत: डॉ. ईरानी के आदेश पर वर्ष 96-97 से टिस्को ने 86 बस्तियों में चरणबद्ध नागरिक सुविधाएं देना प्रारंभ किया गया. डॉ. ईरानी के इस कदम की जितनी भी सराहना की जाये कम है. इसके पहले कभी किसी गैर कंपनी क्षेत्र की संस्था, व्यक्ति को बिजली, पानी का कनेक्शन या बस्तियों में सड़क, नाली की सुविधाएं नहीं उपलब्ध करायी गयी थी. उनके आदेश पर पहली बार साकची गुरुद्वारा बस्ती, काशीडीह बगान एरिया, शिव सिंह बगान एरिया, रामदेव बागान और पटेलनगर के निवासियों को बिजली, पानी के कनेक्शन दिये गये. इसी अवधि में पहली बार बागुननगर में सरकारी निधि से निर्मित सड़क का उन्होंने जब उद्घाटन किया तो इसकी काफी सराहना की थी. इस सरकारी सड़क की गुणवत्ता ने उन्हें काफी प्रभावित किया था. इसके बाद शहर के विकास के लिए उन्होंने दिल खोलकर काम किया. बस्तियों की जनता के लिए उन्होंने जो किया उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है. रघुवर दास ने कहा कि मेरा डॉ. ईरानी के साथ एक मजदूर के रूप में तथा एक जनप्रतिनिधि के रूप में जो संबंध रहा है, उसे मैं अपने जीवन का सबसे बेहतर समय मानता हूं. इस स्नेह एवं प्यार के लिए मैं हमेशा उनका शुक्रगुजार रहूंगा. डॉ. ईरानी का व्यक्तित्व आकर्षक और अक्खड़ था, वे उद्योग हित के साथ मजदूर हित, लोकहित के सच्चे शुभचिंतक थे. उनका अक्खड़पन भी सराहनीय रहा है. उन्हें जो उचित लगता था उसे ‘होयेगाÓ कहते थे. कभी गलत एवं अनुचित काम के लिए हामी नहीं भरते थे. इस्पात उद्योग में उनके योगदान के लिए ही उन्हें भारत सरकार के पद्म भूषण की उपाधि से सम्मानित किया था. डॉ. ईरानी की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिली शोहरत का ही नतीजा था कि उन्हें इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया था.

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