जमशेदपुर : टाटा स्टील ने 12 घंटे की ड्यूटी लगाए जाने को लेकर चल रहे विरोध के बीच अपनी मंशा को साफ कर दिया है. टाटा स्टील ने पिछले दो-तीन दिनों से 12 घंटे की ड्यूटी का चल रहे विरोध के बीच एक बड़ा बयान जारी किया है. कंपनी के अनुसार 12 घंटे की ड्यूटी काफी कारगर साबित हुई है और हालात को देखते हुए अन्य विभागों में भी 12 घंटे की ड्यूटी की शुरुआत की जा सकती है. कंपनी के अनुसार, अपने कार्यबल का स्वास्थ्य और सुरक्षा हमेशा टाटा स्टील के लिए सर्वोपरि रहा है. परीक्षण मापदंडों से लेकर ट्रेसिंग से संपर्क करने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, मानदंडों की निगरानी, कर्मचारी जोखिम स्तरों को वर्गीकृत करने और उचित स्वास्थ्य संबंधी प्रतिक्रियाएं प्रदान करने को लेकर उद्योग-विशिष्ट प्रोटोकॉल विकसित करने में टाटा स्टील सबसे आगे रहा है, जो दूसरों के लिए एक मॉडल हो सकता है. कोविड-19 के प्रकोप के कारण उत्पन्न स्थितियों को देखते हुए झारखंड सरकार की अनुमति के बाद कंपनी में 12 घंटे की शिफ्ट ऑपरेशन की अनुमति मिली है. इसके बाद कंपनी के न्यू बार मिल, सिंटर प्लांट और आईबीएमडी में 12 घंटे की कार्य शिफ्ट का ट्रायल (परीक्षण) किया गया, जो सफल रहा. कंपनी की ओर से बताया गया है कि इन क्षेत्रों में कर्मचारियों का फुटफॉल लगभग 25% प्रति दिन तक कम हो गया है. इसे लेकर कर्मचारियों का फीडबैक भी लिया गया है, जिसकी समीक्षा की जा रही है. साथ ही अन्य विभागों में भी 12 घंटे शिफ्ट की सफलता की उम्मीद जतायी गयी है.
tata-steel-12-hours-duty-टाटा स्टील ने विरोध को किया दरकिनार, जारी किया बयान-12 घण्टे की ड्यूटी सफल, कई अन्य डिपार्टमेंट में हो सकता है लागू
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