जमशेदपुर : टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों के लिए उच्च पेंशन स्कीम (इपीएस 95) को लेकर नया प्रावधान की जानकारी कर्मचारियों के लिए जारी किया है, जिसके तहत बताया गया है कि कर्मचारियों को किस तरह का वेतन कटौती कराया जाना है. इसको लेकर पहले सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर 2022 को आदेश जारी किया था. इसके बाद इपीएफओ की ओर से 20 फरवरी 2023 और 27 फरवरी 2023 को नया सरकुलर जारी किया. इसके बाद 16 अप्रैल 2023 को भी नया सरकुलर जारी किया. इसके आधार पर नयी जानकारी साझा की गयी है. टाटा स्टील के चीफ फाइनांसियल ऑपरेशन और बिजनेस फाइनांस के संदीप भट्टाचार्य की ओर से यह सरकुलर जारी किया है. (नीचे पढ़ें पूरी खबर)
इसमें बताया गया है कि अगर कोई कर्मचारी अपने वेतन का 12 फीसदी पीएफ में योगदान देता है, तो उतना ही नियोक्ता यानी कंपनी प्रबंधन भी देता है. इसमें से 8.33 फीसदी कर्मचारियों के इपीएस में चला जाता है, जिसमें 15 हजार रुपये वेतनमान की सीलिंग है. वर्तमान में सरकार की ओर से इपीएस के योगदान के रुप में 15 हजार रुपये की वैधानिक सीमा तक वेतन का 1.16 फीसदी योगदान करती है. सुप्रीम कोर्ट ने 4 नवंबर 2022 को सुनाये गये अपने फैसले में कहा है कि इपीएफ और अन्य प्रावधान और अधिनियम के तहत प्रावधानों को अल्ट्रा वायर्ड के रुप में पेंशन के प्रति माह 15 हजार रुपये से अधिक वेतन के कर्मचारी के 1.16 हीसदी योगदान से संबंधित आवश्यकता है. यह बताया गया है कि सर्वोच्च अदालत ने अधिकारियों को छह माह के भीतर योजना में आवश्यक समायोजन करने का निर्देश दिया. (नीचे भी पढ़ें)
इस निर्देश के अनुसार श्रम मंत्रालय ने 3 मई की अधिसूचना और इपीएफओ ने अपने आदेश में कहा है कि उच्च पेंशन का विकल्प चुनने वाले सदस्यों को नियोक्ता (कंपनी प्रबंधन) अंशदान का प्रतिशत पीएफ से पेंशन में डाइवर्ट करने की सीमा 8.33 फीसदी से बढ़ाकर 9.49 फीसदी कर दी है, जिसके बाद 1.16 फीसदी की बढ़ोत्तरी इससे हो जायेगी. 1.16 फीसदी के डाइवर्सन में 1.16 फीसदी का जो प्रावधान तय किया गया है, इसके तहत यह बढ़ोत्तरी केखल वैधानिक सीमा से अधिक वेतन के संबंध में प्रासंगिक है यानी लागू है, जो वर्तमान में 15 हजार रुपये प्रति माह है. (नीचे पढ़ें पूरी खबर)
यह बदलाव 1 सितंबर 2014 से प्रभावी होगा. इस कारण उच्च पेंशन काविकल्प चुनने वाले मेंबरों के संबंध में 1 सितंबर 2014 से प्रभावी पेंशन फंड में नियोक्ता का अंशदान में भी बदलाव किया गया है. इसके तहत कुल वेतन का 8.33 फीसदी का मतलब हुआ, वेतन में बेसिक, महंगाई भत्ता और रिटेनिंग भत्ता शामिल होगा. 15 हजार रुपये प्रतिमाह से ऊपर वेतन पाने वाले के लिए अतिरिक्त 1.16 फीसदी की कटौती प्रतिमाह होगी. टाटा स्टील की ओर से बताया गया है कि इपीएफओ के सरकुलर के मुताबिक, 1 सितंबर 2014 से पहले जो लोग सदस्य थे और 1 सितंबर 2014 तक सदस्य बने रहे, उनको संयुक्त फार्म इपीएफओ के वेबसाइट के जरिये भरना होगा. (नीचे भी पढ़ें)
इपीएफओ ने बाद में स्पष्ट किया कि नियोक्ता टाटा स्टील प्रबंधन को संयुक्त विकल्प फार्म भरने के पहले मासिक वेतन का विवरण भी देना होगा. इस कारण वैसे कर्मचारी, जो अन्य कंपनियों में ज्वाइन करने के बाद फिर टाटा स्टील में आये है, वे लोग तत्काल टाटा स्टील को अपने वेतन का सारा जानकारी दें. इसके लिए पहले की कंपनियों से सर्टिफाइड होना चाहिए. इसके लिए कर्मचारियों को 15 जून के पहले कर्मचारियों को इ-मेल आइडी [email protected] के जरिये भेज सकते है. टाटा स्टील की ओर से बताया गया है कि अगर यह फार्म नहीं भरा गया और जानकारी साझा नहीं की गयी तो कंपनी प्रबंधन संयुक्त फार्म नहीं भर सकेगी.