जमशेदपुर : टाटा स्टील एक बार फिर से बड़ा डील करने जा रही है. टाटा स्टील भारत सरकार की कंपनी आरआइएनएल यानी वाइजाग स्टील को खरीदने के लिए अपनी दौड़ शुरू कर दी है. इसकी पुष्टि एक अनौपचारिक मुलाकात में पत्रकारों के समक्ष टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन कर चुके है. भारत की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से गठित आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीइए) ने 27 जनवरी 2021 को ही राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआइएनएल) में सरकार की पूरी हिस्सेदारी के विनिवेश को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी. आरआइएनएल को विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र या वाइजाग स्टील के रुप में कहा जाता है. इस कंपनी के पास लगभग 22 हजार एकड़ जमीन है और गंगावरम बंदरगाह तक उसकी पहुंच है, जहां कोकिंग कोल जैसा कच्चा माल भी आता है. इस कंपनी की क्षमता 73 लाख टन है. इसको भारत का पहला तटीय एकीकृत इस्पात संयंत्र होने का गौरव हासिल है. बंदरगाह पर स्थित स्टील कंपनी होने का काफी लाभ होता है और इसका क्षमता भी काफी अधिक है. टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने पीटीआइ से कहा है कि टाटा स्टील वाइजाग स्टील को लेने को इच्छुक है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि इसका लाभ काफी बेहतर होगा क्योंकि इसका विस्तार भारत के दक्षिणी हिस्से में भी है जबकि पूर्वोत्तर भारत मेंभी इसकी पहुंच है. भारत के पूर्वी तट पर आरआइएनएल स्थित है, इस कारण अधिग्रहण से टाटा स्टील को दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों तक पहुंच बन सकेगी. आपको बता दें कि टाटा स्टील ने ओड़िशा स्थित इस्पात कंपनी नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआइएनएल) के लिए भी अपनी अभिरुचि पत्र जमा कर चुकी है. एनआइएनएल कंपनी चार केंद्र सरकार की कंपनी एमएमटीसी, एनएमडीसी, भेल और मेकॉन के साथ ओड़िशा सरकार की दो कंपनी आइपीआइसीओएल और ओड़िशा माइनिंग कारपोरेशन की संयुक्त उद्यम कंपनी है.