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tata-steel-women-of-mettle-टाटा स्टील के ’वीमेन ऑफ मेटल’ स्कॉलरशिप में आईआईइईएसटी शिबपुर की ऐश्वर्या बनी विजेता, एनआईटी त्रिची की मृधुला दूसरी और आईआईटी आइएसएम धनबाद की खुशबू बनी तीसरी विजेता, भारत के 50 से अधिक प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों से 950 से अधिक उम्मीदवारों ने लिया था हिस्सा

राशिफल

जमशेदपुर : मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में महिलाओं को शामिल कर उन्हें प्रोत्साहित करने के अपने प्रयास में टाटा स्टील ने अपने अग्रणी छात्रवृत्ति कार्यक्रम ’वीमेन ऑफ मेटल’ के सीजन-5 का सफलतापूर्वक आयोजन किया. 13 सितंबर, 2021 को आयोजित वर्चुअल फिनाले में भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों की कुछ प्रतिभाशाली युवा महिला उम्मीदवारों ने अपने विवेक, कौशल और अपनी मौलिकता का उत्साहजनक का प्रदर्शन किया. आईआईईएसटी, शिबपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की छात्रा ऐश्वर्या राज ‘वूमेन ऑफ मेटल सीजन-5’ की विजेता बनी. एनआईटी त्रिची से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग की छात्रा मृधुला वेंकटनारायणन ने प्रथम उपविजेता का स्थान हासिल किया, जबकि आईआईटी आईएसएम धनबाद से माइनिंग की छात्रा खुशबू कुंतल ने प्रथम उपविजेता का स्थान हासिल किया. टाटा स्टील ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट की वाइस प्रेसिडेंट अतरई सान्याल ने कहा कि टाटा स्टील हमेशा सभी के लिए समान अवसर पैदा करने में विश्वास करती है. स्कॉलरशिप इनिशिएटिव ‘वूमेन ऑफ मेटल’ की अवधारणा प्रतिभाशाली महिलाओं को एक ऐसे क्षेत्र की ओर आकर्षित करने के लिए रची गई थी, जिसे दशकों से ‘पुरुष-प्रधान’ माना जाता रहा है. (नीचे भी पढ़ें)

‘वूमेन ऑफ मेटल’ का हर युवा मस्तिष्क इस क्रांतिकारी यात्रा का हिस्सा है, जो भविष्य में विभिन्न अपरंपरागत क्षेत्रों में नौकरियों का पता लगाने के लिए कई अन्य लोगों को प्रेरित करेगा. फिनाले जूरी के एक सदस्य वीपी रॉ मैटेरियल डीबी सुंदर रामम ने कहा कि हर साल हम विशेष रूप से वास्तविक जीवन की तकनीकी समस्याओं को युवाओं के सामने रखते हैं. इन युवा विद्यार्थियों का उत्साह आश्चर्यजनक है, जिनके पास इस तरह के अभिनव और उद्यमी विचार हैं. देश के प्रमुख उद्योगों में से एक के रूप में स्टील उद्योग को भी महिलाओं के समान योगदान से बहुत लाभ होगा. हम भविष्य में अपनी कई पहलों और प्लेटफार्मों के माध्यम से कई और महिलाओं को सक्षम बनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर हैं. पिछले साल की तरह इस साल भी मौजूदा महामारी की स्थिति को देखते हुए वर्चुअल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाते हुए इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. पांचवें संस्करण में अब तक की सबसे अधिक प्रविष्टियां प्राप्त हुईं. (नीचे भी पढ़ें)

इनमें आईआईटी, एनआईटी और इसके जैसे अन्य संस्थानों समेत पूरे भारत के 50 से अधिक प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों से सेकेंड ईयर इंजीनियरिंग की 950 से अधिक छात्राओं की प्रविष्टियां शामिल थीं. इन वर्षों में यह मंच उत्तरोत्तर विकसित हुआ है और मैन्युफैक्चरिंग में एक आशाजनक करियर बनाने की यात्रा में महिला इंजीनियरों के लिए पहला कदम के रूप में कार्य करता है. इस प्रोग्राम के तहत प्रतिभागियों को एक कठोर चयन प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिसमें विभिन्न प्रकार की तकनीकी बाधाएं शामिल होती हैं. उम्मीदवार वास्तविक जीवन की तकनीकी चुनौतियों पर काम करते हैं. इनमें से शीर्ष 10 उम्मीदवारों का चयन किया जाता है. चयनित उम्मीदवार प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में सम्मानित जूरी के सामने अपने समाधान प्रस्तुत करते हैं. प्रस्तुतियों और प्रस्तावित समाधानों की व्यवहार्यता और गुणवत्ता के आधार पर विजेताओं का चयन किया जाता है. शीर्ष के 10 उम्मीदवारों को टाटा स्टील में करियर बनाने के अवसर के अलावा 2,00,000 रुपये की छात्रवृत्ति मिलती है. वे एक टेक्निकल इंटर्न के रूप में टाटा स्टील में शामिल हो सकते हैं, और बाद में एक प्री-प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) प्राप्त कर सकते हैं. 11 से 30 रैंक वाले उम्मीदवारों को उनके इंजीनियरिंग कोर्स के तीसरे वर्ष में समर इंटर्नशिप का अवसर भी दिया जाता है.

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