जमशेदपुर : टाटा मोटर्स अपने विशुद्ध घाटे को तीन साल में कम करेगी. इसका पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया है. यह जानकारी टाटा संस और टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने दी. वे टाटा मोटर्स के सालाना आमसभा (एजीएम) को संबोधित करते हुए शेयरधारकों को यह बातें कहीं. इस दौरान उन्होंने बताया कि टाटा मोटर्स का लोन पहले से घटा है. शेयरधारकों की चिंताओं को दूर करते हुए श्री चंद्रशेखरन ने कहा, “हम तीन साल में शुद्ध कर्ज को कम करने में सफलता हासिल करेंगे. उन्होंने बताया कि यह कैश फ्लो को दुरुस्त कर किया जायेगा. नन कोर एसेट्स को बंद किया जायेगा. यह भी बताया गया कि कर्ज 13395 करोड़ रुपये का घाटा था, जो अभी घटकर 11975 करोड़ रुपये हो चुका है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आने वाले तीन सालों में यह घाटे को कम कर लिया जायेगा. चिप की कमी और समग्र व्यवसाय पर इसके प्रभाव के बारे में एक सवाल के जवाब में, श्री चंद्रशेखरन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चालू वर्ष की दूसरी छमाही तक आपूर्ति संबंधी मुद्दों का समाधान हो जाएगा. इस बीच, उन्होंने शेयरधारकों को आश्वासन दिया कि हानियां पीछे हैं और यह संभावना नहीं है कि आने वाले वर्षों में और अधिक हानि होगी. उन्होंने यह भी बताया कि टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिकल गाड़ियां बनाने की क्षमता को विकिसत करेगी. अभी दो फीसदी पैसेंजर गाड़ियों का इलेक्ट्रिक वाहन बनाये जा रहे है, लेकिन अब इसको बढ़ाया जायेगा और इसको और बढ़ाया जायेगा. करीब 150 मिनट चले इस एजीएम में यह बातया गया कि 2025 तक दस नये इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां टाटा मोटर्स लायेगी. यह आमसभा पूरी तरह वर्चुअल ही था. चेयरमैन ने बताया कि अभी दो फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन हम लोग बना रहे है, लेकिन इसको बढ़ाकर 25 फीसदी किया जायेगा. इसके लिए टाटा मोटर्स के साथ मिलकर पूरे देश के 25 शहरों में दस हजार चार्जिंग प्वाइंट भी बनाने जा रही है. उन्होंने यह भी बताया कि घाटा 40876 करोड़ रुपये हो चुका है, जो पहले 48282 करोड़ रुपये था. उन्होंने बताया कि आने वाले तीन साल में घाटे को भी जीरो कर दिया जायेगा, जिसके लिए काम चल रहा है. इस आमसभा के दौरान शेयरधारकों ने शेयर पर डिविडेंड नहीं देने पर कड़ी आपत्ति जतायी. एक शेयरधाररक ने तो यह भी कहा कि डिविडेंड के जरिये ही उनकी कमाई होती है क्योंकि वे लोग सीनियर सिटीजन हो गये है. चेयरमैन ने कहा कि यह हालात बदलेंगे और बेहतर होगा. दूसरी ओर, इस बार की आमसभा में चेयरमैन ने सारे प्लांट में लंबित वेज रिवीजन समझौता करने का भी आदेश जारी कर दिया और इस पर सहमति भी आमसभा में दी गयी. आपको बता दें कि 31 मार्च 2022 से वेज रिवीजन जमशेदपुर में लंबित होने जा रहा है. इसके अलावा पुणे के कॉमर्शियल वेहिकल यूनिट में 31 अगस्त 2021, पुणे के ही पैसेंजर वेहिकल यूनिट में 31 मार्च 2022, मुंबई प्लांट में 31 दिसंबर 2021, लखनऊ प्लांट में 31 मार्च 2020, पंतनगर में 31 मार्च 2022, सानंद पैसेंजर वेहिकल प्लांट में 30 सितंबर 2020 से ही लंबित हो चुका है जबकि यूके प्लांट में बनने वाले जगुआर लैंड रोवर के प्लांट में 1 अप्रैल 2021 से लंबित है. शुक्रवार को संपन्न हुए आमसभा में एन चंद्रशेखरन को फिर से बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में जगह दी गयी और चेयररैमन बनाया गया. इसके अलावा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के तौर पर मितसुहिको यामाशिता, थियेरी बोलोर, कोसाराजू वी चौधरी को फिर से डायरेक्टर नियुक्त किया गया. इसके अलावा गुंटेर बुशटेक के इस्तीफे को मंजूरी दी गयी और एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर गिरीश वाग को नियुक्त करने को मंजूरी दी गयी. गिरीश वाग को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में समाहित किया गया. इसके अलावा गिरीश वाग को वे वेतन को भी मंजूरी दी गयी. इसके तहत उनका मासिक वेतन प्रतिमाह (बेसिक) 7.50 लाख रुपये से लेकर 15 लाख रुपये तक की मंजूरी दी गयी है. उसके अलावा अन्य सारी सुविधाएं भी होगी. नन एक्जीक्यूटिव डायरेक्टरों को भी मंजूरी दी गयी.