जमशेदपुर : कौल्हान के बड़े व्यवासायिक संस्था सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स का चुनाव विवादों में घिरता नजर आ रहा है. सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के चुनाव में सारे कार्यकारिणी समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया. इसकी सूची जारी कर दी गयी, लेकिन अंतिम समय में दो लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति जता दी है. यह विवाद तब उठा जब मोहित मूनका को कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर निर्विरोध की सूची में दिखाया गया, जिसका नामांकन रद्द हो गया था. दरअसल, सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स के नामांकन की हुई स्क्रुटनी में कार्यकारिणी सदस्य के लिए नामांकन करने वाले चार लोगों का नामांकन रद्द किया गया था, जिसमें हेमेंद्र जैन, राजेश जेसूका, संजय देबुका और मोहित मूनका शामिल थे. तीन लोगों ने देखा कि खारिज किये गये आवेदक मोहित मूनका का नाम सूची में है, जिसके बाद राजेश जेसूका और हेमेंद्र जैन इस पर कड़ी आपत्ति जतायी और चुनाव पदाधिकारी को पत्र लिखा है. राजेश कुमार अग्रवाल उर्फ जेसूका ने कहा है कि उन्होंने कार्यकारिणी समिति के सदस्य के तौर पर नामांकन किया था. उनके नामांकन को इसलिए खारिज कर दिया गया कि बैठक में उपस्थिति नियमानुसार कम है जबकि नियम कहता है कि 50 फीसदी हाजिरी होना बैठकों में जरूरी है. राजेश जेसूका ने बताया कि जब वे कार्यालय में जाकर रिचेक किया तो वे 9 में से 8 बैठकों में शामिल रहे है, सिर्फ एक बैठक में गैरहाजिर रहे है. इस कारण उनके नामांकन को खारिज नही किया जा सकता है. इसी तरह हेमेंद्र जैन ने कहा है कि उनका नामांकन को भी बैठक में कम हाजिर होने के कारण रद्द ककयिा गया जबकि उन्होंने जब क्रास चेक किया तो पाया कि 9 बैठक में 3 में उपस्थित रहे है और दो बैठक में नहीं उपस्थित होने की लिखित सूचना दी थी, इस तरह पांच बैठक में उपस्थित रहे है. वहीं मोहित मूनका की 3 उपस्थिति है और 1 सूचना देने का लिखित प्रमाण है, लेकिन मोहित के नामांकन को वैद्य और उनके नामांकन को अवैध घोषित कर दिया गया है. जब मोहित मूनका का नामांकन वैद्य है तो हेमेंद्र जैन ने कहा है कि उनका नामांकन कैसे अवैध हो सकता है. फिलहाल, यह मामला गर्माता नजर आ रहा है.