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tata-steel-expansion-plan-टाटा स्टील जमशेदपुर प्लांट को 14 मिलियन टन तक करेगी विस्तार, टाटा स्टील के सारे प्लांट का होगा विस्तार, क्या है विस्तारीकरण प्रोजेक्ट जानें, टाटा स्टील के एमडी ने कंपनी के कारोबार को लेकर दी विस्तृत जानकारी, जानें क्या है टाटा स्टील की भविष्य की योजना, कैसी है स्थिति, एमडी की जुबानी

राशिफल

टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन.

जमशेदपुर : टाटा स्टील अपने सारे प्लांट का विस्तार करने की योजना बनायी है. कोई नया प्लांट लगाने के बजाय जो पलांट है, उसका ही विस्तार करने की योजना पर काम कर रही है. यह जानकारी टाटा स्टील के एमडी सह सीइओ टीवी नरेंद्रन ने दी. वे देश के आर्थिक अखबार को दिये गये एक विस्तृत इंटरव्यू में इसकी जानकारी दी और बताया कि आगामी योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024 तक जमशेदपुर में उत्पादन को 11 मिलियन टन से बढ़ाकर 14 मिलियन टन करने का लक्ष्य है जबकि ओड़िशा के अंगुल और कलिंगानगर को मिलाकर 40 मिलियन टन कर लेगी. जमशेदपुर में अभी 11 मिलियन टन का उत्पादन हो रहा है, जिसको तीन मिलियन टन तक बढ़ाने की योजना है. ओड़िशा के अंगुल में पांच मिलियन टन का प्लांट है, जिसको बढ़ाकर 10 मिलियन टन और ओड़िशा के कलिंगानगर प्लांट का उत्पादन 8 मिलियन टन तक करने का लक्ष्य है. इन तीनों स्थानों पर जमीन भी उपलब्ध है, जिसके तहत वार्षिक उत्पादन 40 मिलियन टन तक करने का लक्ष्य है. नये लक्ष्यके तहत ओड़िशा के कलिंगानगर के पिलेट प्लांट और सीआरएम को तैयार िकाय जारहा है और 2024 तक इसका नया प्लांट बनाया जायेगा. टाटा स्टील के एमडी ने बताया कि लिबर्टी स्टील पर वे लोग कानूनी कार्रवाई करने जार हे है. उसे निर्धारित समझौता के तहत पांच साल तक हर साल निश्चित राशि जमा करनी थी, लेकिन दो साल के बाद से वह कोई राशि नहीं दे रही है. तीसरे साल कुछ राशि मिली, लेकिन अभी तक पूरी राशि नहीं मिल पायी है और वे लोग कानूनी राय ले रहे है ताकि कानूनी कदम उठायी जा सके. वैसे आपको बता दें कि टाटा स्टील ने अपने लोन की राशि को घटाने में सफलता पायी है. कंपनी ने 104779 करोड़ रुपये के लोन में 29390 करोड़ की कटौती की. अब लोन की राशि घटकर 74389 हो चुकी है. टाटा स्टील के एमडी ने बताया कि लोन की राशि को कम करने के लिए लगातार काम चल रहा है. टाटा स्टील ने तीन साल में तीन बिलियन डॉलर का मुनाफा कम कर दिया है. टाटा स्टील के एमडी ने यह भी जानकारी दी है कि वे लोग 11 हजार करोड़ रुपये में से 7500 करोड़ रुपये भारतीय ऑपरेशन के विकास पर खर्च करेंगे. एमडी ने कहा कि उत्पादन के लागत पर भी कमी लाने का कदम उठाया गया है और इसमें सफलता मिली है. यूरोप के ऑपरेशन में भी चुनौती है, लेकिन उसमें बदलाव का समय चल रहा है, जिसका बेहतर रिजल्ट सामने आयेगा. स्टील की कीमतों पर चर्चा करते हुए एमडी ने कहा कि स्टील की कीमत वर्तमान दर के साथ स्थिर रह सकती है क्योंकि चीन से आयातित स्टील में कमी आयी है. आयरन ओर की कीमतों पर 200 डॉलर प्रति टन होने, पर्यावरण संरक्षण को लेकर नये नियम और कोकिंग कोल की कीमत की उच्च स्तर पर पहुंचने से चीन में संचालित स्टील कंपनियों पर काफी दबाव है.

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