रांची : झारखंड सरकार राज्य को इथेनॉल उत्पादन में अग्रणी बनाने की कवायद में जुट गई है. इसके लिए उद्योग विभाग ने स्टेक होल्डरों के साथ मंगलवार को रांची के एक होटल में झारखंड इथेनॉल प्रोडक्शन एंड प्रोमोशन पॉलिसी 2021 के तहत गहन विचार-विमर्श किया. उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने विभाग के पॉलिसी रोडमैप के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 7 पॉलिसी को अगले दो माह के भीतर स्वीकृति दिलायी जायेगी. उन्होंने झारखंड में निवेश के लाभ को बताते हुए यहां के स्थानीय लाभ, इज ऑफ डूइंग बिजनेस, आवंटन के लिए लैंड बैंक में उपलब्ध भूमि, तैयार हो रहे इंडस्ट्रियल पार्क और सेज प्रोजेक्ट पर प्रकाश डाला. उन्होंने इथेनॉल उत्पादन में फीडस्टॉक के इस्तेमाल का सुझाव देते हुए कहा कि पूर्वी भारत के बाजार के लिए झारखंड आसानी से प्रतिदिन 600 किलोलीटर का उत्पादन कर सकता है. उद्योग सचिव ने कहा कि पॉलिसी में पारिश्रमिक प्रोत्साहन का भी व्यापक ख्याल रखा गया है. इसके तहत एसएसएमई द्वारा 10 करोड़ और गैर एसएसएमई द्वारा 50 करोड़ तक के पूंजी निवेश पर 25 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था है. वहीं प्रति कर्मी 13,000 रुपये एकमुश्त स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी का भी प्रावधान है. यह राशि उन कर्मियों की ट्रेनिंग पर खर्च होगी, जो झारखंड के निवासी होंगे. इसके अतिरिक्त नये यूनिट में झारखंडवासी कर्मियों के ईएसआइ और ईपीएफ मद में भी पांच वर्षों के लिए 1000 रुपये का प्रावधान है. मौके पर उद्योग सचिव ने निवेशकों से उनके सुझाव भी आमंत्रित किये. उसके पहले स्वागत भाषण में उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह ने इथेनॉल को लेकर वैश्विक स्थिति को बताया. उन्होंने ब्राजील और अमेरिका का उदाहरण देते हुए इथेनॉल उत्पादन के लाभों को बताया. वहीं उत्पाद एवं मद्य निषेध के डिप्टी कमिश्नर डॉ राकेश कुमार ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि विभाग से जुड़े उनके किसी भी कार्य को एक पखवारे के भीतर निबटारा किया जायेगा. इथेनॉल प्रोडक्शन एंड प्रोमोशन पॉलिसी 2021 को लेकर हुए स्टेकहोल्डर मीट में लगभग 50 निवेशक शामिल थे. उसमें उद्योग सचिव, उद्योग निदेशक सहित रीजनल डायरेक्टर जेआइएडीए अजय कुमार सिंह भी शामिल थे.