जमशेदपुर : टाटा मोटर्स वर्ष 2024 तक शून्य लोन वाली कंपनी बन जायेगी. टाटा संस और टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने यह बातें कहीं है. उन्होंने टाटा मोटर्स के वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी साझा की है और कहा है कि टाटा मोटर्स टाटा समूह की सूचीबद्ध कंपनियों में पिछड़ रही है. टीसीएस, टाटा स्टील और टाइटन के बदले टाटा मोटर्स ने घाटा दर्ज किया है. टाटा मोटर्स का वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 11441 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है जबकि मार्च 2021 को समाप्त पिछली तिमाही के दौरान 7605 करोड़ रुपये का घाटा कंपनी को हो चुका है. कंपनी ने जानकारी दी है कि टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी ब्रिटेन की कंपनी जगुआर लैंडरोवर की गाड़ियां कम बिकी थी, जिस कारण घाटा बढ़ा है. रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा मोटर्स का शुद्ध कर्ज 19 फीसदी बढ़कर 48679 करोड़ रुपये हो चुका है. अपनी रिपोर्ट में यह बताया गयगा है कि टाटा मोटर्स का फ्री फ्लो ऑटोमोटिव का नेगेटेटिव रिपोर्टिंग हुआ है और करीब 9472 करोड़ रुपये तक की कमी आयी है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 5317 करोड़ रुपये था. सालाना रिपोर्ट में टाटा मोटर्स और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बताया कि आने वाले दिनों में स्थिति बदलेगी. लगातार आयी कैश फ्लो में कमी के बावजूदत कंपनी को हर हाल में घाटे से ऊबारने की चुनौतियों पर काम किया जा रहा है.