जमशेदपुर : जमशेदपुर में कोरोना वायरस को लेकर अब तक स्थिति ठीक नहीं है. इसको लेकर निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है. इसको लेकर काफी अलर्ट रहने की जरूरत है. टाटा स्टील मेडिकल सर्विसेज के जीएम डॉ राजन चौधरी ने यह बातें कहीं. डॉ चौधरी ने यह बातें टाटा स्टील की ओर से आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं. उनके साथ संवाददाता सम्मेलन में टाटा स्टील के सीएसआर के चीफ सौरभ राय, टाटा स्टील कारपोरेट कम्यूनिकेशन के चीफ कुलविन सुरी और हेड रुना राजीव कुमार मौजूद थे. संवाददाता सम्मेलन में यह बताया गया कि टाटा स्टील के मेडिकल सर्विसेज के जीएम डॉ राजन चौधरी ने बताया कि 24 अप्रैल से टीएमएच में टेस्टिंग शुरू की गयी थी, जिसके बाद से कुल 4888 टेस्ट हो चुका है. इसके अलावा टीएमेच में कुल 156 मरीज भरती है, जिसमें 108 पोजिटिव मरीज है जबकि 48 संदिग्ध मरीज है, जिसमें से 4 लोग आइसीयू में है, जिनकी स्थिति गंभीर तो है, लेकिन नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि टीएमएच के साथ ही अब टाटा मोटर्स और एमजीएम अस्पताल में भी मरीजों का इलाज हो पा रहा है, जो बेहतर विकल्प खड़ा किया गया है. उन्होंने बताया कि अब तक सबसे ज्यादा टेस्ट 279 तक भी हो चुका है. जहां तक पोजिटिव मरीज की बात है तो 98 फीसदी लोगों में किसी तरह का लक्षण नहीं पाया गया है. उन्होंने बताया कि पोजिटिव केस आ रहे है, इस कारण किसी को नहीं सोचना चाहिए कि बिलकुल नियंत्रित हो चुका है. अभी अनियंत्रित ही है और लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग पर चलना होगा, मास्क पनना होगा. सबसे ज्यादा बात तो यह है कि होम क्वारंटाइन के जितने भी नियम है, उन सारे नियमों का पालन करना चाहिए और लोगों से मिलना बिलकुल ही नहीं चाहिए नहीं तो संक्रमण फैल सकता है. कांटैक्ट ट्रेसिंग को लेकर मरीजों को सच बताना चाहिए ताकि संक्रमण का दायरा कहां तक फैल चुका है, यह बताया जा सके. जीएम ने बताया कि वर्तमान में यह लोगों के जानने योग्य बात यह है कि 15 से 30 साल के लोग ही ज्यादातर पोजिटिव मरीज पाये गये है. जीएम ने बताया कि टीएमएच के ओपीडी में लोगों का इलाज तो हो रहा है, लेकिन पूरे तौर पर अभी उसको नहीं चलाया जा सकता है.
टाटा स्टील ने खिचड़ी सेवा को बंद किया
टाटा स्टील ने खिचड़ी सेवा को बंद कर दिया है. इसके जरिये लोगों को खाना खिलाया जा रहा था, लेकिन अब इस सेवा को बंद कर दिया गया है. सीएसआर के चीफ सौरभ राय ने बताया कि खिचड़ी का वितरण को अब चलाने की जरूरत नहीं है. वैसे अभी भी काफी जरूरी स्थान पर अनाज जरूर दिया जा रहा है. स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 55 लोगों को तालाब निर्माण के काम में लगाया गया है जबकि मछली पालन, 1.50 टन अखबार के बदले ठोंगा बनाने का काम में लोगों की सेवाएं ली गयी है. सीएसआर के चीफ ने बताया कि 6 लाख 80 हजार लोगों तक वे लोग इसके माध्यम से पहुंच चुके है और लोगों की सेवा कर रहे है. प्रवासी मजदूरों के लिए जमशेदपुर के पारडीह के पास बनाये गये सेंटर में भी 13500 लोगों को सेवाएं दी जा रही है.