जमशेदपुर : भले कोरोना के कहर से पूरी दुनिया कराह रही है. लेकिन झारखंड के जमशेदपुर के सुंदरनगर थाना क्षेत्र के तुरामडीह के ग्रामीणों को कोरोना ने नई सौगात दी है. ये सुनकर थोड़ा अटपटा जरूर लगेगा, लेकिन यहां के लोगों के चेहरे की खुशी को देखकर आप स्वतः समझ सकते हैं कि क्या वाकई कोरोना ने इन्हें सौगात दी है. बात दरअसल ये है कि तुरामडीह में यूसिल यानी यूरेनियम कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से इलाके में ओपन कास्ट माइनिंग का काम चल रहा था, जो अचानक बंद हो गया था. उधर काम बंद होते ही ग्रामीण विस्थापित हुए तो हुए कई लोगों का रोजगार भी छिन गया. कई तो रोजगार की आस लगाए ही रह गए. फिर शुरू हुआ 12 गावों का आंदोलन. जहां विस्थापितों ने चरणबद्ध तरीके से आंदोनल शुरू किया फिर क्या था सड़क से उठी इनकी आवाज़ सदन तक पहुंची और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर केंद्र सरकार की यूसिल परियोजना को फिर से मंजूरी मिल गयी. साथ ही बंधुगोड़ा ओपन कास्ट माइनिंग परियोजना में दर्जन भर गावों के 48 युवाओं को सीधा रोजगार भी उपलब्ध कराया गया. वहीं यूसिल प्रबंधन और दर्जनों गांवों के ग्राम प्रधानों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही विस्थापित हुए 350 युवाओं को परियोजना में रोजगार मुहैया कराया जाएगा. इधर अभी भी देश में कोरोना का कहर बरकरार है. इन सबके बीच इन ग्रामीणों के चेहरे की खुशी देखकर आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं, कि कोरोना संकट वाकई में इन ग्रामीणों के लिए किसी सौगात से कम नहीं है. वहीं ग्रामीणों ने राज्य के मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक के प्रति आभार प्रकट की है. आपको बता दें कि यह परियोजना 800 करोड़ का है. 8 साल तक चलने वाले इस परियोजना में हर साल 100 करोड़ रुपए का खनन होना है. साथ ही इलाके में सीएसआर के तहत विकास कार्य में दो फीसदी खर्च भी करनी है. फिलहाल रोजगार पाए ग्रामीणों के चेहरों पर खुशी है साथ ही यह भरोसा भी है कि अब इलाके का जल्द कायाकल्प होगा.
jamshedpur-good-news-यूसिल के विस्थापितों को मिलेगी नौकरी, कोविड व लॉक डाउन के बीच नौकरी जाने की खबरों से अलग हटकर पोजिटिव न्यूज-positive-news
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