
जमशेदपुर : टाटा स्टील के लिए शनिवार को दिन काफी अहम साबित हुआ. शनिवार को जहां कर्मचारियों के नये ग्रेड स्ट्रक्चर का समझौता हुआ. वहीं एक और समझौता हो गया. समझौता के पहले टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह समेत तमाम पदाधिकारियों ने नयी कंपनी बनाने को लेकर भी एक समझौता कर लिया. इसके तहत तय किया गया कि टाटा स्टील में जितनी भी निचले स्तर की बहालियां होगी, वह डायरेक्ट अब टाटा स्टील में नहीं होगी. अब टाटा स्टील की दो सहयोगी कंपनी टाटा स्टील सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड और टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज के माध्यम से बहालियां होगी. पहली बार ऐसा हुआ है कि टाटा स्टील में बनी दो कंपनियां है, लेकिन सारे कर्मचारी अपने ही जगह काम करते रहेंगे. इससे पहले टाटा स्टील से अलग हटकर जोजोबेड़ा सीमेंट प्लांट बना जबकि उससे अलग हटकर चार हजार कर्मचारियों का जुस्को में ट्रांस्फर हो गया था. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. शनिवार को हुई बैठक के बाद तय किया गया कि ट्रेड अप्रेंटिस और जेट की बहाली सीधे टाटा स्टील में ही होगी जबकि अन्य सारे निचले स्तर के ग्रेड की बहाली कंपनी में ही होगी. टाटा स्टील को ये सारे दोनों कंपनियां कर्मचारी उपलब्ध करायेगी. इसके लिए अलग से इन दोनों कंपनियों की ओर से बहाली निकाली जायेगी, जो टाटा स्टील के किसी भी प्लांट में काम के लिए भेज सकती है. (नीचे भी पढ़ें)

टाटा स्टील ने टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज लिमिटेड और टाटा स्टील सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के नाम से दो कंपनी बनायी है. टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज लिमिटेड भूषण स्टील मध्य भारत लिमिटेड का ही बदला हुआ नाम है, जो करीब 12 साल पहले स्थापित हुई थी, जिसमें संदीप भट्टाचार्य, सुबोध पांडेय, प्रोबाल घोष, संदीप धीर और जुबिन पेसी पालिया डायरेक्टर है. इसके सीइओ संदीप धीर है. वहीं, टाटा स्टील सपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड भी 12 साल पहले भूषण स्टील ओड़िशा की ओर से स्थापित कंपनी है, जिसका अभी डायरेक्टर टाटा स्टील के वीपी चाणक्य चौधरी, संदीप भट्टाचार्य, सुबोध पांडेय, दीपक पांडुरंगा कामथ और जुबिन पेसी पालिया है. इस कंपनी के सीइओ दीपक पांडुरंगा कामथ है. इन दो कंपनियों के नाम पर ही बहालियां अब होनी है. टाटा स्टील के इन कंपनियों के माध्यम से ही टीएमएच में बहाल होने वाले कर्मचारी काम करेंगे. टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु ने कहा कि ये दोनों कंपनियां पहले से ही काम कर रही है. पहले भी दो कंपनियां बनी थी, लेकिन हमने सारे कर्मचारियों को अपने ही कंपनी में रखने को मजबूर किया है. ट्रेड अप्रेंटिस और जेट की बहाली पहले की तरह ही होगी. कुछ बहालियां जरूर होगी, जिसमें फिक्स टर्म एफटीए जैसी बहाली है, जो कांट्रैक्ट के तौर पर होते है, उसकी बहाली अलग से इन दोनों कंपनियों के माध्यम से ही होगी.