मुंबई/जमशेदपुर : टाटा संस के एमिरट्स चेयरमैन और औद्योगिक जगत के पुरोधा कहे जाने वाले रतन टाटा ने कोरोना काल में कंपनियों और विभिन्न सेक्टर में हो रही छंटनी पर बड़ा सवाल उठाया है. श्री टाटा ने अब तक का सबसे बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के बीच कर्मचारी दोहरे संकट में है. कर्मचारी पहले तो कोरोना से लड़ रहे है और ऊपर से उनकी नौकरियां ले ली जा रही है. रतन टाटा शुक्रवार को एक न्यूज वेबसाइट के जरिये करीब 33 हजार युवाओं के साथ जुड़े एक वेबिनार के दौरान सवालों का जवाब देते हुए यह बातें कहीं. रतन टाटा ने इस वेबिनार में युवाओं से हुए जुड़ाव की तारीफ भी की, जिसको उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है. रतन टाटा ने कंपनियों में नौकरी से हो रही छंटनी पर प्रबंधन की नैतिकता पर ही सवाल उठाये है.
श्री टाटा ने कहा कि उनको यह महसूस हो रहा है कि कंपनियों के जो टॉप लीडर है, उनमें सहानूभूति और मानवता की कमी हो गयी है. जिन लोगों को नौकरी से निकाला जा रहा है, वे वो लोग है, जो कंपनी के लिए लगातार कामा करते है. अपने खून पसीना कंपनी के लिए लगाया है. अपना पूरा कैरियर ही कंपनी के लिए खपा दिया है. संकट के इस काल में उनको जहां कंपनी को सहयोग (सपोर्ट) करना चाहिए था, उसके विपरित उनको नौकरी से निकालकर उनको बेरोजगार ही कर दिया जा रहा है. उन्होंने उद्योगों का नेतृत्व करने वालों पर ही सवाल उठाया और सवाल पूछा कि कंपनियों के टॉप लीडर्स का अभी के समय में क्या कर्तव्य है. टॉप लीडर्स से उन्होंने पूछा कि उनके लिए (मैनेजमेंट के टॉप लीडर्स के लिए) नैतिकता की क्या परिभाषा है, जो अपने कर्मचारियों के साथ इस तरह का बरताव किया जा रहा है. उन्होंने टाटा समूह पर भी चर्चा की और कहा कि अब तक टाटा समूह की किसी भी कंपनी में छंटनी नहीं हुई है, लेकिन कंपनियों के बड़े अधिकारियों यानी टॉप मैनेजमेंट के लोगों की 20 फीसदी वेतन में जरूर कटौती की गयी है.
मुनाफा कमाना गलत नहीं, नैतिकता भी जरूरी, बिजनेस के लिए सिर्फ मुनाफा कमाना जरूरी नहीं
रतन टाटा ने कंपनियों में हो रही छंटनी और मैनेजमेंट के अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि किसी भी कंपनी या बिजनेसमैन के लिए मुनाफा कमाना गलत बिलकुल भी नहीं है, लेकिन नैतिकता भी जरूरी है. मुनाफा कमाने के लिए आप क्या-क्या कर रहे है, यह भी सवाल भी जरूरी है. कंपनियों को मुनाफा कमाने के दौरान इस बात का भी ख्याल रखना चाहिए कि कस्टमर, शेयरहोल्डरों के लिए क्या वैल्यू एड किया जा रहा है. ये सारे पहलु काफी महत्वपूर्ण है. वर्तमान हालात में कंपनियों के मैनेजर्स को यह जरूर खुद से सवाल पूछते रहना चाहिए कि क्या जो फैसला वे लोग ले रहे है, वह सही है. रतन टाटा ने कहा कि वह कंपनी ज्यादा दिनों तक चल (सर्वाइव) नहीं सकती है, जो अपने लोगों को लेकर संवेदनशील नहीं हो. रतन टाटा ने बिजनेस को लेकर अपनी सोच को उजागर करते हुए कहा कि बिजनेस का मतलब यह नहीं कि सिर्फ मुनाफा कमाया जाये. यह भी बहुत जरूरी है कि आपके लिए जो कर्मचारी काम करते है, जो स्टेकहोल्डर्स है और जो कस्टमर है, उनके हितों को भी ध्यान रखना चाहिए.