जमशेदपुर : टाटा संस के एमिरट्स चेयरमैन रतन टाटा और चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने नवल टाटा हॉकी एकेडमी को देश को समर्पित कर दिया. सोमवार की दोपहर करीब ढाई बजे रतन टाटा और चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने संयुक्त रुप से इसका उदघाटन किया. इस मौके पर टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन समेत अन्य लोग मौजूद थे. इस दौरान एकेडमी की व्यवस्था को रतन टाटा और एन चंद्रशेखरन ने करीब से देखा और समझने की कोशिश की. टाटा स्टील के वीपी सीएस चाणक्य चौधरी ने सारी जानकारी इन दोनों को साझा की. दरअसल, इसके स्टेडियम और एकेडमी का पहला उदघाटन रतन टाटा ने वर्ष 2018 में किया था. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
वहां हॉस्टल नहीं बनाया गया था, जहां बच्चों को रखा नहीं जा पा रहा था. हॉस्टल को नये सिरे से बनाया गया और देश के स्तर पर हॉकी खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए यहां नवल टाटा हॉकी एकेडमी को नये सिरे से बनाया गया है. हॉकी के ग्लैमर को खत्म होने से बचाने के लिए यह अहम कदम है. दरअसल, नवल टाटा टाटा संस के चेयरमैन भी रहे है और भारतीय हॉकी फेडरेशन के 15 साल तक अध्यक्ष भी रहे थे. इस कारण नवल टाटा और हॉकी के रिश्ते को जीवित ररखने के लिए यह कदम उठाया गया है. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
नवल टाटा के कार्यकाल में ही भारतीय हॉकी ने 1948, 1952 और 1956 में ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया था. टाटा ट्रस्ट और टाटा स्टील के संयुक्त प्रयास से इसकी शुरुआत की है. अंतरराष्ट्रीय स्तर की एजेंसी के माध्यम से यहां एक साथ 52 लड़के और 52 लड़कियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जहां ठहरने का भी इंतजाम किया गया है. इसके अलावा यहां हॉस्टल बिल्डिंग के साथ 9 कोच के लिए कमरा, जिमनैजियम, टीचिंग रुम, हॉल ऑफ फेम, ऑफिस, डाइनिंग एंड किचेन, इनफार्मरी, मसाज रुम आदि की व्यवस्था की गयी है. दूसरी मंजिल में टर्फ के उत्कृष्ट दृश्य के साथ एक बोर्ड रुम है, जिसमें लगभग 20 लोगों के लिए एक देखने की बालकनी भी है. दूसरे चरण के बाद यहां 52 लड़कों के रहने का अभी इंतजाम है, जहां 52 लड़कियों के रहने के लिए अलग से इंतजाम किया जा रहा है और एक अलग से प्रैक्टिस एरिया भी वरिकसित किया जा रहा है. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
बोवेलैंडर हॉकी एकेडमी ने दिग्गज खिलाड़ी ड्रैग फ्लिकर फ्लोरिस जान बोवेलेंडर, पूर्व ओलंपियन और डच राष्ट्रीय टीम के सहायक कोच के नेतृत्व में यहां ट्रेनिंग करायी जाती है. जिला स्तरीय रिजनल डेवलपमेंट सेंटरों में प्रशिक्षणण के बाद 10 से 12 साल आयु वर्ग के लिए तीन स्तरीय संरचना शुरू की गयी है और अंत में 14 से 17 साल की आयु के एकेडमी में उनका चयन किया जायेगा. शुरुआत करने के लिए सिमडेगा, खूंटी और पश्चिम सिंहभूम जिले के गांवों से 28 लड़कों के पहले बैच का चयन किया गया था. वे डच प्रशिक्षकों और भारतीय हॉकी के दिग्गज संदीप सिंह द्वारा प्रदान किये गये कठोर प्रशिक्षण के एक साल के लंबे कार्यक्रम से गुजर चुके है. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
वर्तमान में एकेडमी में 32 लड़कों की ट्रेनिंग हो रही है और वर्ष 2021 के अंत तक लड़कियों की ट्रेनिंग भी शुरू हो जायेगी. नवल टाटा हॉकी एकेडमी का संचालन ओड़िशा सरकार के साथ मिलकर ओड़िया में भी किया जा रहा है, जहां 30 लड़कियों और 31 लड़कों को ट्रेनिंग दी जा रही है. तीन साल में यहां 17 खिलाड़ियों को तैयार किया गया है. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
इसमें भारतीय टीम के विभिन्न टूर्नामेंट में यहां के खिलाड़ी हिस्सा ले चुके है. इस एकेडमी में खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं दी जाती है. इसमें फ्लडलाइट्स, इंटरनेशनल कोच, न्यूट्रिशियन स्पेशलिस्ट के साथ साथ परफार्मिंग हॉकी ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए मेंटल और फिजिकल ट्रेनर को शामिल किय गया है. 10 एकड़ की भूमि में इसको तैयार किया गया है, जिसमें 200 सीटों के दर्शकों की गैलेरी भी शामिल है जबकि 52 लड़के और लड़कियों की ट्रेनिंग की व्यवस्था की गयी है.