जमशेदपुर : टाटा स्टील आने वाले वर्ष 2025 तक 30 मिलियन टन तक का उत्पादन करने लगेगी. इसके लिए मंदी के बावजूद विस्तारीकरण का काम चलता रहेगा. यह बातें टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहीं. श्री नरेंद्रन देश के एक निजी इकॉनॉमिक न्यूज चैनल को दिये गये इंटरव्यू में यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि कंपनी पर एक लाख करोड़ रुपये कर्ज था, जिसको घटाकर 7000 करोड़ रुपये तक करना है और उसमें तेजी से गति बनाकर हम लोग काम कर रहे है. उन्होंने बताया कि ऑटो इंडस्ट्रीज में मंदी जरूरी है, लेकिन भारत सरकार की ओर से संसाधन यानी इंफ्रास्ट्रक्चर में जो निवेश करने का लक्ष्य हासिल किया गया है, उसके तहत जरूर बेहतर कारोबार हो सकता है. एमडी सह सीइओ ने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कंपनी बेहतर तरीके से कैसे अपनी भूमिका को बढ़ा सकता है, इस पर जरूर हम लोग फोकस कर काम कर रहे है. उन्होंने बताया कि निर्माण के क्षेत्र में करीब 60 फीसदी कारोबार स्टील का ही है, ऐसे में इस क्षेत्र में बेहतर तरीके से काम करने के लिए कंपनी के एक्सपर्ट लगे हुए है. खास तौर पर आवास बनाने, कॉमर्शियल सेक्टर के अलावा इंडस्ट्रियल और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवपलमेंट पर ज्यादा जोर हम लोगों का है. जितने भी सस्ते घरों के प्रोजेक्ट है, उन सारे सेक्टर में ही भी हम लोग प्रवेश कर रहे है और निश्चित तौर पर वेयर हाउसिंग और सप्लाइ चेन को हम लोग दुरुस्त कर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बेहतर काम कर सकते है. इससे रोजगार के भी अवसर प्राप्त होंगे.
भूषण स्टील पूरी क्षमता पर चलेगी, उषा मार्टिन में निवेश करेगी टाटा स्टील
टाटा स्टील के एमडी ने अपने इंटरव्यू में कहा कि भूषण स्टील पांच मिलियन टन तक का प्लांट है. उसकी पूरी क्षमता को हासिल कर 5 मिलियन टन तक का उत्पादन करेगी जबकि उषा मार्टिन का भी वइस्तारीकरण किया जाना है. वर्तमान में उषा मार्टिन में लांग प्रोडक्ट का उत्पादन हो रहा है, जो 0.6 मिलियन टन है, जिसको अभी वर्तमान में बढ़ाकर एक मिलियन टन तक किया जायेगा और फिर आगे संभावनाओं को तलाशकर उसकी क्षमता को भी बढ़ाया जायेगा. उन्होंने बताया कि 7 फीसदी भारत का ग्रोथ रेट है. केंद्र की सरकार ने इस ग्रोथ को 8 फीसदी तक ले जाने को कहा है, जिस कारण आने वाले दिनों में स्टील का डिमांड भी काफी ज्यादा बढ़ेगदा, जिसके लिए कलिंगानगर प्लांट का भी विस्तारीकरण प्रोजेक्ट पांच मिलियन टन तक बढ़ाना है, जिस पर जरूर काम चल रहा है.
यूरोप के बिजनेस को कैश पोजिटिव करने पर जोर, सारे विकल्प खुले
एमडी ने यूरोप के बिजनेस के कारण बढ़ते कर्ज पर बोलते हुए एमडी ने कहा कि यूरोप के बिजनेस को कैश पोजिटिव करना लक्ष्य है ताकि घाटा कम हो सके. निश्चित तौर पर यह चिंता का विषय है, लेकिन सारे विकल्प खुले हुए है. वहां की सरकार के साथ भी बातचीत चल रही है. लेकिन इसमें क्या किया जा सकता है और क्या करेंगे, इसको एमडी ने स्पष्ट तौर पर कहने से इनकार किया.