जमशेदपुर : ट्यूब-टिस्को निबंधित पुत्र-पुत्री संघ ने टाटा स्टील प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन से नीट कंपनी में इसी महीने नियोजन की प्रक्रिया शुरू करवाने की मांग की है. इस संबंध में संघ ने यूनियन के अध्यक्ष के नाम एक ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में कहा गया है कि टाटा स्टील के दिवंगत मृत आश्रितों के टाटा स्टील कंपनी में नियोजन की प्रक्रिया शुरू करवाना स्वागत योग्य है, किन्तु इन आश्रितों के नियोजन उस 500 लिखित परीक्षा के ही माध्यम से करवाना कहीं न कहीं टाटा वर्कर्स यूनियन को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा करता है। जब वर्ष 2019 में 500 निबंधितों के लिखित परीक्षा के माध्यम से नियोजन का समझौता हुआ था तो उस समझौते में वैसे टाटा स्टील कंपनी के कर्मचारी जिनकी मृत्यु 25 वर्ष के कार्यकाल को पूरा करने के पूर्व हो चुकी है, उनके भी आश्रितों को इस समझौते में शामिल नहीं किया गया था। आज जब वर्तमान टाटा वर्कर्स यूनियन एक नए समझौते के तहत इस बंद हो चुकी बहाली प्रक्रिया को दोबारा शुरू करके मृत आश्रितों के नियोजन करवा सकती है, तो क्यों नहीं इन आश्रितों का नियोजन ज्यादा से ज्यादा वो ऐसा सोचकर निबंधितों के नियोजन की संख्या को भी 500 से बढ़ाकर 1000 कर दी गयी। आखिर क्यों इस समझौते में केवल निबंधितों की संख्या को बढ़ाया गया, पदों की संख्या को क्यों नहीं बढ़ाया गया है। (नीचे भी पढ़ें)
संघ की ओर से कहा गया है कि जब वर्ष 2019 के समझौतों को वर्ष 2021 में संशोधन कर बड़ी आसानी से आश्रितों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है, तो उतनी ही आसानी से पदों की संख्या को भी बढ़ाया जा सकता था। अगर सच में टाटा वर्कर्स यूनियन को अपने मृत आश्रितों और वर्तमान आश्रितों की चिंता होती तो उसे ऐसा समझौता ठीक अपने चुनाव के बाद या लिखित परीक्षा के फार्म जमा करने में जो 40-42 दिनों का समय दिया गया है, इसी बीच समझौता कर लेना चाहिए था। संघ की ओर से ज्ञापन में कहा गया है कि टाटा वर्कर्स यूनियन ये अच्छी तरह जानती थी कि जिस दिन झारखंड सरकार द्वारा घोषित सुरक्षा सप्ताह के समाप्त होने की घोषणा होगी सारे निबंधित पुत्र एवं टाटा स्टील के सेवानिवृत्त कर्मचारी फिर से एक साथ एक मंच पर आकर नियोजन की मांग करने लगेंगे। इन सबसे बचने के लिए और निबंधितों की बहाली प्रक्रिया को और लंबा खींचने के लिए टाटा वर्कर्स यूनियन ने यह मार्ग अपनाया दोबारा करने के नाम पर बड़ी ही चालाकी से निबंधितों की बहाली प्रक्रिया को पीछे ढकेल दिया गया है। संघ ने कहा है कि अगर सच में टाटा वर्कर्स यूनियन को अपने मृत एवं वर्तमान आश्रित पुत्रों की चिंता है तो वो जल्द से जल्द NEET कंपनी में नियोजन की प्रक्रिया प्रारंभ करवाये। ताकि ज्यादा से ज्यादा निबंधितों का नियोजन इस NEET कंपनी में हो सके। निबंधितों की आर्थिक स्थिति और भविष्य को देखते हुए हमें भी वही वेतन और सुविधा दिलवाएं जो आज टाटा ऑटोन में कार्यरत कर्मचारियों को मिल रहा है। निबंधित पुत्रों और ठेका कर्मचारियों को एक ही नहीं तौला जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में संघ के राकेश कुमार, चंद्रशेखर, सुदामा, साबिता रानी शर्मा, पूजा रानी महतो, राजेश तांडी, प्रभा हेंब्रम, गीता गोप, अशोक पांडे, निर्मल पांडे, रंजीत कुमार समेत अन्य सदस्य शामिल थे।