जमशेदपुर : टाटा स्टील में इस साल कर्मचारियों को काफी बेहतर बोनस मिलने वाला है. पिछले साल कर्मचारियों के बोनस के मद में 270 करोड़ रुपये से ज्यादा बोनस की राशि दी गयी थी. टाटा स्टील और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच तय हुए मानकों के मुताबिक, इस बार बंपर बोनस मिल सकता है. बोनस को लेकर जो पुराना फार्मूला था, उसको अगर बरकरार रखा गया तो 13 हजार कर्मचारियों को करीब 400 करोड़ रुपये के आसपास यह राशि मिल सकती है. ऐसे में कर्मचारियों को इस साल अधिकतम लाखों रुपये तक बोनस जा सकता है. वैसे नियम के मुताबिक, इस साल टाटा स्टील में बोनस का समझौता नये सिरे से होगा या फार्मूला नये सिरे से तय होना है. अगर पुराना फार्मूला लागू हो गया तो कर्मचारियों को काफी ज्यादा लाभ होगा क्योंकि टाटा स्टील का मुनाफा काफी ज्यादा है. वैसे टाटा स्टील की वार्षिक आमसभा (एजीएम) 28 जून को दोपहर तीन बजे होने वाली है. एजीएम के बाद ही बोनस को लेकर वार्ता शुरू होती है और तेज भी होती है, जिसके बाद बोनस का फार्मूला तय किया जाता है. इस साल टाटा स्टील ने अपने शेयरधारकों का डिविडेंड भी काफी ज्यादा बढ़ाया है. पिछले साल जहां कर्मचारियों को 25 रुपये प्रति डिविडेंड दिया गया था, वहीं इस साल 51 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने की घोषणा की गयी है. पिछले वित्तीय वर्ष 2020-2021 को 25 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से डिविडेंड का भुगतान किया गया था, जिस पर कुल 2,99,660.44 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था जबकि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 51 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से डिविडेंड दिया जा रहा है, जिस पर 6,23,310.71 करोड़ रुपये का भुगतान होगा. टाटा स्टील का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है. मुनाफा भी काफी अच्छा रहा है. टाटा स्टील ने 31.03 मिलियन टन का क्रुड स्टील का प्रोडक्शन किया है. भारत में 19.06 मिलियन टन जबकि पहले 18.38 मिलियन टन पिछले साल प्रोडक्शन हुआ था. वहीं, 2,43,959 करोड़ रुपये का टर्नओवर कंपनी ने रिकॉर्ड किया है. भारतीय ऑपरेशन में टाटा स्टील का टर्नओवर पिछले साल 1,29,021 करोड़ रुपये था जबकि अभी 1,35,823 करोड़ रुपये हुआ है. कंपनी का कर्ज अभी 15232 करोड़ रुपये हो गया है जबकि कंपनी का सारा देनदारी के बाद का मुनाफा बढ़कर 41749 करोड़ रुपये हो चुका है. अकेले भारत में कंपनी ने सारी देनदारियों के बाद 33641 करोड़ रुपये की आमदनी की है. टैक्स का भुगतान करने के पहले टाटा स्टील ने पूरे समूह में 56283 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है. टाटा स्टील के कर्मचारियों की उत्पादकता (प्रोडक्टिविटी) भी बढ़ी है. पिछले साल कंपनी के कर्मचारियों का उत्पादकता यानी प्रोडक्टिविटी 745 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष था, जो इस साल बढ़कर 857 टन प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष हो चुका है.
