जमशेदपुर/दावोस : दावोस में वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम का सम्मेलन चल रहा है. इसमें दुनिया भर के कारपोरेट जगत से जुड़े लोग आये है. वहां टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन भी मौजूद थे. वर्ल्ड इकॉनॉमिक फोरम के सम्मेलन के बीच में ही उन्होंने देश और दुनिया के कई मीडिया के साथ बातचीत की है. इस बातचीत के दौरान उन्होंने कंपनी और देश और दुनिया में स्टील के बाजार और कंपनी के विस्तार पर भी चर्चा की है. अपने एक इंटरव्यू में टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि भारत की ओर पूरी दुनिया आशा भरी निगाहों से देख रहा है. खास तौर पर रुस और चीन के अलावा भी वैकल्पिक देश सप्लाइ चेन का हो सकता है, इसको देखने का काम पूरा दुनिया कर रही है. भारत काफी योग्य देश के रुप में दुनिया को दिख रहा है और यह अच्छे संकेत है. मार्केटिंग के लिहाज से भी दुनिया की नजर भारत पर है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि महंगाई ऐसी नहीं है कि सिर्फ भारत में ही बढ़ रहा है. भारत के अलावा अन्य देशों में भी महंगाई के हालात है. इसको नियंत्रित करने को लेकर आरबीआइ और भारत सरकार ने काफी अहम कदम उठाये जाये, जिसका असर कुथ माह में देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों में अगर नियंत्रण होगा तो हालात और बेहतर होंगे और हम लोगों को रिजल्ट का इंतजार करना होगा. टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन अपने बेबाकी के लिए भी जाने जाते है. श्री नरेंद्रन ने कहा कि स्टील की कीमतों को लेकर जो चर्चाएं चल रही है, वह इसलिए है क्योंकि देश और दुनिया में स्टील का काफी डिमांड है. उन्होंने बताया कि भारत में डिमांड काफी ज्यादा बढ़ा है. चीन एक्सपोर्ट अभी नहीं कर रहा है. हालात पहले जैसे नहीं है. लगातार भारत में काम हो रहा है. स्टील की कीमत को लेकर अभी तो स्थिरता है, लेकिन कोकिंग कोल की कीमत अगर बढ़ेगी तो स्टील की कीमत भी बढ़ सकती है, जो अभी 400 डॉलर के करीब पहुंच चुका है. अभी काफी ज्यादा डिमांड है, लगातार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, पाइपलाइन बन रहा है, गैस और पानी के पाइपलाइन बिछाये जा रहे है, जिससे स्टील का डिमांड बढ़ेगा ही. एक्सपोर्ट ड्यूटी स्टील पर लगाये जाने पर अपनी सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह कम समय के लिए लागू होगा तो उसका ज्यादा असर नहीं होगा. वैसे स्टील सेक्टर में ऐसी परेशानियां आती रहती है, जो स्टील सेक्टर का एक माना हुआ परेशानी है, लेकिन अगर यह ज्यादा लंबे समय के लिए होगा तो मुश्किलें हो सकती है. उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट टैक्स को कितना लगाना है, यह सरकार का है, लेकिन अगर यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध अभी और लंबा चलता गया तो मुश्किल का दौर आ जायेगा. वर्तमान में भारत में स्टील का काफी डिमांड है. भारत में स्टील का डिमांड 105 मिलियन टन है जबकि भारत में 120 मिलियन टन का उत्पादन होता है. 15 टन स्टील का एक्सपोर्ट करने की जरूरत होगी, ऐसे में लांग टर्म में एक्सपोर्ट टैक्स को लेकर परेशानी हो सकती है, लेकिन अभी जरूर हालात कंट्रोल में है. टाटा स्टील के निवेश पर बातचीत करते हुए एमडी ने कहा कि जो पुराने प्रोजेक्ट है, वह चलते रहेंगे और निवेश होता रहेगा. लेकिन अगर एक्सपोर्ट पर रोक लगा रहेगा और फिर डिमांड के अनुरुप स्टील का उत्पादन होता रहेगा को फिर नया निवेश करने को लेकर विचार करने होगा.