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tata-steel-employees-news-टाटा स्टील के कर्मचारियों का लंबित एलटीसी का समझौता जल्द, मृत कर्मचारियों के बच्चों के लिए इस माह फिर से निकलेगी बहाली का आवेदन, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष, महामंत्री, डिप्टी प्रेसिडेंट का जोरदार अभिनंदन

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जमशेदपुर : टाटा स्टील के कर्मचारियों के लिए अब तक का सबसे बेहतर सामाजिक सुरक्षा से संबंधित समझौता टाटा वर्कर्स यूनियन ने सोमवार को किया था. इसको लेकर लोगों ने अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह का अभिनंदन किया है. इसके तहत टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी टुन्नु का मंगलवार को यूथ इंटक के जिला अध्यक्ष सह कमेटी मेंबर अभिनंदन सिंह ने उनके आवास पर जाकर अभिनंदन किया. उनके साथ कमेटी मेंबर पुष्कर कुमार, धनंजय सिंह, चंद्रशेखर सिंह उपस्थित थे. इसके बाद यूनियन कार्यालय में कई लोगों ने उनका अभिनंदन किया. कोक प्लांट के कमेटी मेंबर विभाष शुक्ला, राजेश कुमार सिंह, विवेक भारद्वाज, अरविंद यादव, संजय कुमार, सीएस झा, संजय पांडेय ने मिलकर उनका अभिनंदन किया. मालूम हो कि मंगलवार को यूनियन और टाटा स्टील प्रबंधन के बीच कोरोना से कर्मचारी की मौत पर सोशल सिक्युरिटी स्कीम में बदलाच व 25 वर्ष सेवाकाल के पहले ही मौत पर आश्रित का इंप्लाई वार्ड में पंजीयन को लेकर जो समझौता हुआ उससे कर्मचारियों में काफी हर्ष है. अब मारे गये कर्मचारियों के बच्चों का फार्म भरने के लिए मौका देने के लिए एक बार फिर से आवेदन आमंत्रित किया जा रहा है ताकि लोग आसानी से अपना आवेदन जमा कर सके. इस बीच अब एलटीसी का समझौता की तैयारी शुरू कर दी गयी है. टाटा स्टील कर्मियों की लंबित एलटीसी को लेकर यूनियन व प्रबंधन के बीच तीन राउंड की वार्ता हो चुकी है. लेकिन अब तक समझौता अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंचा है. कंपनी की सालाना लाभ को देखते हुए कर्मचारी इस बात अधिकतम बढ़ोत्तरी की आस में है. इसको लेकर यूनियन के पदाधिकारियों पर भी इसको लेकर दबाव दिख रहा है. एलटीसी मुद्दे पर गुरुवार को भी एक बैठक प्रबंधन के साथ होने की उम्मीद है. प्रति चार वर्ष पर प्रति दो वर्ष के लिए होने वाले एलटीसी समझौते के पिछले 20 वर्ष का आंकड़ा देखे तो हर बार की बढ़ोतरी पिछली बढ़ोतरी से दोगुनी होती रही है. वर्ष 2000 में 5,500 व 7,500 रुपये था जो वर्तमान में 28,500 और 30,500 हजार रुपये है. अंतिम एलटीसी समझौता वर्ष 2016 में हुआ था. उस दौरान पिछली बढ़ोतरी (2012) से आठ और 10 हजार की बढ़ोतरी हुई थी.

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