
जमशेदपुर : कोल्हान के औद्योगिक और व्यवसायिक कार्यों से जुड़े लोगों की संस्था सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के वित्त एवं कराधान उपसमिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बिष्टुपुर स्थित चेंबर भवन में हुई. इसमें सरकार द्वारा जीएसटी कानून में लागू किये गये नये कानून के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई. इसमें सभी सदस्यों ने एक राय में कहा कि नये कानून व्यापारी विरोधी है तथा इससे इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा और सभी करदाताओं को परेशानी होगी. ज्ञात हो कि सिंहभूम चेम्बर ने जीएसटी का तहेदिल से स्वागत किया था कि यह कानून सरल होगा तथा व्यापारियों को आसानी होगी परंतु दिन-प्रतिदिन नई-नई पेचिदगियों ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है तथा सिंहभूम चेम्बर ने इसके विरोध में आर-पार की लड़ाई लड़ने की ठान ली है. इसके लिये चरणबद्ध तरीके से रूपरेखा तैयार की जायेगी. केन्द्रीय वित्तमंत्री को अव्यवहारिक कानूनों से अवगत कराया जायेगा. रांची स्थित राज्य कर सचिव एवं आयुक्त से मुलाकात कर विस्तृत समस्याओं से अवगत कराया जायेगा. चेंबर भवन में कोल्हान प्रमंडल के समस्त व्यापारिक संस्थाओं की प्रतिनिधियों की बैठक बुलाकर आगे की रूपरेखा निर्धारित की जायेगी. जमषेदपुर स्थित सेन्ट्रल जीएसटी एवं राज्य कर कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया जायेगा. इस बैठक का संचालन वित्त एवं कराधान के उपाध्यक्ष सीए रमाकांत गुप्ता, एवं विषय प्रवेश सचिव राजीव अग्रवाल ने किया. बैठक में निवर्तमान अध्यक्ष सुरेश सोंथालिया, मानद महासचिव भरत वसानी, व्यापार एवं वाणिज्य उपसमिति के उपाध्यक्ष विजय आनंद मूनका, जनसंपर्क एवं कल्याण उपसमिति के उपाध्यक्ष मानव केडिया, महेश सोंथालिया, किशोर गोलछा, जगदीश खंडेलवाल, राजेश अग्रवाल, अंकित अग्रवाल, भरत मकानी, सतीश सिंह, मनोज अग्रवाल सहित काफी संख्या में व्यापारी, चार्टर्ड एकांउंटेंट, कर अधिवक्ता इत्यादि उपस्थित थे.
सरकार द्वारा जीएसटी में नये कानूनों के बदलाव, जिसका विरोध है :
1) रूल 36(4) में संशोधन किया गया है कि आई.टी.सी. केवल 5 प्रतिशत ज्यादा लिया जा सकता है जो कि जीएसटीआर 3बी में दिखेगा.
2) अगर कोई भी जीएसटीआर 3बी नहीं फाईल करता है तब उसका जीएसटीआर-1 ब्लॉक कर दिया जायेगा.
3) ई-वे बिल (रोड परमिट) पहले हर 100 किलोमीटर के लिये एक दिन का समय मिलता था जो कि अब बढ़ाकर 200 किलोमीटर प्रतिदिन कर दिया गया है.
4) रूल 86बी एक नया संषोधन लाया गया है जिसके तहत कोई भी व्यवसायी जिसका 50 लाख से जयादा मासिक टर्नओवर है और जिसकी एक्सेस इनपुट रहती है उसे इनपुट रहने के बावजूद भी 1 प्रतिशत अतिरिक्त नकद भुगतान के द्वारा जीएसटी का भुगतान करना पड़ेगा.