जमशेदपुर : कोल्हान की सबसे बड़ी औद्योगिक और व्यापारिक संस्थान सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एवं जमशेदपुर चार्टर्ड एकाउंटेंट सोसाइटी ने आयकर विभाग टीडीएस के मिलकर बिष्टुपुर स्थित चैम्बर भवन में टीडीएस और टीसीएस पर सेमिनार का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में एचके लाल आयुक्त, आयकर विभाग (सीआईटी टीडीएस) बिहार-झारखण्ड एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में मनीष कुमार झा, सीआईटी टीडीएस सर्किल-2, रांची उपस्थित थे. इसके अलावा अतिथि के रूप में आयकर, टीडीएस अधिकारी अंजलि लकड़ा एवं के श्रीनिवास उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलित कर किया गया. इसके बाद विषय प्रवेश तथा मंच संचालन करते हुए मानद महासचिव मानव केडिया ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाया. अध्यक्षीय भाषण देते हुए अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने टीडीएस सर्टिफिकेट से संबंधित फॉर्म 16-ए की समस्याओं और मुद्दों को उपस्थित आयकर अधिकारियों के समक्ष उठाया. जमशेदपुर चार्टर्ड एकाउंटेंट सोसाइटी के अध्यक्ष जगदीश खंडेलवाल ने भूमि क्रय के उपर लगने वाले टीडीएस पर निबंधन विभाग द्वारा श्रोत पर कटौती पर अपनाने वाली नीति एवं इस पर आनेवाली समस्याओं पर अपनी बातों को रखा. उपाध्यक्ष वित्त व टैक्स दिलीप गोलछा ने अपनी बातों को रखते हुए टीडीएस की ऑनलाईन जटिलताओं के साथ नये सेक्शन 194क्यू/206-1एच से संबंधित समस्याओं को पदाधिकारियों के समक्ष रखा. सेमिनार उपस्थित आयकर टीडीएस पदाधिकारी अजलि लकड़ा ने संचालन अपने हाथों में लेते हुये कार्यक्रम को आगे बढ़ाया तथा आयकर टीडीएस की सरकार द्वारा की जाने वाली प्रावधानों को सदस्यों के समक्ष रखा. विशिष्ट अतिथि में मनीष कुमार झा सीआईटी, टीडीएस सर्किल-2 ने अपने भाषण में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन द्वारा विस्तृत रूप में टीडीएस की जानकारी दी. उन्होंने नये आयकर टीडीएस की नये प्रावधानों 194एन, 194पी, नन फाईलर ऑफ टीडीएस रिटर्न के ऊपर प्रकाश डाला. मुख्य अतिथि एचके लाल, आयुक्त, आयकर विभाग (सीआईटी टीडीएस), बिहार-झारखण्ड ने कहा कि जमशेदपुर के बहुत सारी व्यवसायियों द्वारा स्क्रैप के ऊपर टीसीएस की कटौती नहीं कर रहे हैं जो उचित नहीं है. टीडीएस और टीसीएस के नियम का पालन नहीं करने पर लगने वाली पेनाल्टी के बारे में विस्तृत रूप में जानकारी दिये और कहा कि इनके पालन नहीं करने पर सरकार द्वारा व्यवसायियों के ऊपर मुकदमें की कार्रवाई के प्रावधानों को भी बताया. उन्होंने कहा कि टीडीएस रिटर्न डीएससी में भी फाइल कर सकते हैं. टीडीएस सरेंडर के लिये आवेदन एसेसिंग आफिसर के यहां फाईल कर सकते हैं. साथ में उन्होंने व्यवसायियों से निवेदन किया कि इन नियमों का सही तरीके से पालन करें क्योंकि सरकार का राजस्व इसी से आता है जो विकास के कार्यों में खर्च होता है. इसके बाद प्रश्नोत्तरी सेशन शुरू हुआ जिसमें अमित अग्रवाल, मनीष केडिया आदि प्रोफेशनल एवं सदस्यों ने आयकर टीडीएस तथा टीसीएस से संबंधित समस्याओं तथा ट्रांसपोर्टर, जो टीडीएस सरेण्डर डीएससी लगाकर फाइल होता है इसे ओटीपी के माध्यम से फाइल होना चाहिए. इसके अलावा ऑनलाईन करेक्शन और अद्यतन डाटा ऑफ रिटर्न फाइल फॉर्म 16ए रिटर्न फाईलिंग को उपस्थित अतिथियों के समक्ष रखा जिसका अतिथियों ने सदस्यों को जवाब दिया. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सचिव, वित्त एवं कराधान पीयूष चौधरी ने किया.