जमशेदपुर : बिहार सरकार द्वारा एकीकृत बिहार में निबंधित वर्तमान झारखंड के 980 यूनियनों का निबंधन रद्द किए जाने के खिलाफ एक साझा रणनीति बनाए जाने के लिए इंटक लगातार कार्रवाई कर रही है. मजदूर नेता और झारखंड इंटक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने इसको लेकर संवाददाता सम्मेलन जमशेदपुर के टिनप्लेट यूनियन के सभागार में आयोजित की. इस दिशा में इंटक के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडेय ने बताया कि इसको लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. राकेश्वर पांडेय ने बताया कि बिहार सरकार की अदूरदर्शिता के कारण यह दिक्कत उत्पन्न हो रही है.
इसको लेकर सरकार की ओर से आवश्यक कदम उठाया जा रहा है, लेकिन नये सिरे से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा गया है, जो आपत्तिजनक है क्योंकि उनका पुराना रिकॉर्ड में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इंटक के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि बिहार पुनर्गठन अधिनियम जिसके अंतर्गत झारखंड राज्य का गठन हुआ, जिसमें स्पष्ट उल्लेख है कि 15 नवंबर 2000 के बाद दोनों राज्यों के समस्त सरकारी कार्य अपने-अपने क्षेत्राधिकार मे होंगे इसलिए बिहार में निबंधित झारखंड क्षेत्रांतर्गत यूनियनों द्वारा अपना वार्षिक विवरण श्रम विभाग झारखंड सरकार के पास जमा किया जाता रहा है. इंटक ने मांग की है कि पुराने निबंधन को ही रिस्टोर कर दिया जाये, जिससे मुश्किल दूर होगा. राकेश्वर पांडेय ने बताया कि बहुत जल्द हर जिले में नयी कमेटी का गठन कर दिया जायेगा. इसके अलावा प्रदेश कार्यसमिति का भी गठन होगा. उन्होंने बताया कि इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जी संजीवा रेड्डी इसमें भाग लेंगे.