जमशेदपुर : टाटा स्टील फ़ाउंडेशन द्वारा स्थापित वार्षिक ‘सबल अवार्ड्स’ के दूसरे संस्करण का आयोजन शनिवार को किया गया, जिसमें 67 दिव्यांगों ने हिस्सा लिया. ऑनलाइन आयोजित इस समारोह में असाधारण प्रतिभा और उत्कृष्ट दूरदर्शिताप्रदर्शित करने वाले दिव्यांगों को सम्मानित किया गया. इस समारोह का उद्देश्य 18 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 53 स्थानों से 306 प्रविष्टियां भेजने वाले दिव्यांगों के जज्बे और उनकी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाना और उन्हें पहचान प्रदान करना है. सबल अवार्ड्स को अनुकरणीय व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए एक कदम के रूप में तैयार किया गया है, जो अपने स्वयं के अनूठे तरीकों से दिव्यांगता के बड़े हितों में योगदान देने में लगे हुए हैं. पुरस्कार विजेताओं में ऐसे लोग शामिल थे, जिनके अथक संघर्ष और अदम्य साहस की यात्रा वहाँ के हजारों लोगों के लिए प्रेरणा है, जो सामाजिक चुनौतियों से निपटने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. ओपीएससी (ओडिशा लोक सेवा आयोग) द्वारा आयोजित ओड़िशा सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली पहली नेत्रहीन लड़की तपस्विनी दास को अपने और अपने परिवार के लिए ‘सबल शाइनिंग स्टार’ के रूप में सम्मानित किया गया. वह ओड़िशा और इसके लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए दृढ़-प्रतिज्ञ है.
अपने निबंध ’ए टियारा ऑफ़ लव’ के लिए सबल वर्डस्मिथ पुरस्कार प्राप्त करने वाले इबादलीन खारबली ने कहा कि उनके लेखन का उद्देश्य दिव्यांगों के जीवन, सपनों और उनकी चुनौतियों व आकांक्षाओं को चित्रित करना है. इबादलीन ने कहा, “हर किसी की तरह एक सामान्य जीवन जीने की इच्छा हम भी रखते हैं. मेरे कई दिव्यांग साथी जीवन में मेरी तरह ही समान परिस्थितियों से गुजर रहे होंगे, लेकिन अस्वीकृति के डर से बात नहीं कर पाते हैं। उन सभी की ओर से यह मेरी अभिव्यक्ति है.” दिव्यांगजनों की भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 57 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने वाले लोकोमोटर विकलांगता के शिकार मुकेश कंचन को समुदाय के लिए ’सबल शाइनिंग स्टार’के रूप में सम्मानित किया गया. इस सूची में नर्तक, गायक, लेखक और कलाकार भी शामिल थे, जिन्होंने अपने आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा का काम किया है. इस समारोह में राज्य विकलांगता आयुक्त सतीश चंद्रा, टाटा स्टील फाउंडेशन के डायरेक्टर चाणक्य चौधरी, सेंटर फॉर हियरिंग इम्पेयर्ड चिल्ड्रेन की पैटरन रूचि नरेंद्रन सहित कई अन्य विशिष्ट अतिथि मौजूद थे, जिन्होंने विकलांगता के मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और विजेताओं की घोषणा की. पुरस्कार दो व्यापक बेंचमार्क ‘सबल स्पिरिट ऑफ एक्सप्रेशन’ और ’सबल आउटस्टैंडिंग विजन’ की सात श्रेणियों में दिए गए. ‘सबल स्पिरिट ऑफ एक्सप्रेशन’ का उद्देश्य रचनात्मक क्षेत्रों में दिव्यांगों की प्रतिभा खोज कर उन्हें सम्मानित करना है, जबकि ’सबल आउटस्टैंडिंग विजन’ प्रतिकूल परिस्थितियों में जूझने वाले प्रेरक कहानियों वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने का एक प्रयास है. पुरस्कार समारोह में चेंज एजेंट ‘सबल साथियों’ को भी दिव्यांगों के हितों में उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित किया गया. टाटा स्टील फाउंडेशन ने 2017 में विकलांगता सशक्तीकरण के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान ‘इनेबल इंडिया’ की साझेदारी में नोआमुंडी में ‘सबल – सेंटर फ़ॉर एबिलिटीज़’ की स्थापना की. सबल एक सहभागी बुनियादी ढाँचा बनाने के सिद्धांतों पर आधारित है, जो दिव्यांगों को कौशल, रोजगार और वित्तीय स्वतंत्रता के लिए वन-स्टॉप रिसोर्स सेंटर की सुविधा देता है. सबल अब तक विकलांगता प्रमाण पत्र, सरकारी योजनाओं के साथ लिंकेज और नौकरी के अवसरों, डिजिटल साक्षरता और क्षमता निर्माण कार्यशालाओं के माध्यम से 5,000 से अधिक दिव्यांगों तक पहुंच चुका है.