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tata-steel-big-achievement-टाटा स्टील के ब्लास्ट फर्नेस से निकलने वाले कार्बन डायॉक्साइड गैस को पकड़ने वाला नया प्लांट लगा, सीओ 2 कैप्चर प्लांट लगाने वाली भारत की पहली कंपनी बनी टाटा स्टील, टाटा स्टील एमडी ने कहा-अगर सफल रहा प्रयोग तो क्षमता बढ़ेगा, जानें क्या है यह नयी पद्धति

राशिफल

उदघाटन कार्यक्रम के दौरान टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन और अन्य.

जमशेदपुर : टाटा स्टील ने अपने ब्लास्ट फर्नेस से निकलने वाले गैस से कार्बन डायॉक्साइड गैस को खींचने वाले नये प्लांट की स्थापना की है. इसका विधिवत उदघाटन कंपनी के भीतर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने किया. यह टाटा स्टील के जमशेदपुर प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस से निकलने वाले गैस में से कार्बन डायॉक्साइड (सीओ2) को कैप्चर कर लेगा, जिसका इस्तेमाल कंपनी अपने कार्यों के लिए कर सकेगी. यह पांच मिलियन टन प्रतिदिन कैप्चर करने वाला प्लांट है, जो देश में अपने तरह का पहला है. अब तक भारत में किसी भी स्टील कंपनी ने इस तरह का तकनीक का इस्तेमाल नहीं किया है. इस कार्बन डायॉक्साइड का फिर से इस्तेमाल किया जा सकेगा. कार्बन कैप्टर व यूटिलाइजेशन सुविधा के जरिये गैस नेटवर्क में फिर से इसको इस्तेमाल लायक बनाने के बाद भेज दिया जाता है, जहां से फिर से स्टील उत्पादन के कार्यों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. कार्बन क्लीन नामक एजेंसी के माध्यम से काफी कम लागत पर इस नये प्लांट को स्थापित किया गया है. (नीचे पूरी खबर पढ़ें)

सीओ 2 कैप्चर प्लांट की तस्वीर.

इस मौके पर अपने संबोधन में टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन और कार्बन को रोकने के लिए टाटा स्टील कृतसंकल्पित है. एमडी ने कहा कि कार्बन छोड़ने में कमी लाने के लिए पूरे भारत में जरूरत है कि एक मुहिम की तरह चलायी जाये ताकि व्यवसायिक के साथ ही साथ पर्यावरणीय संतुलन भी बेहतर हो सके. एमडी ने कहा कि अभी पांच मिलियन टन की क्षमता का प्लांट लगाया गया है, जिसके बेहतर उपयोग और परिणाम के बाद कंपनी इसकी क्षमता को भी बढ़ा सकती है. सीओ2 कैप्चर सुविधा में और बढ़ोत्तरी करने की दिशा में टाटा स्टील काम करेगी. इस मौके पर कार्बन क्लीम के सीइओ अनिरुद्ध शर्मा ने बताया कि कार्बन डायरेक्ट इस्तेमाल को रोकने और सीओ 2 के कैप्चर को बढ़ाने के लिए कंपनी कृतसंकल्पित है, जिसके लिए सारे तकनीकी सहयोग करने के लिए कार्बन क्लीम तैयार है. इसके जरिये क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग जैसी परिस्थितियों हसे लड़ने में आसानी हो सकेगी. उन्होंने बताया कि ब्लास्ट फर्नेस से सीओ 2 कैप्चर की शुरुआत एक क्रांतिकारी कदम है और यह हाइड्रोजन इकॉनॉमी स्थापित करने के सोपान भी खोलेंगे. बेहतर कल के निर्माण के लिए यह काफी महत्वपूर्ण बिंदू है. टाटा स्टील हाल के दिनों में स्टील के रिसाइकिल बिजनेस में भी शुरुआत की है, जिसके तहत रोहतक, हरियाणा में एक प्लांट भी स्थापित की गयी है. टाटा स्टील इंडिया और यूररोप में वर्ल्ड स्टील एसोसिएशन के साथ मिलकर चार साल में स्टील के स्थायी विकास और खपत पर फोकस किया जायेगा. सितंबर 2020 में टाटा स्टील ने सीएसआइआर के साथ मिलकर कार्बन इस्तेमाल को घटान के लिए एक समझौता किया है. पेरिस समझौता को भी धरातल पर उतारने की दिशा में टाटा स्टील काम कर रही है.

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