जमशेदपुर : आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयकर विभाग के आउटरीच प्रोग्राम के तहत ’वर्तमान समय में आयकर’ विषय पर एक सेमिनार सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री और जमशेदपुर चार्टर्ड एकाउंटेंट सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में चैम्बर भवन में आयोजित किया गया. सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में आयकर आयुक्त जीएन मकवाना, आईआरएस और विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक आयुक्त विनोद कुमार अग्रवाल एवं आयकर के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे. सर्वप्रथम सीए दिलीप गोलेच्छा द्वारा अतिथियों को परिचय कराया गया तत्पश्चात स्वागत भाषण अध्यक्ष विजय आनंद मूनका द्वारा दिया गया. इसके बाद अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, जमशेदपुर सीए सोसायटी एवं सीए कौशलेन्द्र दास, सचिव, जमशेदपुर सीए सोसायटी ने अतिथियों को पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया. आयकर विभाग से सेमिनार में एसीआईटी एके गुप्ता, आईटीओ सिद्धांत कुमार पांडे एवं सत्येन्द्र कुमार, आईटी इंस्पेक्टर संतोष कुमार रॉय, अजीत कुमार, एवं नरेन्द्र कुमार कर्ण उपस्थित थे. नितेश धूत, मुकेश मित्तल, सांवरमल शर्मा, भरत मकानी, सीए सुगम सरायवाला, अंशुल रिंगसिया अधिवक्ता एवं सीए अक्षय जैन द्वारा विभाग से आये अन्य अधिकारियों को पुष्प देकर उनका स्वागत किया गया. विषय प्रवेश एवं संचालन उपाध्यक्ष, वित्त एवं कराधान दिलीप गोलेच्छा ने करते हुये विभाग को उनकी नई पहल के लिये धन्यवाद प्रेषित किया. मुख्य अतिथि एवं वक्ता आयकर विभाग के आयुक्त जीएन मकवाना, ने उपस्थित व्यवसायी, उद्यमियों और प्रोफेशनल्स को संबोधित करते हुये आयकर के बदलते परिवेश पर विषय पर विस्तृत रूप में चर्चा करते हुये कहा कि आयकर के नियमों में हुये बदलावों से आज व्यवसाय एवं उद्योगों काफी प्रभाव पड़ा है. उन्होंने जमशेदपुर के व्यवसायियों के टैक्स अनुपालन के प्रति रवैये की तारीफ की. इसके बाद सत्येन्द्र कुमार, आईटीओ द्वारा एक वृहत प्रेजेंटेशन पावर प्वाइंट के माध्यम से दिया गया. इसमे उन्होंने सरकार के बढ़ते आय और व्यय के पैटर्न को दर्शाया. उन्होंने टैक्स कलेक्शन के मूल सिद्धांतों पर भी चर्चा की. इसके बाद उन्होंने नये 26 एएस फॉर्म तथा एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) के बारे में वृहद जानकारी दी. तत्पश्चात् फेसलेश एसेसमेंट के बारे में बताते हुये उन्होंने बताया कि किस प्रकार नये प्रारूप में करदाता एवं कर अधिकारी बिना एकदूसरे को जाने एवं मिले एसेसमेंट की प्रक्रिया को पूरा करते हैं. उन्होंने फेसलेश एसेसमेंट के लाभ के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी. प्रेजेंटेशन के अंतिम भाग में सरकार द्वारा प्राप्त आयकर राजस्व का किस प्रकार विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि हेल्थकेयर शिक्षा एवं इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रयोग किया जाता है तथा आयकर विभाग का देश की तरक्की में योगदान पर जानकारी दी. कार्यक्रम के अंत में इंटरेक्टिव सेशन में उपस्थित अधिकारियों द्वारा व्यवसायियों एवं कर प्रोफेशनल्स के सवालों का जवाब दिया गया. सीए जगदीश खंडेलवाल ने नये प्रारूप में क्षेत्राधिकार संबंधित सवाल पूछा. उन्होंने यह भी कहा कि फेसलेश एसेसमेंट की वजह से कर मुकदमों में काफी इजाफा हो गया है तथा विभाग को इसका निराकरण करना चाहिए. वरीय अधिवक्ता खजांचीलाल मित्तल ने चालान में समयावधि संबंधित गलती होने पर सुधार संबंधित मार्गदर्शन मांगा. किशोर गोलछा, कोषाध्यक्ष ने विभाग से अपील की कि परिवार की परिभाषा का विस्तार किया जाना चाहिए एवं निकटवर्ती संबंधों को भी इसके दायरे में लाना चाहिए. नितेश धूत, उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रॉपर्टी के सर्किल रेट एवं मार्केट रेट में कई बार फर्क होता है किन्तु इसे विभाग नहीं मानता है। इसका समाधान निकाला जाना चाहिए. सचिव, पीयूष चौधरी ने आग्रह किया कि विभाग को करदाताओं का टैक्स-बेस बढ़ाने के लिये कदम उठाने चाहिए एवं पूर्व करदाताओं पर से टैक्स भुगतान का दबाव कम करना चाहिए. इसके अलावा और भी कई व्यवसायियों ने अपनी जिज्ञासाओं एवं सुझावों को विभाग के समक्ष रखा जिनका कि सहायक आयुक्त विनोद अग्रवाल ने एक-एक कर जवाब दिया तथा व्यवसायियों के सुझावों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया. सेमिनार के अंत में विभाग की तरफ से सिद्धांत कुमार पांडे ने चैम्बर पदाधिकारियों एवं मौजूद व्यवसायियों, उद्यमियों एवं प्रोफेशनल्स को धन्यवाद दिया. अंत में मानद महासचिव मानव केडिया ने विधिवत धन्यवाद ज्ञापन दिया. कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष जीआर गोलछा, सुरेश सोंथालिया, जमशेदपुर कॉमर्शियल टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वासुदेव चटर्जी, वरिष्ठ चार्टर्ड एकाउंटेंट गोपाल हरलालका, अधिवक्ता सतीश सिंह, दिलीप कुमार, बीएन शर्मा, विपिन अडेसरा, मनोज अग्रवाल, विनोद शर्मा, भरत वसानी, सत्यनारायण अग्रवाल, पारस अग्रवाल, श्रवण देबुका, सीए पीएन संघारी, बिशन अग्रवाल, पवन पेरीवाल, आनंद अग्रवाल, के अलावा भारी संख्या व्यवसायी, उद्यमी एवं प्रोफेशनल्स उपस्थित थे.