जमशेदपुर : देश की अग्रणी ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट में घोषित ब्लॉक क्लोज़र को विस्तार दी गई है. अब कंपनी 29 अक्टूबर, 31 अक्टूबर से लेकर 2 नवंबर तक ब्लॉक क्लोज़र में रहेगी. इस संबंध में गुरुवार को प्लांट हेड विशाल बादशाह द्वारा सर्कुलर जारी कर दिया गया. इससे पहले 25 अक्टूबर शुक्रवार, 26 अक्टूबर शनिवार एवं 28 अक्टूबर सोमवार को कंपनी ब्लॉक क्लोजर की घोषणा की थी. 30 अक्टूबर को कंपनी में वर्किंग डे रहेगा यानी सामान्य तौर पर कामकाज होगा जबकि 27 अक्टूबर, रविवार 3 नवंबर रविवार को सार्वजनिक अवकाश रहेगा. इस तरह कंपनी 25 अक्टूबर से 3 नवंबर तक 9 दिनों तक बंद रहेगी. उत्पादन ठप रहेगा. मालूम हो कि टाटा मोटर्स प्रबंधन ने अक्टूबर माह में चौथा ब्लॉक क्लोजर नंबर के चालू माह में 3 दिन बंद रहेगी. पहली बार इससे पहले कंपनी एक दिन का ब्लॉक क्लोजर एक अक्टूबर, दूसरी बार 5 व 7 तथा 9 अक्टूबर को एक-एक दिन का ब्लॉक क्लोजर ले चुकी है जबकि तीसरी बार प्रबंधन ने 2 दिन का ब्लॉक क्लोजर 18 एवं 19 अक्टूबर को लिया था. जमशेदपुर प्लांट में चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 31 ब्लॉक क्लोजर ले चुकी है. 25 अक्टूबर से 3 नवंबर तक के ब्लॉक क्लोजर को जोड़ दिया जाए तो कुल 38 क्लोजर हो जाएगी. प्रबंधन और यूनियन के बीच हुए समझौते के तहत कंपनी प्रबंधन इस वित्तीय वर्ष में कुल 39 दिनों का ब्लॉक कर ले सकती है. ब्लॉक क्लोजर के दौरान आधे दिन का पैसा कंपनी देती है और आधे दिन का पैसा कर्मचारियों की छुट्टी से एडजस्ट किया जाता है.
38 दिन हो जाएंगे ब्लॉक क्लोजर के, सिर्फ एक दिन और बचा
ऑटोमोबाइल सेक्टर में छायी मंदी के कारण टाटा मोटर्स के वाहनों की मांग घटी है. नए ऑर्डर मिलने के बजाय ऑर्डर कैंसिल हो रहे हैं. उत्पादन लगभग ठप सा हो गया है. इसके चलते कंपनी प्रबंधन को बार-बार ब्लॉक क्लोजर लेना पड़ रहा हैं. इस चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 38 दिन के ब्लॉक होने की घोषणा की जा चुकी है. 3 नवंबर के बाद प्रबंधन मात्र और एक ही दिन ब्लॉक क्लोज़र ले सकती है. प्रबंधन और यूनियन के बीच हुए समझौते के तहत एक वित्तीय वर्ष में कुल 39 ब्लॉक क्लोजर ही लिए जा सकते हैं. पहले इसकी संख्या 24 थी, जिसे हाल ही में बढ़ाया गया था. 3 नवंबर के बाद कंपनी को ब्लॉक क्लोजर लेने के लिए नए समझौते करने होंगे. हालांकि इस संबंध में प्रबंधन व यूनियन अधिकारियों से संपर्क किया गया तो कुछ भी कहने से इनकार कर दिया गया.
वेंडर कंपनियों के टूट रही है कमर
ऑटोमोबाइल सेक्टर के देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स पर आदित्यपुर समेत कोल्हान कि कई कंपनियां आश्रित हैं. वाहनों में लगने वाले कल पुर्जे की सप्लाई इन कंपनियों के द्वारा की जाती है. वाहनों की मांगों में कमी के कारण बार-बार लिए जा रहे ब्लॉक क्लोजर के चलते यह कंपनियां काफी प्रभावित हुई हैं. कई कंपनियों के ताले लटक गए हैं जबकि कई कंपनियां अंतिम सांस गिन रही हैं जबकि कर्मचारी छंटनी किए जा रहे हैं. मंदी में जल्द सुधार नहीं हुआ तो हजारों कर्मचारी पर आर्थिक बोझ व कर्ज़ में डूब जाएंगे जबकि कंपनियों को बोरिया बिस्तरा बंद करना होगा.