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tata-steel-top-employer for lgbt+inclusion-टाटा स्टील समलैंगिक, उभयलिंगी और किन्नरों के लिए भी सुरक्षित कार्यस्थल, टाटा स्टील की पहल को मिला सम्मान, टाटा स्टील में महिलाओं की संख्या 2025 तक 20 फीसदी हो जायेगी

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जमशेदपुर : टाटा स्टील के समलैंगिक, उभयलिंगी और ट्रांसजेंडर (किन्नरों) के लिए सुरक्षित कार्यस्थल का सम्मान दिाय गया है. इंडिया वर्कप्लेस इक्वालिटी इंडेक्स के तहत देश भर की कंपनियों का कराये गये स्टडी में इसका खुलासा हुआ है. इस स्टडी में टाटा स्टील को लेस्बियन, गे, बाइ-लिंगुअल व ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) कर्मचारी के लिए देश का सबसे बेस्ट वर्कप्लेस माना गया है. टाटा स्टील देश भर के कुल 18 संस्थानों में सिलवर कैटेगोरी में शामिल हुए है. टाटा स्टील की वीपी एचआरएम अतरई सरकार ने बताया कि टाटा स्टील में समेकित कार्य का माहौल कर्मचारियों के बीच देने का प्रयास संस्थागत तौर पर किया गया है, जिसका लाभ सबको मिला है. इसके जरिये एलजीबीटी में भी टैलेंट का विकास हो सका है और कार्यसंस्कृति इससे विकसित हुआ है, जिससे बिजनेस रिजल्ट भी बेहतर हुआ है. उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि एलजीबीटीक्यू के क्षेत्र में भी टाटा स्टील को बेस्ट वर्कप्लेस माना गया है. यह पहली बार हुआ है, जब इस तरह का आकलन कराया गया है. इसके तहत सिलवर, गोल्ड और ब्रांज श्रेणी का अवार्ड दिया गया है. टाटा स्टील ने हाल ही में अपने नये एचआर पॉलिसी में बदलाव करते हुए एलजीबीटीक्यू जैसे लोगों को भी नौकरी पर ररखने की घोषणा की है, जिसके तहत उनको चाइल्ड केयर लीव, न्यू बार्न पैरेंट लीव, मेडिकल बेनीफिट समेत तमाम पैकेज देने की घोषणा की है. टाटा स्टील ने डाइवर्सिटी पर काफी ध्यान दिया है, जिसके तहत महिलाओं को रोजगार देने की संख्या में बढ़ोत्तरी करने के लिए कदम उठाये है और एक योजना के तहत कुल वर्कफोर्स का 20 फीसदी महिलाओं का करने की योजना पर टाटा स्टील काम कर रही है, जिसको वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है. इसके लिए बेहतर माहौल और सुविधाएं महिलाओं को देने के प्रण के साथ टाटा स्टील काम कर रही है.

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