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tata-steel-amalgamation-trf-tinplate-tata-metaliks-decisions-टाटा स्टील में टीआरएफ, टाटा मेटालिक्स, टीआरएफ के समायोजन को लेकर इन कंपनियों के बोर्ड में हुआ फैसला, टीआरएफ और टाटा मेटालिक्स के एमडी बदले गये, जानें इन कंपनियों में क्या हुआ है बदलाव

राशिफल

जमशेदपुर : टाटा स्टील में टीआरएफ, टिनप्लेट, टाटा मेटालिक्स के समायोजन को लेकर तीनों कंपनियों की अलग-अलग बैठकें हुई. इन सारे बैठकों में इसके समायोजन को मंजूरी दी गयी. इस दौरान सारे कंपनियों के बोर्ड में बदलाव किया गया. इसके अलावा टीआरएफ और टाटा मेटालिक्स कंपनी के एमडी में भी बदलाव कर दिया गया. (नीचे देखे पूरी खबर)

आलोक कृष्णा.

टाटा मेटालिक्स के अतिरिक्त निदेशक बने आलोक कृष्णा, बोर्ड ने दी मंजूरी
टाटा मेटालिक्स लिमिटेड के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर) ने बैठक में विचार किया और सर्वसम्मति से टाटा मेटालिक्स लिमिटेड के टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स लिमिटेड के साथ समामेलन (एमल्गमेशन) की मौजूदा योजना को वापस लेने का निर्णय लिया, जिसे 13 नवंबर, 2020 को आयोजित इसकी बैठक में पहले मंजूरी दी गई थी. इसे वापस लेने का निर्णय दोनों कंपनियों की अंतर्निहित व्यावसायिक स्थितियों में महत्वपूर्ण बदलावों के कारण लिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप अंतर्निहित लाभ कम प्रतीत हो रहे थे, जिनकी शुरुआत में परिकल्पना की गई थी. बाद में, बोर्ड ने टाटा स्टील लिमिटेड में और उसके साथ कंपनी के एकीकरण (एमल्गमेशन) की एक योजना पर विचार किया और सर्वसम्मति से इसे मंजूरी दे दी. बोर्ड ने स्वतंत्र निष्पक्षता और मूल्यांकन राय के आधार पर समामेलन (एमल्गमेशन) प्रस्ताव पर विचार किया है, और कंपनी अधिनियम, 2013 तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के नियमों के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया है. स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं की रिपोर्ट के आधार पर, बोर्ड ने प्रस्तावित समामेलन (एमल्गमेशन) के लिए निम्नलिखित स्वैप अनुपात को मंजूरी दी है. टाटा मेटालिक्स लिमिटेड के प्रत्येक 10 शेयरों के लिए, टाटा स्टील लिमिटेड के 79 शेयर एकीकरण का प्रस्ताख़व है. प्रस्तावित एकीकरण (एमल्गमेशन) का उद्देश्य टाटा स्टील की बुनियादी संरचना, आरएंडडी, डिजिटल और परियोजना निष्पादन क्षमताओं का लाभ उठाकर डक्टाइल आयरन पाइप के व्यवसाय के अपने ऑपरेशन को बढ़ाने में सक्षम बनाना है. बिज़नेस को टाटा स्टील से सर्वोत्तम अभ्यासो, ह्यूमन कैपिटल और तकनीकी जानकारी के हस्तांतरण से भी लाभ होगा. प्रस्तावित एकीकरण (एमल्गमेशन) सेंट्रलाइज्ड प्रोक्योरमेंट, इन्वेंट्री के अनुकूलन और बेहतर सुविधा के उपयोग के माध्यम से तालमेल को बढ़ावा देगा. यह सिस्टम में ओवरहेड और कॉर्पोरेट लागत को कम करने और शेयरधारकों के लिए मूल्य बढ़ाने में भी मदद करेगा. एमल्गमेशन की योजना अब एक परिभाषित नियामक अनुमोदन प्रक्रिया में चली जाएगी, जिसमें स्टॉक एक्सचेंजों और एनसीएलटी द्वारा अनुमोदन शामिल है. दूसरी ओर, करीब 5 साल से अधिक समय तक टाटा मेटालिक्स का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के बाद, संदीप कुमार 31 अक्टूबर, 2022 से कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) और प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक (सीइओ) के रूप में पद छोड़ देंगे और टाटा स्टील सिस्टम के भीतर एक अन्य कार्यभार संभालेंगे. नतीजतन, निदेशक मंडल ने, नॉमिनेशन एंड रिम्यूनरेशन कमिटी की सिफारिश पर, आलोक कृष्णा की नियुक्ति को 1 नवंबर, 2022 से कंपनी के एडिशनल डायरेक्टर के रूप में मंजूरी दे दी है. श्री कृष्णा वर्तमान में टीआरएफ लिमिटेड केमैनेजिंग डायरेक्टर हैं और 1 नवंबर, 2022 से टाटा मेटालिक्स के प्रबंध निदेशक तथा प्रमुख प्रबंधकीय कार्मिक का पदभार ग्रहण करेंगे. (नीचे देखे पूरी खबर)

