
रांची : झारखंड में निवेशकों को लाने के लिए नयी दिल्ली में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने आला अधिकारियों के साथ निवेशकों के साथ बैठक की. इमरजिंग झारखंड के नाम से दो दिनों का यह निवेशकों का सम्मेलन शुरु हुआ. नयी दिल्ली के होटल ताज में आयोजित दो दिवसीय इंवेस्टर्स मीट के पहले दिन बिजनेस टू गवर्नमेंट की बैठक हुई. बैठक को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखण्ड असीम संभावनाओं और प्रतिभाशाली मानव संसाधन से सम्पन्न राज्य है. यहां की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समुदायों का है. अगर उद्यमी साथी इन समुदायों के लिए रोजगार में प्रावधान करते हैं तो सरकार नीति में अन्य प्रोत्साहन का भी समावेश करेगी. झारखण्ड के लोग बहुत मेहनती हैं. ऐसे में उन्हें भी आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा. साथ ही, हमारा राज्य नई ऊंचाइयों को छू सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको विश्वास है कि नई नीति झारखण्ड के कुशल मानव संसाधन के लिए रोजगार सृजन में मदद करेगी.
परिदृश्य को बदलना है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन नीति आपके सामने प्रस्तुत की गई है. यदि हम भविष्य की ओर देखते हैं तो काफी हद तक इलेक्ट्रिक वाहन भविष्य के वाहन हैं. इस सेक्टर में संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है. आजादी के बाद से झारखण्ड में ही सबसे बड़े संयंत्र और इकाइयां स्थापित की गई हैं. बहुत सारे अवसर झारखण्ड के समक्ष आये, लेकिन उन अवसरों का सही ढंग से उपयोग नहीं हो सका। हम इस परिदृश्य को बदलना चाहते हैं. इस विचार को आगे बढ़ाना है. (नीचे पूरी रिपोर्ट पढ़ें)

प्रस्तावित योजना से अवगत हुए निवेशक
बैठक के दौरान उद्योग विभाग सचिव पूजा सिंघल ने निवेशकों को इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र के दायरे, इस क्षेत्र के लिए राज्य के दृष्टिकोण और इलेक्ट्रिक वाहन क्लस्टर स्थापित करने की सरकार की प्रस्तावित योजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने निवेशकों को प्रस्तावित इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत प्रोत्साहन और प्रावधानों के बारे में बताया. उन्होंने कहा सरकार कंपनियों को स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में 100% छूट प्रदान करने जा रही है. साथ ही, जो कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में ईवी नीति के लॉन्च होने के बाद से पहले 2 वर्षों के भीतर निवेश करते हैं, उन्हें जियाडा द्वारा 50% अनुदान पर भूमि उपलब्ध कराएगा. एमएसएमई के लिए सात साल के लिए जीएसटी पर 100% प्रोत्साहन, जबकि बड़े और वृहत उद्योगों के लिए क्रमशः नौ और 13 वर्ष के लिए छूट का प्रावधान है. इसके अतिरिक्त वाहन पंजीकरण शुल्क से 100% और रोड टैक्स 100% छूट का प्रस्ताव है. (नीचे पूरी रिपोर्ट पढ़ें)

राउंड टेबल मीटिंग में शामिल हुए निवेशक
बिज़नेस टू गवर्नमेंट मीटिंग (बी2जी) में मुख्यमंत्री ने टाटा मोटर्स, टाटा स्टील समेत टाटा समूह की कंपनियां, हुंडई मोटर्स, होंडा, मारुति सुजुकी, डालमिया सीमेंट, एनटीपीसी, सेल, गेल और वेदांता के शीर्ष नेतृत्व के साथ भाग लिया. इस दौरान स्टील, ऑटोमोबाइल, ई-व्हीकल, सीमेंट, पावर, ऑयल एंड गैस के क्षेत्र में निवेश हेतु चर्चा की गई. बी2जी बैठक के दौरान डालमिया सीमेंट समूह ने राज्य में 500 करोड़ रुपये निवेश करने की सहमति जताई है. इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव एल खिंग्याते, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, पूजा सिंघल, स्थानीय आयुक्त एमआर मीणा एवं उद्योगपति उपस्थित थे.
टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन व वीपी ने की सराहना
टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने इस इंवेस्टर्स मीट की सराहना की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निवेश का माहौल बनाना चाहती है, यह निश्चित तौर पर बेहतर कदम है. उन्होंने कहा कि टाटा स्टील सौ से अधिक साल से वहां पर है, इस कारण हम लोग जानते है कि वहां निवेश का माहौल है. यहीं वजह है कि टाटा समूह पूरी तरह सरकार के साथ है. टाटा स्टील के वीपी चाणक्य चौधरी ने कहा कि यह बसबसे बेहतर पहल है और इस पहल से निश्चित तौर पर देश और दुनिया में माहौल बन सकेगा. इससे झारखंड का औद्योगिक विकास संभव हो सकेगा.