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tata-workers-union-टाटा वर्कर्स यूनियन की हाईकोर्ट में दायर याचिका को लेकर कानून के जानकारों से ले रही राय, प्रबंधन का भी यूनियन को मिला साथ

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जमशेदपुर : टाटा स्टील की अधीकृत यूनियन टाटा वर्कर्स यूनियन की झारखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका को लेकर कानून के जानकारों से राय ली जा रही है. इस मामले को लेकर यूनियन को बड़ी राहत यह भी मिली है कि इस मामले में प्रबंधन का साथ भी यूनियन को मिल चुका है और प्रबंधन भी अपने तंत्र के माध्यम से यूनियन को मदद कर रही है ताकि इस मसले का समाधान हो सके. इसको लेकर अब यूनियन की ओर से अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह मिलकर काम कर रहे है और इसका कोई ठोक रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे है. आपको बता दें कि 31 जनवरी 2021 को हुए चुनाव में अध्यक्ष संजीव चौधरी, महामंत्री सतीश सिंह और डिप्टी प्रेसिडेंट शैलेश सिंह समेत कुल 11 पदाधिकारी और 214 कमेटी मेंबरों का चुनाव हुआ था. इस मसले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में एक याचिका यूनियन के सदस्य सुनील कुमार सिंह की ओर से दायर की गयी है. सुनील सिंह यूनियन के पूर्व अध्यक्ष पीएन सिंह के समर्थक है. इस याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस फैसला ले सकते है. सुनील कुमार सिंह की ओर से दाखिल याचिका में झारखड सरकार के श्रम विभाग, रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन, श्रमायुक्त का कार्यालय, टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष और चुनाव पदाधिकारी संतोष कुमार सिंह को आरोपी बनाया गया है. यह याचिका 19 मार्च 2021 को ही दाखिल की जा चुकी है. इस केस का रिट पीटिशन नंबर 390/2021 है, जिसको लेकर अब झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुनवाई करेंगे. इस याचिका में सुनील कुमार सिंह ने बताया है कि यूनियन चुनाव के संचालन के लिए निवर्तमान पदाधिकारियों की देखरेख में निर्वाचित चुनाव पदाधिकारी व चुनाव उपसमिति के सदस्यों का चुनाव गैर कानूनी है. यूनियन के चुनाव नियमावली का उल्लंघन कर चुनाव कराया गया है. संविधान का हवाला देते हुए बताया गया है कि चुनाव पदाधिकारी का चुनाव हर हाल में कार्यकारिणी पदाधिकारी या सदस्यों के बीच से ही होगी. बशर्तें प्रत्याशी कार्यकारिणी के दस सदस्यों द्वारा प्रस्तावित और अनुमोदित हो. कार्यकारिणी ही चुनाव उपसमिति के सदस्यों को चुनाव पदाधिकारियों और कार्यकारिणी के सदस्यों या आम सदस्यों के बीच से गुप्त मतदान के जरिये करेगी. लेकिन वर्तमान नेतृत्व मंडल ने अपने आम सदस्यों की जानकारी नहीं ली और कोई सूचना या विज्ञप्ति ही निकाली गयी. 12 जनवरी को सूचना जारी कर 13 जनवरी को चुनाव कराने की जानकारी दी गयी. निवर्तमान पदाधिकारी दो गुटों में बंटकर एक ने सत्ता पक्ष और विपक्ष बना लिया और चुनाव करा लिया जबकि इस कार्यकारिणी का कार्यकाल 21 फरवरी 2021 तक का था, जो सर्वथा गलत है. इसके अलावा चुनाव में कम समय दिया गया. निर्वाचन क्षेत्र में गड़बड़ी से संबंधित भी शिकायतें है. लोगों को प्रचार करने का कम समय दिया गया. खास तौर पर रिटर्निंग ऑफिसर का चुनाव जो कराया गया था, वह गलत था. टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव चौधरी टुन्नु ने कहा है कि इस मसले पर कानूनी जानकारों से राय ली जा रही है.

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