जमशेदपुर : टाटा स्टील के लिए अप्रैल का महिना बदलाव का माह साबित होगा. कई सारे बदलाव संभावित है. वैसे बदलाव तो कंपनी के समायोजन के साथ ही हो रहा है जबकि कई सारे नये बदलाव भी हो रहे है. कई कंपनियां एक साथ समायोजित होगी तो जाहिर सी बात है कि लीडरशिप और अधिकारियों के कार्यक्षेत्र से लेकर एमडी और तमाम स्तर के अधिकारियों की कंपनियों को भी बदला जा सकता है. चूंकि, टाटा स्टील चार भागों में अपने कार्यों को विभक्त कर रही है, इस कारण यह बदलाव शुरू किया गया है. टाटा स्टील की मुख्य कंपनी स्टील प्लांट संचालित होगी. उसके साथ ही कंपनी की अनुषंगी चार ईकाईयां चलेंगी, जिसके अधीन सारे कामकाज होंगे. इसके तहत टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (टीएसयूआइएल) (जुस्को जिसका पुराना नाम था) मुख्य तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर की दिशा में काम करेगी, जिसमें टाटा पिगमेंट, टाटा स्टील स्पेशल इकॉनॉमिक जोन लिमिटेड को समायोजित कर दिया गया है. इसके अलावा जेमीपोल, निको जुबिली पार्क से शेयर भी टीएसयूआइएल में समायोजित कर दी गयी है. इससे पहले वर्ष 2020 के नवंबर माह में टाटा स्टील ने टाटा मेटालिक्स और इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट लिमिटेड कंपनी (तार कंपनी) को टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट (अधिग्रहित उषा मार्टिन) में समायोजित करने की घोषणा की थी. इससे पहले जनवरी 2021 में टाटा स्टील ने अपनी कंपनी टाटा स्टील डाउनस्ट्रीम प्रोडक्ट लिमिटेड (पहले टीएसपीडीएल और टाटा रायसन कंपनी जिसका नाम था) में निप्पन स्टील और टाटा स्टील की संयुक्त उपक्रम वाली कंपनी जमशेदपुर कंटीन्यूअल एनीलिंग एंड प्रोसेसिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (जेसीएपीसीपीएल) कंपनी के 51 फीसदी स्टेक को समायोजित कर दी थी. इसी तरह टाटा स्टील डाउनस्ट्रीम में ही टाटा ब्लूस्कोप स्टील का 50 फीसदी स्टेक को समायोजन कर दिया गया था. टाटा स्टील अभी लांग प्रोडक्ट का काम करने वाली कंपनियों को टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट कंपनी लिमिटेड (उषा मार्टिन का अधिग्रहण के बाद जो नाम दिया गया) में समायोजित करेगी जबकि टाटा स्टील डाउनस्ट्रीम कंपनी (पहले टीएसपीडीएल और टाटा रायसन कंपनी जिसका नाम था) को डाउनस्ट्रीम से जुड़ी कंपनियों को जोड़कर एक कंपनी बना रही है. टाटा स्टील भारतीय ऑपरेशन की कंपनियों के अलावा यूरोप और एसिया के साथ सारे अंतरराष्ट्रीय बिजनेस को भी समायोजित कर बड़ी कंपनियां तैयार कर रही है, जिसके माध्यम से काम हो सकेगा और बिखराव के कारण होने वाले नुकसान को रोका जा सकेगा. बताया जाता है कि सारे कंपनियों का समायोजन कर सबका प्रबंधन एक हो जायेगा, जिसका मैनेजमेंट और लीडरशिप का पूरा स्ट्रक्चर ही बदल जायेगा. अधिकारियों को समायोजित कर दिया जायेगा और उनके कार्यक्षेत्र बदले जायेंगे. विभिन्न कंपनियों के एमडी को कई नयी जिम्मेदारी दी जायेगी तो जो परफार्म नहीं करते है, वैसे अधिकारियों की छुट्टी की भी योजना है. टाटा स्टील के वीपी स्तर पर भी बदलाव होने जा रहा है. कई लोगों के कार्यक्षेत्र बदले जा सकते है. वहीं रिटायरमेंट के बाद खाली होने वाले जगहों पर नये पदाधिकारियों का पदस्थापन हो सकता है. टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट लॉजिस्टिक व सप्लाइ चेन दिब्येंदू घोष भी रिटायर होने वाले है. उनका रिटायरमेंट जुलाई 2021 में है जबकि वीपी स्टील मैनुफैक्चरिंग सुधांशु पाठक सितंबर 2021 में भी रिटायर होने वाले है. इन दोनों की जगह भी नये वाइस प्रेसिडेंट का पदस्थापन किया जाना है. इसके लिए योग्य पदाधिकारी की तलाश की जा रही है. टाटा स्टील के कई चीफ वीपी स्तर या उसके समकक्ष हो जायेंगे तो कई कंपनियों के एमडी का प्रभार भी दिया जा सकता है. वैसे मैनेजमेंट इन बदलावों को लेकर चुप है और कोई अधिकारिक बयान देने से बच रही है. सूत्र बता रहे है कि इस माह के मध्य या अंत तक तो जरूर ये सारे बदलावों की घोषणा हो जायेगी.
टाटा स्टील के अधिकारियों को मिल सकता है बंपर बोनस
टाटा स्टील के अधिकारियों को इस साल बंपर बोनस मिल सकता है. अप्रेजल के साथ ही बोनस की राशि भी दी जा सकती है. पिछले साल कोरोना और कारोबार को देखते हुए बोनस की राशि नहीं दी गयी थी. इस बार सबको बोनस मिलने वाला है, यह तय है, जो 15 से 30 अप्रैल के बीच सबके एकाउंट में आ जायेगा. वैसे इस बार कंपनी के अधिकारियों का इंक्रीमेंट भी संभावित है, जो अधिकारियों के परफार्मेंस के आधार पर होगा. यह भी काफी दिनों से लंबित है, जिस पर सारे अधिकारियों की निगाहें टिकी हुई है.
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