जमशेदपुर : टाटा मोटर्स की मंदी का सबसे बड़ा असर छोटा गोविंदपुर की स्टील स्ट्रिप्स व्हील्स कंपनी में देखने को मिल रहा है. यहां के एक हजार से ज्यादा ठेका मजदूर अब सड़क पर आ गए हैं. उत्पादन कार्य नहीं होने की वजह से ठेका मजदूरों के साथ-साथ स्थायी मजदूर व प्रबंधन के अधिकारी भी प्रभावित होने लगे हैं. गोविंदपुर और कोलाबीरा दोनों प्लांट मिलाकर दर्जनों अधिकारियों की छुट्टी देने की तैयारी चल रही है. स्थायी मजदूरों को ब्लॉक-क्लोजर की वजह से जहां एक दिन में आधे दिन का पैसा मिल रहा है. वहीं अधिकारियों की छंटनी भी होने लगी है. सूत्रों के मुताबिक यहां के दो दर्जन से ज्यादा अधिकारियों को काम से बैठा दिया गया है. हालांकि प्रबंधन इस संबंध में कुछ भी बोलने से इंकार कर रहा है. वहीं कुछ कर्मचारियों का कहना है कि दबाव बनाकर स्थायी मजदूरों के साथ-साथ अधिकारियों की भी छंटनी की गई है.
16 दिन बाद खुलेगी कंपनी
टाटा मोटर्स की गाडिय़ों व अन्य वाहनो के लिए रिम बनाने वाली इस कंपनी में 16 दिनों तक उत्पादन कार्य नहीं होगा. प्रबंधन ने 18 अक्टूबर से लेकर चार नवंबर तक कंपनी बंदी की घोषणा कर दी है. कंपनी गेट पर सन्नाटा छाया हुआ है. पार्किंग एक भी गाड़ियां नहीं लगी हुई है. बीते माह अगस्त में पांच से 16 अगस्त तक कंपनी बंद रखने का आदेश जारी किया है. सितंबर में भी दस दिन तक कंपनी में काम हुआ है. इस दौरान आंशिक उत्पादन कार्य ही किया गया है. बंदी काल में कंपनी में मेंटेनेंस वर्क किया जाएगा.