जमशेदपुर : टाटा समूह की कंपनी बिग बास्केट ने जमशेदपुर में इसको लांच कर दिया है. जमशेदपुर में सोनारी स्थित सामुदायिक केंद्र में इसकी शुरुआत की गयी, जहां से जमशेदपुर समेत पूरे राज्य में आपूर्ति श्रृंखला को विकसित किया जायेगा. इसकी लांचिंग बिग बास्केट के संस्थापक सह सीइओ हरि मेनन और टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने संयुक्त रुप से किया. इसके अलावा वीपी कारपोरेट सर्विसेज चाणक्य चौधरी समेत अन्य पदाधिकारी है. बिग बास्केट ऑनलाइन मार्केट है, जिसके जरिये लोग सब्जी, फल, मुर्गा, अंडा, मटन से लेकर जरूरत के सारे सामानों की खरीददारी ऑनलाइन कर सकते है, जिसमें करीब 40 हजार से अधिक उत्पाद है, जो करीब एक हजार ब्रांड से है. करीब 30 शहरों में इसके उत्पाद की बिक्री होती है. इसकी स्थापना वर्ष 2011 के दिसंबर माह में हरि मेनन, विपुल पारीख, वीएस सुधाकर, वीएस रमेश और अभिनव चौधरी ने किया था. (नीचे देखे पूरी खबर और बयान का वीडियो)
यह ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी है, जो लोगों को जरूरत के सामान उचित दर पर पहुंचाती है. भारत में टाटा समूह ने हाल ही में 65 फीसदी इसमें अपनी हिस्सेदारी खरीदी है, जिसके बाद से यह टाटा समूह की कंपनी के रुप में भी जाना जाता है. जमशेदपुर के बाद इसको रांची में विस्तार किया जाना है जबकि कोलकाता, पटना, मुजफ्फरपुर, कटक, भुवनेश्वर समेत कई पूर्वोत्तर राज्यों में इसकी आपूर्ति ऋंखला खड़ी की जा चुकी है. सोनारी स्थित सामुदायिक केंद्र में इसका सेंटर खोला गया है, जहां से जमशेदपुर और आसपास के जिले में जरूरत के सामानों की आपूर्ति करेगा. बिग बास्केट के सीइओ हरि मेनन ने बताया कि लोग इसको एप या वेबसाइट के जरिये आराम से रोज की जरूरत के सामान को मंगा सकते है, जिसमें स्थानीय कारोबारियों को ही जगह दी जायेगी. (नीचे देखे पूरी खबर और बयान का वीडियो)
स्थानीय किसानों के अलावा स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भी उत्पादों को जोड़ा जायेगा. इस दौरान पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सीइओ मेनन ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में आशा के विपरित काफी ज्यादा डिमांड है. खास तौर पर जमशदेपुर जैसे शहर में जिस तरह का ऑनलाइन मार्केट की शुरुआत हुई है और लगातार जिस तरह से डिमांड है,ह वह काफी चौंकाने वाला है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में लोगों को यहां 32 हजार उत्पाद उपलब्ध है, लेकिन इसकी संख्या को जमशेदपुर में 40 हजार किया जाना है. वैसे महानगरों में 50 से 60 हजार उत्पाद दिया जाता है. बिग बास्केट में 18 फीसदी हिस्सा सब्जी, मटन जैसे उत्पाद है जबकि देश की अन्य कंपनियां 8 फीसदी से भी कम ही रखती है, लेकिन स्थानीय जरूरतों के हिसाब से ही हम लोग इसको विकसित कर रहे है. उन्होंने यह भी बतया कि स्थानीय किसान, स्थानीय छोटे कारोबारियों के उत्पादों को लेकर ही बाजार करने की मंशा के साथ वे लोग बिग बास्केट की लांचिंग की थी और इसी उद्देश्य के साथ हम लोग आगे बढ़ेंगे. (नीचे देखे पूरी खबर और बयान का वीडियो)
सीइओ ने कहा कि अभी कम से कम 32 हजार से ज्यादा किसान हम लोगों से जुड़े हए है आने वाले दिनों में हम चाहते है कि 5 लाख किसानों को इसके जरिये जोड़ा जाये और बिचौलियों से उनको बचाकर उनके कारोबार को सीधे बाजार तक पहुंचाने का एक माध्यम बनकर उनको उचित मूल्य दिलाया जायेगा. उन्होंने बताया कि जहां तक बिग बास्केट का सवाल है कि अभी हम लोग सब्जी, मटन, चिकेन जैसे उत्पादों का शेयर ज्यादा रखे है. उन्होंने बताया कि जन धन योजना से यह लाभ हुआ है कि किसानों को सीधे एकाउंट में पैसे भेजे जाते है. लोकल कारोबारियों को भी बाजार उपलब्ध कराया जाता है. (नीचे देखे पूरी खबर और बयान का वीडियो)
उन्होंने बताया कि देशी चिकेन और देशी मटन जैसे डिमांड अगर होगा तो उन उत्पादों को भी अपने उत्पादों की ऋंखला में जोड़ा जायेगा. उन्होंने बताया कि बिग बास्केट का पूरे भारत में 15 मिलियन कस्टमर है. इसकी संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. पूर्वोत्तर भारत में काफी ज्यादा स्कोप है. उन्होंने कहा कि टाटा समूह से जुड़ने की वजह है कि टाटा समूह की जो सोच है, वह बिग बास्केट की सोच है. अगर टाटा समूह से जुड़ जाये और टाटा की नगरी में उसका उत्पाद ना आये तो यह ठीक नहीं है. (नीचे देखे पूरी खबर)
टाटा समूह के कारण ही टाटा नगरी में वे लोग भी कारोबार करने आये है. उन्होंने यह बताया कि बिग बास्केट का साल में अभी 1 बिलियन डॉलर का सेल है, इसको बढ़ाकर आने वाले साल 2026 तक 8.6 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है. देश में नंबर वन स्थान पर हम लोग स्थापित है और अभी 26 हजार लोगों को रोजगार दे पाये है और आने वाले दिनों में कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाकर 40 हजार किया जाना है.