जमशेदपुर : टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा आयोजित भारत में अपनी तरह का एकमात्र जनजातीय सम्मेलन ‘संवाद’ अपने सातवें संस्करण के साथ इस वर्ष 15 नवंबर से फिर आरंभ हो रहा है. इस वर्ष यह संवाद और जश्न डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित होगा. यह जश्न 19 नवंबर तक चलेगा. ‘संवाद’ इकोसिस्टम ने पिछले 6 वर्षों में भारत के 27 राज्यों और 18 देशों से 117 जनजातियों के 30,000 से अधिक लोगों को एक साथ लाया है, और यह एक ऐसा इवेंट है, जिसका जमशेदपुर के नागरिकों को बेसब्री से इंतजार रहता है. इस वर्ष का विषय ’कमिंग टूगेदर फॉर सोशल चेंज’ (सामाजिक बदलाव के लिए एकजुट होना) है. इसकी जानकारी एक संवाददाता सम्मेलन में टाटा स्टील के सीएसआर के चीफ सौरव राय ने दी. श्री राय के साथ टाटा स्टील के चीफ कारपोरेट कम्यूनिकेशंस कुलविन सुरी और हेड रुना राजीव कुमार भी मौजदू थे. इन लोगों ने बताया कि ‘सामाजिक बदलाव के लिए एक साथ आने’ की यह अवधारणा एक विश्वास का प्रतिनिधित्व करती है कि आदिवासीवाद के कई निहित पहलू हैं, जो समाज के अंतस्थ मूल्य के रूप में निर्बाधता को कायम रखते हैं, और आदिवासी समुदायों की मूल विकास चुनौतियों को सकारात्मक तौर पर प्रभावित करने के लिए उनके अदभुत कहानियों के अनमोल सबक को साथ लाते हैं. चीफ (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) सौरव राय ने बताया कि असीम अनिश्चितता के दौर से हम सारे लोग गुजर रहे हैं, लेकिन हम मानते हैं कि हमारे विस्तारित संवाद परिवार के प्रति हमारी एक ज़िम्मेदारी है कि संवाद में उत्सव और चिंतन की अदभुत यात्रा बाधित न हो. इसने हमें संवाद-2020 को ऑनलाइन आयोजित करने का विश्वास दिया है और, हम एक मॉडल के माध्यम से ऐसा कर रहे हैं, जो आवागमन पर वर्तमान प्रतिबंधों का सम्मान करता है, तो दूसरी ओर, अनवरत चर्चाओं पर डिजिटल फॉर्मेट से होने वाले लाभ और सीमाओं को संतुलित भी करता है. पिछले छह महीनों में विकसित बदले हुए परिप्रेक्ष्यों में इस वर्ष का विषय विशेष रूप से प्रासंगिक है, और यह संभवतः निकट भविष्य में भी जारी रहेगा. सम्मेलन के अनुभव साझा करने के सत्रों में देश भर से ऐसी कहानियां सुनी जाएंगी, जो समुदायों को प्रभावित करती हैं और अपने विचारों से मंच को समृद्ध करती हैं इसलिए पांच दिन में 1000 से अधिक आदिवासी महिलाओं और पुरुषों के बीच विचारों का परस्पर-विनिमय होगा. ये सभी हमारे साथ ऑनलाइन जुड़ेंगे और विभिन्न जनजातियों की जीवंत संस्कृतियों का जश्न मनाएंगे. ‘संवाद’ की कई शाखाएं है, जिनमें आदिवासी हस्तकला, आदिवासी फिल्म प्रदर्शन, आदिवासी व्यंजन और विभिन्न जनजातियों के सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल है. ये सभी संवाद के महत्वपूर्ण मौलिक तत्व हैं, जो उनकी पारंपरिक प्रथाओं और समृद्ध विरासत को अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से आम लोगों तक पहुंचाएंगे. ‘संवाद’ 10 राज्यों की 16 जनजातियों के पारंपरिक व्यंजनों का जश्न मनाएगा, जो ऑनलाइन फूड एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो पर जमशेदपुर के लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध होंगे. इसमें सिनेमा प्रेमियों के लिए बहुत कुछ है, क्योंकि यूट्यूब चैनल पर आदिवासी फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी, जिसके बाद फिल्म निर्माताओं के साथ चर्चा की जाएगी. जमशेदपुर के लगभग 500 स्कूली बच्चे स्क्रीनिंग में शामिल होंगे. कला प्रेमियों और कला के प्रति उत्साही लोगों को उरावं, सोहराई, सौरा, गोंड, वारली और रजवार भितिचित्रा कला रूपों पर मास्टर-क्लास में भाग लेने का मौका मिलेगा, जिन्हें आदिवासी कारीगरों द्वारा होस्ट किया जाएगा. प्रत्येक दिन का समापन नामचीन कलाकारों, जैसे-मणिपुर के गुरु रेवबेन, नागालैंड के टेटसो सिस्टर्स और गालो, सिद्धी, डंडामी माडिया, भूमिज आदि जनजातियों के सांस्कृतिक समूहों के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतिकरण के साथ होगा. इस वर्ष बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि के रूप पद्मश्री मुकुंद नायक (कुंजबन) और संवाद म्यूजिकल कलेक्टिव ‘रिद्म ऑफ द अर्थ’ द्वारा रचित एक म्यूजिकल कम्पोजिशन का विमोचन भी होगा. केनेया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया के लोग भी इसके जरिये जुड़ेंगे. इस बार ट्राइबल हीलिंग पर भी फोकस होगा, जिसके जरिये आम जनमानस को लाभ मिलेगा. (नीचे पढ़े पूरी खबरें)
नेटवर्क की समस्या को दूर करने के लिए भी किया जायेगा व्यवस्था
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए सीएसआर के चीफ ने बताया कि नेटवर्क को लेकर कई जगहों पर दिक्कत है तो मोबाइल और रिचार्ज का दिक्कत है तो इसको लेकर टाटा स्टील की ओर से व्यवस्था कराया गया है जबकि कई गांव और पंचायतों में 8 से दस लोग एक जगह पर रहकर ही इसका आनंद लेने और इसमें प्रतिभागी बनने की सहमति दी है. टाटा स्टील की ओर से डाटा पैक का भी इंतजाम कराया जा रहा है. (नीचे पढ़े पूरी खबरें)
लोग ऐसे जुड़ सकते है इस संवाद कार्यक्रम से
संवाद 2020 इस बार डिजिटल प्लेटफार्म पर हो रहा है, जिसके तहत लोग इस कार्यक्रम से जुड़ सकते है. लोग इससे जुड़ने के लिए (https://www.tatasteel.com/initiatives/samvaad/index.html) और यूट्यूब चैनल (https://www.youtube.com/channel/UCtyIjTKJAYEaMH3BkcHRVzw) से जुड़ सकते है. इसके जरिये 500 स्कूली छात्रों को भी जोड़ा जा रहा है. इस कार्यक्रम में उरांव, सोहराय, सौरा, गोंड, वर्ली, राजवार विचित्र आर्ट को भी लोग देख सकेंगे. इसमें मणिपुर के आर्टिस्ट गुरु रेवबेन और नागालैंड के कलाकार टेटसियो सिस्टर भी हिस्सा लेगे. 15 नवंबर की शाम 7 बजे से रात 8.30 बजे तक कार्यक्रम का उदघाटन होगा.