
जमशेदपुर : टाटा संस के चेयरमैन के पद पर एन चंद्रशेखरन की फिर से नियुक्ति होगी या नहीं, इसको लेकर चल रही अटकलों के बाजार के बीच टाटा समूह की आमसभा 14 सितंबर को आहूत कर दी गयी है. यह आमसभा वर्चुअल तरीके से आयोजित होगी. डिजिटल दुनिया में प्रवेश करने और टेलीकॉम इंडस्ट्रीज में भी कंपनी की होने वाली इंट्री को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है. आमसभा पर सबकी निगाहें इसलिए होगी क्योंकि चेयरमैन के पद पर एन चंद्रशेखरन का कार्यकाल समाप्त होने वाला है और नये सिरे से उनको नियुक्त करना होगा या नये चेयरमैन की नियुक्ति करना होगा. इसको लेकर एजेंडा साफ हो चुका है. हालांकि, खुद रतन टाटा ने इसको लेकर अपनी हरी झंडी दे दी है कि फिर से चंद्रशेखरन को ही चेयरमैन नियुक्त किया जाये. लेकिन खुद रतन टाटा ने पिछले दिनों आयी खबरों पर कहा था कि उनके साथ किसी मीडिया से कोई बात नहीं हुई है. शेयर होल्डर जो तय करेंगे, वह होगा. रतन टाटा ने कहा है कि बोर्ड से विचार-विमर्श के बाद ही उत्तराधिकारी को लेकर फैसला होगा. रतन टाटा ने कहा है कि टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को दूसरा कार्यकाल देने के लिए किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया है. पूर्व चेयरमैन ने कहा है कि वे शेयरधारकों को भरोसा दिलाते हैं कि उत्तराधिकारी के संबंध में कोई भी फैसला काफी पारदर्शी तरीके से किया जाएगा. टाटा संस के बोर्ड के साथ विचार-विमर्श के बिना उत्तराधिकारी का फैसला नहीं किया जायेगा.
चंद्रशेखरन के आने के बाद टाटा समूह का बढ़ा कारोबार
टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर एन चंद्रशेखरन के कार्यकाल में तीन साल में टाटा समूह की बिक्री 8 फीसदी तक बढ़ी है. वित्तीय वर्ष 2018 में टाटा समूह की कुल बिक्री 6.5 करोड़ रुपये थी, जो वित्तीय वर्ष 2021 में बढ़कर 7.06 करोड़ रुपये हो चुका है. इस अवधि में ग्रुप का शुद्ध लाभ 21617 करोड़ रुपये हो गया है जो करीब 51 फीसदी से ज्यादा है. टाटा समूह का बड़ा हिस्सा टीसीएस से आता है.
2022 में खत्म होगा कार्यकाल
एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति पहली बार फरवरी 2017 से की गयी थी. सायरस मिस्त्री को हटाने के बाद एन चंद्रशेखरन को चेयरमैन बनाया गया था. नवंबर 2016 से उनको प्रभार दिया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल एक फरवरी 2017 से शुरू हुआ था, जो पांच साल के लिए था. कार्यकाल पांच साल फरवरी 2022 में खत्म होने जा रही है. एक औपचारिकता बच गयी है कि एन चंद्रशेखरन को फिर से चेयरमैन बनाया जा रहा है. उनका यह दूसरा कार्यकाल होगा.
टाटा समूह के चेयरमैन चंद्रा जमशेदपुर के दामाद है
टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन जिनको प्यार से लोग चंद्रा के रुप में भी जानते है का जमशेदपुर से पुराना रिश्ता है. वे यहां के दामाद है. उनकी पत्नी ललिता की प्रारंभिक शिक्षा जमशेदपुर में ही हुई है. एन चंद्रशेखरन के ससुर एम रामचंद्रन टाटा स्टील में अधिकारी थे. उनकी सास कमला रामचंद्रन डीबीएमएस, कदमा, जमशेदपुर की दो साल तक अध्यक्ष रह चुकी है. वे 1982 से 1984 तक अध्यक्ष रही थी. एन चंद्रशेखरन के ससुर टाटा स्टील से वर्ष 1988 से रिटायर हुए थे. एस रामचंद्रन की दो बेटियां शारदा और ललिता है. वह अपने परिवार के साथ जुस्को ऑफिस के सामने स्थित हिल व्यू रोड के क्वार्टर में रहते थे. दोनों बेटियों की शिक्षा कांवेंट स्कूल में हुई है. ललिता ने 1980 में कांवेंट से दसवीं की परीक्षा पास की है. इसके बाद वे चेन्नई चले गये. चेन्नई में ही सारे लोग रहने लगे, जिसके बाद से लोग वहीं बस गये. हालांकि, एन चंद्रशेखरन और ललिता की शादी जमशेदपुर में ही हुई थी और जमशेदपुर के कई लोग इसके गवाह भी बने थे.