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jharkhand-industry-corona-virus-effect-जमशेदपुर और आदित्यपुर के 1200 उद्योगों में कोरोना वायरस की मार, कहां से लायेंगे उद्यमी-व्यापारी बैंकों को दिय जाने वाला ब्याज व इएमआइ, संकट काफी ज्यादा, देखिये उद्योगों का हाल-video

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सरायकेला : पहले से ही मंदी की मार झेल रहा आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया पर कोरोना के रूप में दूसरी मुसीबत आई है. जहां लॉकडाउन के दौरान आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया की तमाम कम्पनियों में ताला लग चुका है और यहां पूरी तरह से सन्नाटा पसरा है. वैसे केंद्र सरकार ने मजदूरों के लिए राहत पैकेज जरूर जारी किया है, लेकिन इतने बड़े देश के छोटी- बड़ी कंपनी के काम करने वाले मजदूरों और कम्पनी के मालिकों के लिए काफी है. केंद्र सरकार के एडवायजरी के अनुसार बंदी के दौरान कर्मचारियों का वेतन नहीं काटा जाएगा. हालांकि कुछ बड़ी कंपनियों द्वारा तो सरकार कि इस एडवाइजरी का पालन किया जा रहा है, लेकिन इस इलाके की हजारों छोटी कंपनियों का कहना है कि पहले से ही वे मंदी की मार झेल रहे हैं ऐसे में वे मजदूरों को बैठाकर वेतन दे पाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे.

सन्नटा भरा नजारा है एशिया के दूसरे सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र आदित्यपुर का. जहां तकरीबन 1200 सौ से ज्यादा छोटी- बड़ी औद्योगिक इकाइयों में ढाई लाख से भी ज्यादा मजदूर काम करते हैं. यह क्षेत्र एशिया के सबसे बड़े ऑटो कॉम्पोनेंट बनाने वाले क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. जहां देश के वाहन निर्माता कंपनियों के लिए मशीनरी पार्ट्स बनाए जाते हैं, लेकिन फिलहाल पूरे इलाके में ताला लगा हुआ है. और मजदूरों को छुट्टी दे दी गई है. हालांकि उद्यमी भी मानते हैं कि जान है तो जहान है, ऐसे में वे अपनी तरफ से हर प्रयास कर रहे हैं जिससे सरकारी आदेशों का पालन हो सके.

एसके बेहरा, उद्यमी सह एमडी, आरएसबी ग्रुप.

उधर सरायकेला जिले के उपायुक्त खुद पूरे इलाके में घूम- घूम कर सभी औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कराना सुनिश्चित कर रहे हैं. उनका कहना है कि फिलहाल उनकी प्राथमिकता यही है कि किसी प्रकार कोरोना की आफत से निपटा जाए.

ए दोड्डे, डीसी सरायकेला- खरसावां

वहीं जिले के एसपी भी हर पल पूरे जिले की मॉनिटरिंग में लगे नजर आए. अपने अधिकारियों के साथ हर इलाके में लगातार पेट्रोलिंग कर रहे हैं. उनका भी कहना है कि लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराया जाएगा.

कार्तिक एस, एसपी  सरायकेला- खरसावां

  

मंदी और महामारी का दोहरा मार झेल रहे आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के लाखों मजदूरों के सामने अब रोजी- रोटी के साथ जान का संकट भी पैदा हो गया है. ऐसे में उनके चेहरे पर प्रश्न चिन्ह है कि अगर वे बीमारी से बच जाएंगे तो भी वे जिंदा कैसे रहेंगे.  क्योंकि विशेषज्ञों का कहना है की महामारी का खतरा टलने के बाद भी देश को एक बड़ी आर्थिक मंदी से गुजरने के लिए तैयार रहना होगा. 

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