जमशेदपुर : टाटा स्टील की सात कंपनियों के समायोजन करने के साहसिक कदम के बाद टाटा समूह अपनी कंपनियों की संख्या को घटाना चाहती है. टाटा समूह के सूत्रों के हवाले से वित्तीय मामलों से जुड़े मीडिया घरानों ने यह जानकारी दी है कि अब बहुत जल्द कंपनियों की संख्या को आधा कर दिया जायेगा ताकि प्रबंधन बेहतर तरीके से हो सके और खर्च में भी कमी लायी जा सके. आपको बता दें कि टाटा स्टील ने हाल ही में टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट, टिनप्लेट कंपनी, टाटा मेटालिक्स, टीआरएफ, तार कंपनी, टाटा स्टील माइनिंग और एसएंडटी माइनिंग कंपनी का एक में समायोजन कर दिया था. इसके बाद से यह प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है. वैसे टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि अब टाटा समूह की कंपनियों के बीच की जटिलताओं को और बेहतर किया जायेगा और उसको और आसान बनाया जायेगा. 128 डॉलर बिलियन रेवेन्यू और 255 डॉलर बिलियन मार्केट कैप वाली टाटा समूह अपने कैश फ्लो को बेहतर करना चाहती है. टाटा समूह के पास अभी 29 लिस्टेड कंपनी है. वहीं 60 से अधिक कंपनी अनलिस्टेड है जबकि 10 सेक्टर सब्सिडियरी वाली है. वर्तमान में योजनाओं के तहत टाटा इलेक्सी और टीसीएस का समायोजन होगा जबकि टाटा कंज्यूमर, टाइटन, ट्रेंट और टाटा केमिकल का समायोजन होगा. इसी तरह टाटा पावर और टाटा प्रोजेक्ट को एक साथ मिलयाा जा सकता है. टाटा कैपिटल, टाटा स्टील और टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी कंपनियों का समायोजन होगा. वहीं इंडियन होटेल्स, टाटा एसआइए, एयर एसिया और एयर इंडिया का समायोजन किया जायेगा. वहीं टाटा कम्यूनिकेशन, टाटा टेली, टाटा प्ले को भी एक साथ कर दिया जायेगा. टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा इंटरनेशनल का भी समायोजन होगा. टाटा समूह की हवाई सेवा टाटा एयर एसिया और विस्टारा को एयर इंडिया में समायोजित कर दिया जाना है.