जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों के लिए बुधवार को सबसे बेहतर फैसला हुआ. कोरोना काल में भी टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवार का साथ नहीं छोड़ा है. कोरोना से होने वाली मौत को जहां सरकार तक सामान्य मौत की श्रेणी में रखते हुए कार्य कर रही है, वहीं टाटा स्टील जैसी कंपनी ने अपने कर्मचारियों की कोरोना से हुई मौत के मामले में अहम फैसला लिया है. बुधवार को टाटा स्टील मैनेजमेंट और टाटा वर्कर्स यूनियन के बीच हुई अहम बैठक के बाद यह फैसला लिया गया कि वैसे कर्मचारी जिनकी मौत कोरोना से हो चुकी है, उनके परिवार को भी लाभ फैमिली बेनीफिट स्कीम के तहत दिया जायेगा. बुधवार को कंपनी के जेनरल ऑफिस में हुई बैठक में तय किया गया कि अब तक कर्मचारियों को कोरोना से मौत होने पर इंप्लाइज बेनीफिट मिलता था, जिसके तहत पीएफ और ग्रेच्यूटी की राशि कंपनी के पास रहती थी और जिस कर्मचारी की मौत हुई है, उस कर्मचारी के 60 तक की उम्र तक का बेसिक व डीए की राशइ दी जाती थी. लेकिन बुधवार को यह फैसला लिया गया कि कोरोना से अब तक जितने भी मौत हुई है या आने वाले समय में अगर मौत होगी तो उनके परिजनों को फैमिली बेनीफिट स्कीम का लाभ दिया जायेगा. इसके तहत कोरोना से मरने वाले कर्मचारी का पीएफ और ग्रेच्यूटी का सारा पैसा एक साथ दे दिया जायेगा और जो भी कर्मचारी का नोमिनी होगा, उसके 60 साल तक के उम्र (नोमिनी का उम्र कर्मचारी का नहीं) तक मरने वाले कर्मचारी का अंतिम बेसिक व डीए की राशि हर माह मिलता रहेगा. वैसे फैमिली बेनीफिट स्कीम के तहत कर्मचारियों की अगर किसी हादसे में मौत होती है तो बदले में नौकरी भी देने का ऑप्सन होता है, लेकिन कोरोना से होने वाली मौत में नौकरी देने के प्रावधान को हटा दिया गया है. बुधवार को हुई मीटिंग में यूनियन के अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री सतीश सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय जबकि मैनेजमेंट की ओर से एचआरआइआर के पदाधिकारी जुबिन पालिया मौजूद थे. इस तरह का लाभ देने वाली टाटा स्टील पहली कंपनी बन गयी है. वैसे आपको बता दें कि कोरोना के कारण टाटा स्टील के 20 कर्मचारियों की अब तक मौत हो चुकी है. यह लाभ वैसे कर्मचारियों को मिलेगा, जो लगातार ड्यूटी में आते हुए कोरोना पोजिटिव हो गये थे.