पिछले साल का बोनस समझौता एक नजर में :
टाटा स्टील के बोनस समझौता के तहत पुराने फार्मूला के जरिये राशि दी गयी थी. आर रवि प्रसाद की अध्यक्षता वाली यूनियन की ओर से किये गये बोनस समझौता के फार्मूला के आधार पर ही इस बार भी बोनस समझौता किया गया है, जिसके तहत कंपनी के मुनाफा 9752.13 करोड़ रुपये के एवज में 146.28 करोड़ रुपये, सेलेबल स्टील 12.04 टन था, प्रोफिटेबिलिटी 8098 प्रति टन सेलेबल स्टील पर 51.5 करोड़ रुपये, क्रूड स्टील की बिक्री 12.19 टन और कर्मचारी कुल है 22871, जिसकी प्रोडक्टिविटी के तहत 533 प्रति कर्मचारी प्रति टन प्रति वर्ष के लिहाज से इस पर 72.5 करोड़ रुपये मिला है. सेफ्टी पर एक भी रुपये नहीं दिया गया. तय समझौता के तहत कर्मचारियों को 270.28 करोड़ रुपये बांटे गये थे. इसके तहत कुल 22871 कर्मचारियों के बीच यह राशि बंटेगी, जिसमें जमशेदपुर प्लांट में 12558 कर्मचारी है. अगर प्रतिशत के आधार को निकाला जाये तो बोनस की राशि करीब 16 फीसदी होती है, उससे पहले के साल में 12.9 फीसदी राशि है. पिछले साल बोनस के मद में कुल 235.54 करोड़ रुपये कर्मचारियों के बीच बांटे गये थे.
किस वर्ष, कितना मिला बोनस :
वर्ष—–कंपनी का मुनाफा—बोनस की राशि—बोनस का प्रतिशत (नीचे पूरी खबर पढ़ें)
1991-160.13 करोड़ रुपये-38.6 करोड़ रुपये-20 फीसदी
1992-214.16 करोड़ रुपये-44.54 करोड़ रुपये-20 फीसदी
1993-127.12 करोड़ रुपये-50.75 करोड़ रुपये-20 फीसदी
1994-180.84 करोड़ रुपये-54 करोड़ रुपये-20 फीसदी
1995-281.12 करोड़ रुपये-66.04 करोड़ रुपये-20 फीसदी
1996-465.79 करोड़ रुपये-76.46 करोड़ रुपये-20 फीसदी
1997-469.21 करोड़ रुपये-75.86 करोड़ रुपये-20 फीसदी
1998-322.08 करोड़ रुपये-72.83 करोड़ रुपये-17.50 फीसदी
1999-282.23 करोड़ रुपये-69.61 करोड़ रुपये-16 फीसदी
2000-422.59 करोड़ रुपये-75.55 करोड़ रुपये-18 फीसदी
2001-553.44 करोड़ रुपये-83 करोड़ रुपये-20 फीसदी
2002-204.90 करोड़ रुपये-78 करोड़ रुपये-15 फीसदी
2003-1012.31 करोड़ रुपये-102.07 करोड़ रुपये-20 फीसदी
2004-1746.22 करोड़ रुपये-102 करोड़ रुपये-20 फीसदी
2005-3474.16 करोड़ रुपये-98.1 करोड़ रुपये-20 फीसदी
2006-3506.38 करोड़ रुपये-102.01 करोड़ रुपये-20 फीसदी
2007-4222.15 करोड़ रुपये-107 करोड़ रुपये-20 फीसदी
2008-4687.03 करोड़ रुपये-113 करोड़ रुपये-20 फीसदी
2009-5201.74 करोड़ रुपये-139 करोड़ रुपये-18.50 फीसदी
2010-5046.80 करोड़ रुपये-143 करोड़ रुपये-17.50 फीसदी
2011-6217.69 करोड़ रुपये-171 करोड़ रुपये-18.50 फीसदी
2012-6184 करोड़ रुपये-182.47 करोड़ रुपये-17.69 फीसदी
2013-5050.64 करोड़ रुपये-180.50 करोड़ रुपये-16.01 फीसदी
2014-6553.95 करोड़ रुपये-193.34 करोड़ रुपये-15.46 फीसदी
2015-6500 करोड़ रुपये-154.72 करोड़ रुपये-8.53 फीसदी
2016-4900 करोड़ रुपये-130 करोड़ रुपये-8.60 फीसदी
2017-3933.17 करोड़ रुपये-164 करोड़ रुपये-11.27 फीसदी
2018-6682.49 करोड़ रुपये-203.24 करोड़ रुपये-12.54 फीसदी
2019-6323 करोड़ रुपये-239.61 करोड़ रुपये-15.86 फीसदी
2020-7935.89 करोड़ रुपये-235.54 करोड़ रुपये-12.9 फीसदी
2021-9752.13 करोड़ रुपये-270.28 करोड़ रुपये-16 फीसदी