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tata-sons-wins-air-india-bid-टाटा संस को वापस मिली एयर इंडिया, 18 हजार करोड़ की बोली लगाकर 68 साल बाद टाटा ने अपना एयर इंडिया वापस ले लिया, रतन टाटा बोले-आज जेआरडी टाटा जीवित होते तो खूब खुश होते, टाटा संस के चेयरमैन चंद्रशेखरन बोले-जेआरडी को यह टाटा समूह की श्रद्धांजलि

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टाटा समूह के चेयरमैन जेआरडी टाटा द्वारा एयर इंडिया के कर्मचारियों को संबोधित करने की पुरानी तस्वीर, जब टाटा एयर इंडिया का संचालन करती थी.

जमशेदपुर/नयी दिल्ली/मुंबई : टाटा संस की टाटा समूह ने एयर इंडिया को अपने नाम कर लिया है. यह घर वापसी है. करीब 68 साल के बाद टाटा समूह की फिर से एयर इंडिया हो गयी है. 18 हजार करोड़ की बोली लगाकर टाटा समूह ने इसकी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी को खरीद ली है. एयर इंडिया के लिए स्पाइसजेट के लिए अजय सिंह ने 15 हजार करोड़ रुपये की बोली लगायी थी, जिसमें वे पिछड़ गये और टाटा समूह ने वापस एयर इंडिया को अपने नाम कर लिया है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआइपीएएम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि यह ट्रांजैक्शन दिसंबर 2021 तक पूरा हो जायेगा. टाटा के हाथ एयर इंडिया दे दी जायेगी. टैलेस प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से टाटा समूह ने एयर इंडिया के लिए बोली लगायी थी. इस कंपनी की स्थापना मुख्य रुप से इसी काम के लिए अगस्त 2020 में की गयी थी. (पूरी खबर नीचे देखें)

जेआरडी टाटा भारत के पहले कॉमर्शियल पायलट थे, जिनका लाइसेंस यहीं था.

आपको बता दें कि एयर इंडिया को अक्टूबर 1932 में टाटा समूह ने ही शुरु की थी. वर्ष 1947 में जब देश आजाद हुई तो देश को एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई थी. टाटा समूह के चेयरमैन के तौर पर जेआरडी टाटा आसीन थे. ऐसे में भारत सरकार ने सबसे पहले एयर इंडिया के 49 फीसदी हिस्सेदारी को अधिग्रहित कर लिया था. इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कारपोरेट एक्ट को पास किया और टाटा समूह से इस कंपनी में सारी हिस्सेदारी ले ली थी. इसके बाद से भारत सरकार के नागर विमानन विभाग द्वारा ही इसका संचालन किया जाता था. कालांतर में यह घाटे में चला गया. इसके बाद भारत सरकार ने फैसला लिया कि इसकी शत-प्रतिशत हिस्सेदारी को बेच दिया जायेगा क्योंकि एयर इंडिया पर 65 हजार 562 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज हो गया था. एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म पैनल ने एयर इंडिया की बोली लगाने का फैसला लिया, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई महत्वपूर्ण मंत्री शामिल थे. सरकार को इस डील में 2700 करोड़ रुपये का नगद मिलेगा. वर्तमान में एयर इंडिया के पास 4400 घरेलू उड़ानें है और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट का कंट्रोल भी है. (पूरी खबर नीचे देखें)

पहला हवाई जहाज लाने के बाद जेआरडी टाटा

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा-जेआरडी टाटा को श्रद्धांजलि, जिनकी यादें इस एयररलाइंस से जुड़ी है
एयर इंडिया को वापस टाटा संस को मिल जाने पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने खुशी जाहिर की है. एन चंद्रशेखरन ने अपने बयान में कहा है कि टाटा समूह को एयर इंडिया के बिड में विजेता घोषित किया गया है. यह ऐतिहासिक पल है कि जब टाटा समूह भारत की पहचान कही जाने वाली एयररलाइंस का संचालन करेगी. उन्होंने कहा है कि वे इसको वर्ल्ड क्लास एयरलाइंस बनाना चाहते है. उन्होंने इस अवसर पर टाटा संस के पूर्व चेयरमैन और भारत रत्न जेआरडी टाटा को याद किया और कहा कि वे इस वक्त जेआरडी टाटा को याद करते है और उनको श्रद्धांजलि अर्पित करते है, जिनकी यादें इस एयरलाइंस से जुड़ी है. (पूरी खबर नीचे देखें)

रतन टाटा का संदेश.

रतन टाटा ने ट्विटर पर जेआरडी टाटा की एयर इंडिया से उतरते हुए तस्वीर जारी की है और कहा-एयर इंडिया की वापसी का स्वागत
टाटा संस को वापस एयर इंडिया मिल जाने पर टाटा संस के एमिरट्स चेयरमैन रतन टाटा ने खुशी का इजाहर किया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर जेआरडी टाटा की एयर इंडिया के साथ की तस्वीर को साझा किया है, जिसमें उनके साथ एयर इंडिया की तमाम एयर होस्टेस दिख रही है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि टाटा समूह का एयर इंडिया का बिड जीतना काफी महत्वपूर्ण और महान खबर है. इस बिड़ के जीतने से एयर इंडिया वापस से मजबूत होगी जबकि टाटा समूह की एयरलाइंस सेवाओं में मजबूत धाक बाजार में बनाने में भी मदद करेगी. उन्होंने कहा है कि एक वक्त था जब दुनिया में एयर इंडिया की पहचान होती थी और एक सम्मान था. उन्होंने कहा कि इसके सम्मान को वापस दिलाना टाटा समूह का प्रयास होगा, जो पहले हुआ करती थी. उन्होंने कहा कि जेआरडी टाटा आज हमारे बीच अगर होते तो काफी खुश होते. उन्होंने सरकार को भी बधाई दी है कि उन्होंने निजी हाथों में इस तरह की सेवाओं को सौंपने का फैसला लिया है.

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