जमशेदपुर : उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को इंकैब कंपनी (केबल कंपनी) के पूर्व परिसमापक (liquidator) शशि अग्रवाल द्वारा एनसीएलएटी के 4 जून के आदेश को चुनौती देते हुए दायर अपील संख्या 2209-2210/2021 और कमला मिल्स द्वारा दायर अपील संख्या 2278-2279/2021 की सुनवाई न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश बेला एम त्रिवेदी की पीठ में हुई. अदालत ने शशि अग्रवाल के अधिवक्ता से पूछा कि वे अपने अपील की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में करवाना चाहते हैं या आईबीबीआई (Insolvency and Bankruptcy Board of India) में? इस पर शशि अग्रवाल के अधिवक्ता ने कहा कि अगर उन्हें आईबीबीआई में जाने का निर्देश दिया जाता है तो वे अपनी अपील वापस ले लेंगे. इस पर जमशेदपुर के मजदूरों का प्रतिनिधित्व कर रहे भगवती सिंह के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने अदालत से कहा कि शशि अग्रवाल पर बेहद संगीन आरोप हैं. उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित इंकैब की कुल 21.63 करोड़ रुपये की देनदारियों को बढ़ाकर अविश्वसनीय रूप से 2339 करोड़ रूपये कर दिया. कोलकाता प्लांट के मजदूरों के अधिवक्ता ऋषभ बनर्जी ने कहा कि आईबीबीआई की कार्यवाही में वे पक्ष नहीं है. इस पर अदालत ने व्यवस्था दी कि आईबीबीआई की कार्यवाही में इंकैब के मजदूर पक्ष होंगे और उस कार्यवाही में अपना पक्ष रख सकेंगे. अदालत ने उसके बाद इंकैब के मजदूरों को 15 दिनों के भीतर आईबीबीआई में अपना-अपना हलफनामा दायर करने के लिए कहा. इसके साथ ही शशि अग्रवाल के अधिवक्ता को शशि अग्रवाल की अपील संख्या 2209-10/ 2021 को वापस लेने की इजाजत दी गयी. इसके बाद कमला मिल्स की अपील की सुनवाई अदालत ने सबसे अंत में रखने का प्रस्ताव दिया. इस पर कमला मिल्स के अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अपनी व्यस्तता का हवाला देते हुए इसकी सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित करने की प्रार्थना की. अदालत ने कमला मिल्स के अधिवक्ता की प्रार्थना स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई सोमवार के लिए तय कर दी. जमशेदपुर के कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव, अवनीश सिंहा, संजीव महंती, पी एस चन्द्रलेखा और आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया. कोलकाता के कर्मचारियों के तरफ से ऋषभ बनर्जी और शशि अग्रवाल की तरफ से वरीय अधिवक्ता केवी विश्वनाथन और कमला मिल्स की तरफ से अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और रूद्रेश्वर सिंह ने अदालत की कार्यवाही में हिस्सा लिया.