जमशेदपुर : सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर से पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाली ऑटो एंसीलियरी बनाने वाली कंपनी आरएसबी ग्लोबल आने वाले दिनों में मैक्सिको में अपना विस्तार करने जा रही है. भारत और झारखंड में जैसे ही कोरोना के बाद माहौल ठीक हो जायेगा और उत्पादन की क्षमता का 80 से 85 फीसदी भी अगर उत्पादन होने लगेगा तो फिर रोजगार के नये साधन उपलब्ध होने लगेंगे. कोरोना में काफी गंभीर हालत से बचकर निकले आरएसबी के एमडी एसके बेहरा लंबे अंतराल के बाद सोमवार को जमशेदपुर के एक बड़े होटल में पत्रकारों से रुबरु हुए. उन्होंने बताया कि मैक्सिको में बाजार में डिमांड के अनुसार ही वे लोग वहां निवेश करने जा रहे और क्षमता भी वहां विकसित करेंगे. भारत में भी अब हालात सुधार की ओर है और कोरोना के हालात से सारे लोग ऊबर रहे है, लेकिन लोगों को अभी भी सचेत रहना होगा. आपको बता दें कि आरएसबी के एमडी एसके बेहरा काफी दिनों तक संक्रमित रहे थे और मौत के मुंह से बाहर निकले थे. उन्होंने कहा कि कोरोना होने के बाद सारे हालात नजर आ चुके थे. लेकिन हां कर्मचारियों ने हमारा और हमने कर्मचारियों का साथ कभी नहीं छोड़ा और सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि आदित्यपुर के उनके प्लांट में अपनी क्षमता का 65 फीसदी ही उत्पादन वे लोग कर पा रहे है. लेकिन कोरोना के दौरान हम लोगों ने कभी भी किसी कर्मचारी को नहीं हटाया है और ना ही किसी का वेतन कट किया है. लेकिन हां कर्मचारियों की भी कभी कमी नहीं रही है. (नीचे पढ़े पूरी खबर)
झारखंड में निवेश कैसे बढ़ेगा, आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में निवेशक या कंपनियों के लोग आना क्यों नहीं चाहते है
आरएसबी के एमडी एसके बेहरा अपने बेबाकी के लिए भी जाने जाते है. उन्होंने कहा कि झारखंड की वर्तमान सरकार निवेशकों को आगे लाना चाहती है, जो स्वागत योग्य कदम है. लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि इंफ्रास्ट्रक्चर औद्योगिक क्षेत्र में दुरुस्त करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जियाडा का गठन तो हुआ, लेकिन उसकी जितनी आमदनी है, उस आमदनी को कभी भी आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में खर्च नहीं हो रहा है. हालात यह है कि सड़कें टूटी हुई है. पुणे में लोग कंपनियों के हेड ऑफिस में बैठकर बात कर वहीं से विदेश लौट जाना चाहते है, लेकिन जमशेदपुर आना नहीं चाहते है क्योंकि प्लांट तक पहुंचने की सड़क खराब है. सड़क की हालत के कराण ही एक महिला की पिछले दिनों ही मौत हो चुकी है. आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में पानी, बिजली, सड़क, कनेक्टिविटी की सुविधा होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट को लेकर काफी साल से हम लोगो सुन जरूर रहे है, लेकिन यह बन जाये तो अच्छा होगा, लेकिन अब तो लगता है कि भगवान ही एयरपोर्ट बना सकेंगे. उन्होंने कहा कि विदेशों से निवेशक या उनकी कंपनी के लोग नहीं आना चाहते है. इसके अलावा कंपनी से जुड़े लोग भी नहीं आते है. पुणे में बैठक करना चाहते है, लेकिन जमशेदपुर आना नहीं चाहते है क्योंकि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के हालात ठीक नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग कलस्टर को जिस तरह से विकसित किया जा रहा है, उसी तरह से पूरी कंपनियों को भी विकसित करने की जरूरत है. (नीचे पढ़े पूरी खबर)
आदित्यपुर समेत सभी प्लांट में इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों की तकनीक विकिसत करेंगे
एसके बेहरा ने कहा कि आने वाले दिन इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों की है. आने वाले दस सालों में इसका काफी ज्यादा डिमांड होने लगेगा. श्री बेहरा ने बताया कि आरएसबी अपनी इलेक्ट्रॉनिक पाटर्स को भी बनाने की तैयारी कर रही है ताकि जरूरतों के हिसाब से अपना उत्पादन कर सके. वर्तमान व्यवस्था में नयी व्यवस्था नहीं बन सकती है, लिहाजा, हम लोग नया लाइन ही इसके लिए लगाने जा रहे है.
कोरोना काल में बच गये, यहीं भगवान का शुक्र है
कोरोना काल में कोरोना से संक्रमित होने के बाद एसके बेहरा काफी ज्यादा बीमार हो चुके थे. उनको किसी तरह चिकित्सकों ने बचा लिया. वे जमशेदपुर के टाटा मोटर्स अस्पताल से एयरलिफ्ट किये गये थे. काफी मशक्कतों के बाद जान बची थी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना को हल्के में नहीं लें, कई लोगों की जान जा चुकी है. जो ठीक हो गये है, उनकी भी हालत खराब ही है. इस कारण इसको लेकर लापरवाही नहीं बरते. टीका जरूर लें, टीका लेने या कोरोना से ठीक होने वाले लोग भी संक्रमित हो सकते है, इस कारण काफी सतर्क रहने की जरूरत है.
धरतीपुत्र है एसके बेहरा और उनका परिवार
एसके बेहरा धरतीपुत्र है. उनके पिता टाटा समूह में काम कर चुके है. एक कर्मचारी का बेटा आरके बेहरा और एसके बेहरा दोनों भाईयों ने मिलकर 1975 में इंटरनेशनल ऑटो के नाम से कंपनी शुरू की. वहां ऑटो प्रोडक्ट बनाया जा ता था. इसके बाद इंटरनेशनल ऑटो को आरएसबी ट्रांसमिशन में मिला दिया गया, जिसके बाद 2009 में आरएसबी ग्लोबल हो गया. 1.65 लाख रुपये की पूंजी से दो कमरे से आदित्यपुर में प्लांट की शुरुआत की गयी थी. इंजीनियर होने के कारण बेहरा बंधुओं ने कमाल का प्रबंधन किया और वे आज 1500 करोड़ की कंपनी के मालिक है और उनकी कंपनी की आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के अलावा पुणे प्लांट के साथ साथ यूएसए, बेल्जियम और मैक्सिको में भी प्लांट संचालित हो रहा है.