जमशेदपुर : टाटा स्टील ने भूषण पावर एंड स्टील के दिवालिया कानून के तहत किये गये टेकओवर के बाद करीब 5000 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है. 18 माह में कंपनी ने यह मुनाफा किया है. एक अंग्रेजी दैनिक के दावे के मुताबिक, एनसीएलटी ने मुनाफा को भूषण पावर व स्टील के इनसालवेंसी (दिवालिया) के समय अर्जित मुनाफा को वित्तीय व संचालकों के बकाये के भुगतान के मद में करें. हालांकि, भूषण पावर एंड स्टील के एक अन्य बिड जीतने वाले जेएसडब्ल्यू ने एनसीएलटी के टाटा स्टील के टेकओवर के खिलाफ अपिलेट ट्राइब्यूल (चुनौती देने वाली न्यायाधिकरण) का दरवाजा खटखटाया है. दूसरी ओर, टाटा स्टील थाइलैंड के अपने स्टील यूनिट के लिए नये खरीददार के साथ बातचीत की है. इसके अलावा सिंगापुर के भी प्लांट को बेचने जा रही है. टाटा स्टील साउथ इस्ट एशिया से पूरी तरह बाहर निकल जाना चाहती है और दोनों ही परिसंपत्तियों को बेचने जा रही है. एक अंग्रेजी दैनिक से बातचीत में टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने इसकी पुष्टि की है और कहा है कि एक से दो माह में इसकी बिक्री की प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. इसके लिए एक एमओयू भी हो रहा है. गौरतलब है कि टाटा स्टील ने चीन की एचबीआइएस के साथ भी एक समझौता किया था, ल ेकिन यह सफल नहीं हो पाया था. हेबेइ सरकार ने इसको मंजूरी नहीं दी थी. दूसरी ओर, टाटा स्टील के एमडी ने यह भी कहा है कि आने वाले पांच सालों में कंपनी के समक्ष काफी चुनौतियां आने वाली है. इसके लिए तैयारी के तहत ही नन कोर बिजनेस से टाटा स्टील करीब 30 फीसदी ज्यादा राजस्व कमाने की तैयारी कर हा है. इसके तहत कंपनी स्क्रैपयार्ड में ही स्टील रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित कररने जा रही है जबकि ग्रैफिन का बिजनेस को भी आगे बढ़ाने वाली है. आने वाले भविष्य की जरूरतों के हिसाब से कारोबार का विस्तार किया जा रहा है. इसके तहत दरवाजा, खिड़की और तैयार मकान तक की बिक्री की जा रही है. 8000 स्टील के दरवाजे हर माह बेचे जा रहे है, जिसकी संख्या को 30 हजार तक किया जाना है. कस्टमर की जरूरत के हिसाब से इ-कॉमर्स के जरिये भी कारोबार कंपनी कर रही है.