टीआरएफ के भी बदले गये एमडी
टीआरएफ की बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में टाटा स्टील लिमिटेड के समायोजन को मंजूरी दे दी गयी. इसके तहत बोर्ड ने टाटा स्टील लिमिटेड में टाटा रोबिन फ्रेजर (टीआरएफ) लिमिटेड (34.11% इक्विटी होल्डिंग) के एकीकरण को भी मंजूरी दी. टीआरएफ लिमिटेड के प्रत्येक 10 शेयरों के लिए टाटा स्टील लिमिटेड के 17 शेयर का समायोजन किया गया है. टाटा स्टील की ओर से टीआरएफ के विस्तार को लेकर काफी काम किये गये है. हाल के दिनों में टाटा स्टील के सहयोग से टीआरएफ के कार्यों में भी बदलाव किया गया है. कंपनी के बेहतर भविष्य, बेहतर तकनीक को देखते हुए टाटा स्टील में इसका समायोजन किया गया है. इसके साथ ही टीआरएफ के एमडी आलोक कृष्णा को भी हटाते हुए उमेश कुमार सिंह को अभी अतिरिक्त निदेशक बनाया गया है. 1 अक्टूबर से उनको एमडी के पद पर आसीन कराया जायेगा. उमेश कुमार सिंह वर्तमान में टाटा पिगमेंट कंपनी के एमडी के तौर पर काम कर रहे है. (नीचे देखे पूरी खबर)

टिनप्लेट कंपनी बोर्ड में भी हुआ बदलाव
टिनप्लेट कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में भी टाटा स्टील के समायोजन को मंजूरी दे दी गयी है. इसके तहत टिनप्लेट कंपनी के प्रत्येक 10 शेयरों के लिए टाटा स्टील लिमिटेड के 33 शेयर का समायोजन किया गया है. कंपनी के बेहतर विकास के लिए यह अहम फैसला लिया गया है. टाटा स्टील पेरेंटेज से काफी लाभ होता है क्योंकि यह पहले से ही अपनी आवश्यक उच्च गुणवत्ता वाली इनपुट सामग्री का 100% टाटा स्टील से सबसे अधिक लागत कुशल और स्थिर आपूर्तिकर्ता के रूप में प्राप्त करता है. कंपनी ने बाजार हिस्सेदारी को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण विस्तार के हिस्से के रूप में अपनी क्षमता को 3,00,000 मिलियन टन तक बढ़ाने की योजना की भी घोषणा की है. प्रस्तावित एकीकरण पूंजी की निर्बाध उपलब्धता और बेहतर परियोजना निष्पादन क्षमताओं के माध्यम से विस्तार परियोजना को गति देगा. यह वर्तमान और भविष्य की क्षमता आवश्यकताओं के लिए इनपुट सामग्री की निर्बाध उपलब्धता भी सुनिश्चित करेगा. यूरोप में इसकी पैकेजिंग स्टील क्षमताओं से संबंधित टाटा स्टील के संचालन और मजबूत अनुसंधान और विकास क्षमताओं में सर्वोत्तम प्रथाओं के हस्तांतरण से हमारे व्यवसाय को लाभ होगा. डाउनस्ट्रीम परिचालनों के समेकन के साथ-साथ टाटा स्टील के राष्ट्रव्यापी विपणन और बिक्री नेटवर्क के साथ संयोजन से हमारे ग्राहकों के लिए बेहतर सेवा स्तर और पहुंच सुनिश्चित होगी.

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